लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करने की जरूरत, डोनरों को मिले सुविधाएं
दरभंगा में युवाओं की एक टीम 24 घंटे रक्तदान के लिए लोगों की तलाश करती है। रक्तदाता जागरूकता की कमी को समस्या मानते हैं और स्कूलों में जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता बताते हैं। टीम ने हजारों लोगों...

शहर में स्वैच्छिक रक्तदान के लिए दर्जनों युवा तत्पर हैं। इनकी टीम 24 घंटे सोशल मीडिया से लेकर अस्पतालों तक ब्लड के जरूरतमंदों को ढूंढ़ती है। रक्तवीर बताते हैं कि मरीज के परिजन या अन्य माध्यम से सूचना मिलते ही पहुंच जाते हैं। फिर ब्लड ग्रुप के अनुसार प्रोसेसिंग की व्यवस्था करते हैं। ब्लड डोनर बताते हैं कि हमलोग आजीवन रक्तदान करने के जज्बे से लैस हैं। इससे लोगों को रक्तदान से कन्नी काटते देख मन दुखी हो जाता है। लोग लाख समझाने पर भी रक्तदान के लिए तैयार नहीं होते। जागरूकता की कमी से लोगों में संशय की स्थिति बनी हुई है।
इससे रक्तदान करने वाले नए लोग कम ही सामने आ पाते हैं। ब्लड डोनर इसके लिए सिस्टम को जिम्मेवार मानते हैं। साथ ही रक्तदाताओं की मुश्किलों से भी अवगत कराते हैं। बताते हैं कि लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक बनाने की जरूरत है। इसके लिए स्कूल-कॉलेजों के साथ गांव-गांव में पोलियो उन्मूलन की तरह अभियान चलाना चाहिए। इसके अभाव में नए रक्तदाताओं की तादाद धीमी गति से बढ़ रही है। रक्तदाता सचिन यादव, बैद्यनाथ कुमार, धरम कुमार, प्रशांत कुमार, अजय कुमार अन्नपूर्णा, अब्दुल कलाम आरजू, सज्जन कुमार, अभिषेक कुमार झा, राजीव रंजन, रंजन कुमार ठाकुर, कन्हैया झा आदि बताते हैं कि वर्ष 2016 में जीवनरक्षक दरभंगा ब्लड डोनर टीम गठित हुई। इसे 2017 में रजिस्टर्ड कराया गया है। उन्होंने बताया कि जीवनरक्षक टीम के सदस्य समर्पण भाव से ब्लड डोनेट कर हजारों लोगों की जान बचा चुके हैं। टीम के सार्थक कार्यों से प्रभावित होकर सुलभ इंटरनेशनल ने डोनेशन भी दिया। इससे क्लब के कार्यों को बढ़ावा मिला है। साथ ही ब्लड डोनेट शिविर, प्रचार-प्रसार के कार्य हुए हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में करीब 800 युवा हैं जो जिले के विभिन्न हिस्सों में रक्तदान कर लोगों के जीवन को बचा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में हिन्द मानव सेवा संस्थान, युवा शक्ति फाउंडेशन आदि जैसे दर्जनभर संगठन रक्तदान को अपने दम पर बढ़ा रहे हैं। फिर भी कई बार जिले के ब्लड बैंकों में रक्त किल्लत हो जाती है। उन्होंने बताया कि डीएमसीएच में दरभंगा सहित उत्तर बिहार के आधा दर्जन जिलों से लोग ब्लड लेने आते हैं, इसलिए डोनरों की तादाद में इजाफे की जरूरत है। इसके लिए सरकारी स्तर पर नियमित अभियान चलेगा तो लोगों की चेतना जगेगी और रक्तदान का ग्राफ बढ़ेगा।
ब्लड डोनरों को मिले उपचार में प्राथमिकता व ब्लड
दरभंगा जिले में सरकारी स्तर पर डीएमसीएच क्षेत्रीय रक्त अधिकोष एवं बेनीपुर अनुमंडलीय अस्पताल ब्लड बैंक है, जबकि निजी स्तर पर तीन ब्लड बैंक हैं। ब्लड डोनर बताते हैं कि किसी भी जगह डोनरों के लिए विशेष बंदोबस्त नहीं है। डीएमसीएच में तो रक्तदान करने वाले लोगों को रिफ्रेशमेंट भी नहीं मिलता है। रक्तवीरों का कहना है कि स्कूल स्तर पर जागरूकता अभियान तेज करने की जरूरत है ताकि अधिक से अधिक युवा और सामान्य लोग रक्तदान के लिए सामने आएं। इससे जरूरतमंदों का भला होगा और रक्त की कमी दूर होगी।
-बोले जिम्मेदार-
बेड पर चादर को समय-समय पर बदला जाता है। ब्लड डोनरों को रिफ्रेशमेंट देने की भी व्यवस्था है। कभी-कभी ऐसा होता है कि रिफ्रेशमेंट के लिए राशि की कमी हो जाती है। ऐसी स्थिति में हम लोग ब्लड डोनरों को रिफ्रेशमेंट नहीं दे पाते हैं।
-डॉ. सजीव कुमार, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, डीएमसीएच
क्षेत्रीय रक्त अधिकोष रक्तदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए रेडक्रॉस, दरभंगा की ओर से समय-समय पर अभियान चलाया जाता है। अलग-अलग जगहों पर ब्लड डोनेशन कैंप लगाकर लोगों को रक्तदान के लिए जागरूक किया जाता है।
-डॉ. आरबी खेतान, राज्य प्रतिनिधि, भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी
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