बिहार में पुलों और फ्लाई ओवर की सेहत जांची जाएगी, हेल्थ कार्ड बनेगा ; नीतीश कैबिनेट में नई मेन्टेनेंस पॉलिसी पास
बिहार में पुलों और फ्लाई ओवर का हेल्थ कार्ड बनेगा और नियमित जांच होगी। जिसके तहत ब्रिज हेल्थ इंडेक्स (बीएचआइ ) तय किया जाएगा। किस पुल की मरम्मत की जरूरत है। मंगलवार को नीतीश कैबिनेट में नई मेन्टेनेंस पॉलिसी पर मुहर लगा दी गई।

बिहार में पुलों और फ्लाई ओवर का नियमित और बेहतर अनुरक्षण किया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिपरिषद ने मंगलवार को इसकी मेन्टेनेंस की नयी नीति पर मुहर लगा दी। बैठक में 47 एजेंडों पर सहमति प्रदान की गयी। इसके तहत पुलों का सबसे पहले स्वास्थ्य कार्ड बनाया जाएगा। फिर उसकी बीमारी के अनुरूप उसके इलाज की कार्ययोजना बनायी जाएगी। नई नीति के तहत हर पुल की स्थिति का आंकलन करने के लिए ब्रिज हेल्थ इंडेक्स (बीएचआइ ) बनाया जायेगा।
यह इंडेक्स पुलों के घटकों की वास्तविक भौतिक स्थिति के आधार पर शून्य से 100 के बीच मापा जायेगा। जिन पुलों का बीएचआइ कम होगा, उन्हें क्रिटिकल श्रेणी में रखा जाएगा और प्राथमिकता के आधार पर मरम्मत की जाएगी। साथ ही बीएचआइ मानकों पर चयनित क्रिटिकल पुलों की प्राथमिकता का निर्धारण कर मेंटेनेंस प्रायोरिटी इंडेक्स (एमपीआइ) के जरिए यह तय किया जायेगा कि किन पुलों की मरम्मत पहले होनी चाहिए। इसमें पुल की ज्यामिति, उपयोग, डिजाइन और अर्जेंट मेंटेनेंस की जरूरत को आधार बनाया जायेगा।
आपको बता दें बीते साल मॉनसून की सीजन में कई पुल और पुलिया ढह गई थी। जिसके बाद चलते आवागमन पूरी ठप हो जाता था। कई गांवों में तो पुल ही जाने-आने का विकल्प हैं। ऐसे में अब पुलों की जांच होती, जो पुल मरम्मत लायक होंगे, उन्हे ठीक जाएगा। मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। जिसमें कई विभागों में नए पदों पर बहाली, शाहाबाद क्षेत्र में जलापूर्ति और सीवरेज पर बड़ा खर्च करने पर सहमति बनी। इसके अलावा पटना के नजदीक स्थित दानापुर, खगौल और फुलवारीशरीफ के विकास को प्रस्तावों पर मुहर लगी।ट