इंजीनियरिंग कॉलेज के गार्ड व कर्मियों को नहीं दिया जा रहा न्यूनतम मजदूरी
हुलासगंज, निज संवाददाता। वहीं एक अन्य व्यक्ति प्रवीण कुमार ने बताया कि केवल अवकाश के लिए आवाज उठाने की सजा मिल चुकी है।

हुलासगंज, निज संवाददाता। इंजीनियरिंग कॉलेज में कार्यरत सिक्योरिटी गार्ड एवं अन्य कर्मियों ने सिक्योरिटी कंपनी पर कम वेतन देने का आरोप लगाया है। इस संबंध में सिक्योरिटी गार्ड के पद पर कार्यरत रंजन कुमार ने बताया कि सिमांचल सिक्योरिटी प्राईवेट कंपनी के तहत दो वर्षों से काम कर रहा हूं, लेकिन कंपनी के द्वारा दिये जाने वाले वेतन कार्य अवधि में सुविधाएं एवं अवकाश आदि मुद्दों पर बात करने पर हटाने की धमकी दी जाती है। वहीं एक अन्य व्यक्ति प्रवीण कुमार ने बताया कि केवल अवकाश के लिए आवाज उठाने की सजा मिल चुकी है। मुझे अगले ही दिन काम छोड़ देने का आदेश दे दिया गया। आवाज उठाने वाले मजदूर को निकालने की धमकी भी दी जाती है। हालांकि कर्मियों ने न्यूनतम मजदूरी एवं कार्य करने की अवधि को लेकर जिलाधिकारी से भी शिकायत की है। कर्मियों ने बताया कि कंपनी के द्वारा अभियंत्रण महाविद्यालय में सफाई कर्मी से लेकर सिक्योरिटी गार्ड तक के 26 व्यक्ति का कार्यरत है। सभी कार्यरत कर्मियों की मजदूरी न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के प्रावधानों के विपरीत काफी कम दिया जा रहा है। बताया गया कि न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के प्रावधानों के तहत सिक्योरिटी गार्ड के रूप में कार्यरत एक व्यक्ति को 428 रूपया दैनिक मजदूरी होनी चाहिए जबकि मात्र 285 रुपया प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी दी जा रही है इसके साथ ही एक महीने में लगातार 30 दिन ड्यूटी को अनिवार्य कर दिया गया है। जबकि श्रम कानून के प्रावधानों के तहत लगातार 7 दिन के बाद एक दिन अवकाश दिया जाना जरूरी है। इसी तरह सफाई कर्मी माली एवं अन्य पदों पर कार्यरत लोगों को भी न्यूनतम मजदूरी नहीं दी जा रही है। इस संबंध में पूछे जाने पर सिक्योरिटी कंपनी के इंचार्य विजय सिंह ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह कंपनी का आंतरिक मामला है।
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