आचार्य महामंलेश्वर कैलाशानंद गिरी अपने मातृभूमि सिमुलतला में किया प्रवास
आचार्य महामंलेश्वर कैलाशानंद गिरी अपने मातृभूमि सिमुलतला में किया प्रवास आचार्य महामंलेश्वर कैलाशानंद गिरी अपने मातृभूमि सिमुलतला में किया प्रवास

सिमुलतला । निज संवाददाता आचार्य महामंलेश्वर कैलाशानंद गिरी 28 मई को झारखंड राज्य देवघर के अपने एक प्रिय शिष्य के शादी समाहरो में शामिल होने के बाद तीन दिवसीय प्रवास के लिए अपने मातृभूमि सेवा धाम सिमुलतला पहुंचे हुए है। वे 29 मई से 01 जुन तक सिमुलतला स्थित अपने सेवा धाम में प्रवास करेंगे। इस दौरान प्रवास के दूसरे दिन स्थानीय मीडिया कर्मियों से हुई बात चित के दौरान उन्होंने कहा कि सिमुलतला थाना क्षेत्र के पाण्डेयडीह, ढ़ोढ़री गांव मेरा पैतृक आवास है। लेकिन जब से मैं सन्यासी बना हूँ, उसके बाद में अपना पैतृक आवास नहीं गया हूँ। सन्यास के पहले जब ब्रह्मचर्य था उस समय घर जाते थे।
मैं अभी सन्यास परम्परा का सर्वोच्च पद पर बैठा हूँ और सन्यास का घर जाने का अधिकार नहीं है। अन्य जो भी सन्यासी है वो हमसे प्रेरणा लेगे कि घर से नजदीक होने के बाद भी घर नहीं गए तो अन्य कोई भी सन्यासी अपना घर नहीं जाएंगे। यह सेवा धाम 2010 में लिया गया था, लेकिन मुझे 15 वर्ष बाद यहां आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। यहां का वातावरण एवं भक्तो का स्नेह जिस प्रकार मिल रहा है , मुझे लगता है कि मुझे पहले ही आना चाहिए था। मैं आज सुबह देवघर पंडा के महामंत्री के साथ सिमुलतला से 20 किमी दूर बांका जिले के पिलुआ पहाड़ पर जाकर खुद शिव को चढ़ाने के लिए बेलपत्र तोड़ने का भी सौभाग्य मिला। देवघर के पंडा जो मेरे साथ बेलपत्र तोड़ने के लिए गए हुए थे वो तो मुझे ही शिव का दर्जा दे दिए। यहां के लोगो का भक्ति भाव से मैं काफी अभिभूत हूँ। उन्होंने कहा कि हम बेहद भाग्यशाली है कि हम भारत वासी है उसमें भी सनातनी है, पूरे संसार मे कुल 12 ज्योतिर्लिंग है जिसमे दो ज्योतिर्लिंग में महादेव प्रत्यक्ष मां पार्वती के साथ निवास करते है । एक स्थान कांशी विश्वनाथ है और दूसरा बैजयनाथ धाम है। हम ऐसे पुण्यात्मा है जिसमे महादेव के सबसे नजदीक वास करते है। और महादेव ने ही अपनी सेवा में देश ही नहीं दुनिया में हर छोटे बड़े को संदेश देने के लिए सबसे बड़े आचार्य पद पर आश्रित किया। आप सबों का भी सौभाग्य है कि एक छोटे से गांव से निकलकर साधु देश के सर्वोच्च स्थान पर बैठा है। भगवान श्री राम ने कहा था कि मेरा जन्मभूमि स्वर्ग से भी सुंदर है इसलिए मेरा जन्मभूमि यहां है और यह स्थान मेरे लिए स्वर्ग से भी बढ़कर है। इसलिए मुझे यहां 15 साल पहले आना चाहिए था क्योंकि 15 साल पहले मैंने इस सेवा धाम को रजिस्ट्री करवाया था। अब मुझे लगता है कि यहां भी कुछ बड़ा करना चाहिए क्योंकि सनातनियों बल मिल सके। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर पर कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के कारण ही पाकिस्तान के ऊपर त्वरित कार्यवाही सम्भव हो पाया। इसमें विपक्ष, आम नागरिक, मीडिया ने भी सरकार का साथ दिया, भारत एक दयामान देश है और भारत ने पाकिस्तान को दया कर दिया। ऐसे में पाकिस्तान दया करने के योग्य नहीं है । भारत का युद्ध पाकिस्तान से नहीं है मेरा युद्ध वहां के अतंगवादियों से है। और यह युद्ध तबतक चलता रहेगा जबतक पाकिस्तान अतंगवादियों को शरण देना बंद नहीं कर देता। सीजफायर से युद्ध खत्म नहीं हुआ है सिर्फ युद्ध मे विराम लगा हुआ है। यदि पाकिस्तान सीजफायर का उलंघन करता है तो भारत के तीनों सेना पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए हमेशा तैयार बैठा है। इस मौके पर विज्ञान एवं प्रद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह, राजद नेता श्रीकान्त यादव, झाझा विधान सभा के पूर्व प्रत्याशी राजेन्द्र यादव, बिनोद यादव सहित बिहार सहित अन्य राज्य के बड़े बड़े राजनेता व उद्योगपति सेवा धाम सिमुलतला में पहुंचे हुए थे।
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