Revival of Block Nursery for Environmental Protection Hangs in Balance परबत्ता में मुख्यमंत्री हरित क्रांति की सपना अधर में लटकी, Khagaria Hindi News - Hindustan
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परबत्ता में मुख्यमंत्री हरित क्रांति की सपना अधर में लटकी

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Newswrap हिन्दुस्तान, खगडि़याFri, 30 May 2025 04:27 AM
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परबत्ता में मुख्यमंत्री हरित क्रांति की सपना अधर में लटकी

परबत्ता। एक प्रतिनिधि पर्यावरण संरक्षण को सुदृढ़ बनाने के लिए प्रखंड मुख्यालय में बनाए गए प्रखंड नर्सरी को पुनर्जीवित करने का सपना अधर में है। वही विभाग के किसी अधिकारी ने आज तक नर्सरी को पुनर्जीवित करने के लिए कोई कदम उठाना मुनासिब नहीं समझा है। स्थिति यह कि मुख्यमंत्री वृक्षारोपण योजना, जल जीवन हरियाली आदि अंतर्गत किसानों द्वारा अपनी खेतों में बाग बगीचा लगाने के लिए दूसरे जिले से वृक्ष लाने को विवश हैं। बताया जाता है कि परबत्ता प्रखंड की स्थापना के साथ ही स्थानीय के दौरान बुद्धिजीवियों व अधिकारियों के प्रयास से लगभग तीन एकड़ जमीन में प्रखंड नर्सरी की व्यवस्था की गई थी।

नर्सरी की से स्थानीय प्रखंडवासियों को बारिश के मौसम में अनुदानित मूल्य पर फलदार व लकड़ी के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे उपलब्ध कराए जाते थे। जानकारों की माने तो विभाग द्वारा करीब दो दशक पूर्व हाजीपुर आदि सें नारियल, अमरूद, आम, बेदाना, शंतरा, नींबू, सेमल, शीशम आदि के पौधे लाकर किसानों के बीच अनुदानित मूल्य पर उपलब्ध कराए जाते थे। विभाग की उदासीनता के कारण गत दो दशक से किसानों के लिए पौधे दिवास्वप्न बनकर रह गया है। मुख्यमंत्री हरित क्रांति की योजना अधर में लटक कर रह गया है। पड़ोसी जिले से लाए जाते हैं पौधे: मनरेगा योजना अंतर्गत चलाए जा रहे वृक्षारोपण योजना में विभाग व संबंधित किसानों द्वारा दूसरे जिले भागलपुर, पूर्णिया, हाजीपुर आदि से पौधा लाकर योजना का संचालन करने को विवश हैं। जिस नर्सरी में नवजात पौधे रहनी चाहिए था। वहां आज बड़े-बड़े आम आदि के पौधे लगे हुए हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि विभाग द्वारा वर्तमान में एक बाग मलिक के रूप में एक कर्मी को नियुक्त किए हैं, लेकिन उनका कोई आता-पता नहीं है। नर्सरी को सुदृढ़ीकरण में खर्च: प्रखंड नर्सरी को पुनर्जीवित करने के नाम पर वर्ष 2012 में जिला उद्यान विभाग के आदेश के आलोक में नर्सरी की घेराबंदी के नाम पर 23,950 रुपये, सिंचाई आधारभूत संरचना को लेकर 49,932 रुपए तथा माली सेट निर्माण को लेकर 60 हजार रुपये खर्च किए गए हैं। सरकारी राशि खर्च होने के बाबजूद भी इसे पुनर्जीवित करने का सपना अधर में लटका हुआ है। बोले अधिकारी: प्रखंड नर्सरी के जीर्णोद्धार के लिए उच्चाधिकारी के समक्ष प्रस्ताव भेजी गई है। प्रस्ताव की स्वीकृति के बाद जीर्णोद्धार का काम शुरू होगा। रजनी सिन्हा, डीएचओं खगड़िया।

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