कोविड के नये वैरिएंट से लड़ने के लिए मॉकड्रिल
कोविड के नये वैरिएंट से लड़ने के लिए मॉकड्रिल कोविड के नये वैरिएंट से लड़ने के लिए मॉकड्रिल कोविड के नये वैरिएंट से लड़ने के लिए मॉकड्रिल

किशनगंज, एक प्रतिनिधि। बिहार सहित देश के अन्य राज्यों में कोविड के दो नए वैरिएंट की दस्तक ने एक बार फिर स्वास्थ्य महकमे को सतर्क कर दिया है। कोरोना संक्रमण की संभावित दस्तक से पहले ही केंद्र सरकार के निर्देश पर जिले के सभी 274 स्वास्थ्य संस्थान में दो दिन में मॉकड्रिल किया जाएगा। मॉकड्रिल के पहले दिन बुधवार को सदर अस्पताल में कोविड वार्ड,आरटीपीसीआर लैब एवं सदर अस्पताल में कोविड को लेकर अन्य तैयारी का मॉकड्रिल किया गया। मॉकड्रिल में सिविल सर्जन डॉ. राजकुमार चौधरी, डीपीएम डॉ. मुनाजिम, सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. अनवर हुसैन सदर अस्पताल मैनेजर जुले अशरफ के अलावा सदर अस्पताल कर्मी शामिल थे।
सिविल सर्जन डॉ. राजकुमार चौधरी ने कहा कि कोविड की तैयारी को लेकर सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर जिले को आवश्यक तैयारियों की गहन समीक्षा करने और संभावित आपदा से निपटने की रणनीति और तैयारी बुधवार को सदर अस्पताल में मॉकड्रिल किया गया। उन्होंने बताया कि दो दिन में जिले के सभी 274 स्वास्थ्य संस्थान का मॉकड्रिल किया जाना है। जिसके शुरुआत में पहले दिन बुधवार को सदर अस्पताल का मॉकड्रिल किया गया। उन्होंने कहा कि कोविड की तैयारी को लेकर जिले में ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा का सबसे अंतिम पायदान पर स्थित एचडब्लूसी से लेकर जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल एवं कोरोना वार्ड एवं आरटीपीसीआर लैब का मॉकड्रिल किया जा रहा है। उन्होंने कहा मॉकड्रिल का उद्देश्य कोरोना की तैयारी में स्वास्थ्य ढांचे की जमीनी हकीकत को परखना, संसाधनों की उपलब्धता की समीक्षा करना और कर्मचारियों की तत्परता का मूल्यांकन करना। सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप हुआ मॉकड्रिल: सिविल सर्जन डॉ. राजकुमार चौधरी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग एवं सरकार द्वारा आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में दिए गए निर्देशों के आलोक में यह मॉक ड्रिल संपन्न की गई। जिसमे ऑक्सीजन युक्त आइसोलेशन वार्ड: अस्पतालों में कम से कम 5 बिस्तरों वाले कोविड आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था की जानी थी, जिसमें ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित हो। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर व जीवन रक्षक दवाएं: आइसोलेशन यूनिट में गंभीर मरीजों के लिए आवश्यक दवाओं की उपलब्धता पर बल दिया गया। सुरक्षा किट और हाइजीन उपकरण: डॉक्टरों व कर्मियों के लिए पीपीई किट, मास्क, दस्ताने और सैनिटाइज़र की समुचित मात्रा में उपलब्धता: कोविड जांच के लिए सभी केंद्रों को वाइरल ट्रांसपोर्ट मीडियम व टेस्टिंग किट्स से उपलब्ध किया गया। प्रखंड और एचएससी तक फैला मॉक ड्रिल का दायरा: सिविल सर्जन डॉ. राजकुमार चौधरी ने कहा कि यह मॉक ड्रिल केवल जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसे पीएचसी-सीएचसी , एपीएचसी ,एचडब्लूसी एवं एचएससी स्तर तक जिले के सभी 274 स्वास्थ्य से संस्थान तक विस्तारित किया गया। सभी केंद्रों को आईएचआईपी पोर्टल के माध्यम से पी-फॉर्म भरकर रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। जिला स्तरीय निगरानी दलों ने ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों का भी निरीक्षण किया और वहां की व्यवस्थाओं को परखा।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।