New Life for Kids with Congenital Heart Disease CM Child Heart Scheme in Kishanganj नन्हे दिलों को मिली नई उड़ान: मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना बनी जीवनदान, Kishanganj Hindi News - Hindustan
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नन्हे दिलों को मिली नई उड़ान: मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना बनी जीवनदान

जिले के 31 बच्चों को मिला हृदय रोग का नि:शुल्क उपचार, चार और मरीज पटना रवानानन्हे दिलों को मिली नई मुख्यमंत्री बाल हृदय योजनानन्हे दिलों को मिली नई मु

Newswrap हिन्दुस्तान, किशनगंजThu, 19 June 2025 02:55 AM
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नन्हे दिलों को मिली नई उड़ान: मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना बनी जीवनदान

किशनगंज, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। एक मां की सबसे बड़ी चाहत होती है, अपने बच्चे की मुस्कान। पर सोचिए, जब वही मुस्कान जन्म से ही एक अदृश्य बीमारी की गिरफ्त में हो, तब उस मां के दिल पर क्या गुजरती होगी? हृदय रोग से जूझते नन्हे बच्चे, जिनकी सांसें भी तकलीफ में होती हैं, उनके लिए उम्मीद की किरण बनकर सामने आई है मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना। इस योजना ने न केवल इलाज को संभव बनाया है, बल्कि यह भी साबित किया है कि सरकार सिर्फ योजनाएं नहीं बनाती, बल्कि अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाकर जीवन भी बदलती है।इसी कड़ी में किशनगंज जिले के ऐसे कई मासूमों को नई जिंदगी की ओर बढ़ते देखना अपने आप में एक सुखद अनुभव है।

जहां पहले माता-पिता केवल लाचारी में अपने बच्चों की हालत देखते थे, आज वे उन्हें इलाज के लिए पटना और अहमदाबाद जाते देख रहे हैं । वो भी बिल्कुल नि:शुल्क, सरकार की पूरी मदद के साथ। बचपन जब सांसों की लड़ाई में उलझ जाए, तो हर धड़कन दुआ बन जाती है। ऐसे मासूमों के लिए मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना एक वरदान बनकर सामने आई है। इस योजना ने जिले के कई बच्चों की जिंदगियों को नई दिशा दी है। आज इसी योजना के तहत जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित चार बच्चों को इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान (कॅकउ), पटना में होने वाले स्वास्थ्य शिविर में जांच हेतु सदर अस्पताल, किशनगंज से रवाना किया गया। वहां जांच के बाद जरूरत पड़ने पर बच्चों को श्री सत्य साईं हार्ट हॉस्पिटल, अहमदाबाद इलाज के लिए भेजा जाएगा। अब तक 31 बच्चों को मिल चुका है नया जीवन: सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि अब तक किशनगंज जिले के 31 बच्चों का नि:शुल्क हृदय ऑपरेशन मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत हो चुका है। इसमें से करीब 25 बच्चों का ऑपरेशन श्री सत्य साईं हॉस्पिटल, अहमदाबाद में और लगभग 6 बच्चों का कॅकउ पटना में डिवाइस क्लोजर किया गया है। उन्होंने बताया कि जिले में आरबीएसके टीम की सतत सक्रियता के कारण ऐसे बच्चे चिन्हित हो पा रहे हैं।उन्होंने बताया की नसरीन खातून, पिताझ्रनसरन साह, उम्रझ्र8 वर्ष, पल्लवी कुमारी, पिताझ्रश्रवण कुमार, उम्रझ्र16 माह, राजवीर सिंह, पिताझ्रसचिन सिंह, उम्रझ्र8 वर्ष, प्रखंडठाकुरगंज मोहित कुमार, पिताधीरज कुमार, उम्र3 वर्ष 4 माह, प्रखंडबहादुरगंज को भेजा गया है | सरकार कर रही पूरा खर्च, योजना का लाभ हर जरूरतमंद को मिले : जिला पदाधिकारी विशाल राज ने कहा, "यह योजना राज्य सरकार की संवेदनशीलता और सेवा भावना का प्रतीक है। मैं जिले के सभी अभिभावकों से अपील करता हूं कि यदि किसी भी बच्चे को जन्मजात हृदय रोग है तो तुरंत अपने नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या सदर अस्पताल से संपर्क करें। पूरा इलाज, जांच और यात्रा का खर्च राज्य सरकार उठाती है। आरबीएसके टीम की सतत सक्रियता से संभव हुआ कार्य : आरबीएसके जिला समन्वयक पंकज कुमार शर्मा ने बताया कि योजना के अंतर्गत 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों का स्क्रीनिंग कर चार श्रेणियोंझ्र जन्मजात दोष, पोषक तत्व की कमी, विकास में विलंब और दिव्यांगता से संबंधित बीमारियों की पहचान की जाती है। "हमारी टीम स्कूलों, आंगनबाड़ियों, स्वास्थ्य केंद्रों और गांवों में भ्रमण कर ऐसे बच्चों की पहचान करती है और उन्हें समय रहते उपचार दिलवाती है।"डीपीएम डॉ. मुनाजिम ने कहा कि आने-जाने का किराया, रहन-सहन, इलाज और फॉलोअप तक का पूरा प्रबंध राज्य स्वास्थ्य समिति करती है, ताकि किसी परिवार को आर्थिक बोझ महसूस न हो।अगर आपका बच्चा या आस-पास कोई बच्चा सांस लेने में कठिनाई, बार-बार थक जाना या जन्म से किसी हृदय दोष से पीड़ित है, तो तुरंत संपर्क करें। मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के माध्यम से हम मिलकर उस मासूम को एक स्वस्थ जीवन दे सकते हैं।

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