394 expatriates brought to Lakhisarai by Shramik Express train श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन से लखीसराय लाए गए 394 प्रवासी, Lakhisarai Hindi News - Hindustan
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श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन से लखीसराय लाए गए 394 प्रवासी

दादरी से जमुई आने वाली 04126 श्रमिक स्पेशल एक्सप्रेस 394 प्रवासी मजदूरों के जत्थे को लेकर सोमवार को किऊल स्टेशन पहुंची। किऊल जंक्शन पर उतरे प्रवासियों में सूबे के 11 जिले के लोग शामिल थे। श्रमिक...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखीसरायMon, 18 May 2020 11:33 PM
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श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन से लखीसराय लाए गए 394 प्रवासी

दादरी से जमुई आने वाली 04126 श्रमिक स्पेशल एक्सप्रेस 394 प्रवासी मजदूरों के जत्थे को लेकर सोमवार को किऊल स्टेशन पहुंची। किऊल जंक्शन पर उतरे प्रवासियों में सूबे के 11 जिले के लोग शामिल थे। श्रमिक स्पेशल सुबह 10.15 बजे प्लेटफॉर्म संख्या चार पर पहुंची। स्टेशन पर करीब 30 मिनट तक ट्रेन रूकी रही। इस दौरान सभी अप्रवासी प्लेटफॉर्म पर उतरकर पहले से बने क्रॉस के निशान पर कतारवद्ध हो गए। पहले दूसरे जिले के प्रवासियों को प्लेटफॉर्म के बाहर लगे बसों में बैठने का निर्देश दिया गया। किऊल जीआरपी द्वारा सभी प्रवासियों को जिला के अनुसार गिनती कर एक सादे कागज में नोट किया गया।

बसों पर नहीं दिखी सोशल डिस्टेंसिंग: प्रवासी मजदूरों में घर जाने की जल्दबाजी दिख रही थी। जिस बस में 50 से 60 लोगों के बैठने की क्षमता थी, उसपर सौ के करीब प्रवासी मजदूर बैठे दिखे। बसों पर सोशल डिस्टेंसिंग की बात तो दूर, यहां तो धड़ल्ले से सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन होता दिखा। प्रवासी झुंड बनाकर बसों में चढ़ रहे थे। इस दौरान प्रवासियों को एक दूसरे से शारीरिक संपर्क के बीच बसों पर सवार देखा गया।

प्रशासनिक व्यवस्था देखी गई नाकाफी: प्रशासन के द्वारा अप्रवासियों के लिए की गई व्यवस्था नाकाफी थी। प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए बसों की संख्या जरूरत के हिसाब से कम थे। बसों में प्रवासियों को ठूंस—ठूंस कर भरे जा रहे थे। खासकर शेखपुरा, नवादा, गया जाने वाले बसों में काफी भीड़ देखी गई। शेखपुरा, नवादा, गया जाने के लिए प्रशासन की ओर से दो बसों के इंतजाम किए गए थे। वहीं प्रवासियों की संख्या अधिक थी। ऐसे में कई लोग बसों में चढ़ भी नहीं पाए, जिन्हे बाद में बालगुदर क्वारंटाइन सेंटर भेज दिया गया।

किऊल स्टेशन पर दिखी सुरक्षा व्यवस्था: स्टेशन पर प्रवासियों के स्क्रीनिंग की व्यवस्था नहीं की गई थी। स्टेशन पर उतरने के बाद प्रवासियों के बिना स्क्रीनिंग किए सभी को बसों में बैठाए जा रहा थे। हालांकि प्रशासन की ओर सुरक्षा व्यवस्था काफी दुस्त दिखी। स्टेशन पर हर बोगी में दो सुरक्षा गार्ड की ड्यूटी लगाई गई थी। इधर स्टेशन के बाहर बसों के पास भी दो दर्जन से अधिक की संख्या मे सुरक्षाकर्मी मौजूद थे। इसके अलावा सभी प्लेटफॉर्म पर सुरक्षा कर्मी की ड्यूटी लगाई गई थी। एक घंटा पहले स्टेशन पर जाने आने वाले सभी रास्ते को बंद कर दिए गए। किऊल स्टेशन पर बना सब वे खगौर से वृंदावन जोड़ने वाला रास्ता है। इस रास्ते को एक घंटा पहले सील कर दिया गया। आम लोगों को इस रास्ते से आने-जाने पर पाबंदी लगा दी गई थी।

किसी ने कहा नहीं मिला खाना, तो कोई बोले अच्छी थी व्यवस्था: घर पंहुचने की खुशी प्रवासियों के चेहरे पर दिख रही थी। स्टेशन पर उतरते ही प्रवासियों के चेहरे खिल उठे। सभी प्रवासी अपने घर पंहुचने की खुशी जाहिर कर रहे थे। शेखपुरा के प्रवासी बोगी नंबर 15 के अमित कुमार ने बताया कि रास्ते में खाना—पानी की व्यवस्था अच्छी नहीं थी। कुछ लोगों को खाना मिल पाया कुछ लोगों को खाना नही मिल पाया। उन्होने बताया कि कानपुर के आसपास सभी हमारे बोगी में गेट के पास 50 पैकेट खाना और पानी रखकर चले गए। खाना लूट होने के कारण कुछ लोगों ने दो—दो पैकेट ले लिए कुछ को एक पैकेट भी नहीं मिला। वहीं बोगी नंबर 19 के दीपक कुमार ने बताया कि सारा कुछ मिला खाना-पीने की भी कोई समस्या नही हुई, सभी को खाना मिला। उन्होने बताया कि टिकट का किस भी प्रकार का कई पैसा नही लिया गया, घर पंहुच रहे इस बात की हमे खुशी हो रही है। मौके पर एसडीओ मुरलीधर प्रसाद सिंह, एसडीपीओ रंजन प्रकाश,नोडल पदाधिकारी राजीवमोहन सहाय, किऊल आरपीएप इंस्पेक्टर पंकज कुमार गुप्ता, किऊल जीआरपी अध्याक्ष सुधीर कुमार मौजूद रहे।

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