मशीनें लगी नहीं, 92 करोड़ हो गई खर्च, गर्दन फंसी तो... जेएलएनएमसीएच भागलपुर में घपला उजागर
सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में मशीन/उपकरण लगाने के लिए अधिकृत एजेंसी को 92 करोड् रुपये का भुगतान हो गया, लेकिन 22 मशीनें लगी ही नहीं।

बिहार के भागलपुर स्थित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में 200 करोड़ की लागत से तैयार सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल जहां विशेषज्ञ चिकित्सकों, नर्सों, टेक्नीशियन और अन्य मानव संसाधनों की तैनाती न होने से अपने अधोगति को प्राप्त हो रहा है तो वहीं इस हॉस्पिटल में एक नया खेल उजागर हुआ है। सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में मशीन/उपकरण लगाने के लिए अधिकृत एजेंसी को 92 करोड् रुपये का भुगतान हो गया, लेकिन 22 मशीनें लगी ही नहीं।
जानकारी के मुताबिक इन मशीनों को लगाने के बाद एजेंसी को हॉस्पिटल के जिम्मेदारों से एनओसी लेना था। अब पोल खुली तो जिम्मेदार अपना सर धुन रहे और अपना गर्दन बचाने की फिराक में लगे हुए हैं। एजेंसी को सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में 88 प्रकार की जांच मशीन-उपकरण लगाने का जिम्मा दिया गया था। करीब दो साल पहले एजेंसी ने मशीन-उपकरण लगाने के लिए बकाये धनराशि की मांग की थी। डेढ़ साल पहले शासन ने जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के पास बिहार सरकारी की बची राशि 33 करोड़ भी मिल गया।
कंपनी को डेढ़ साल पहले कुल 92 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया। इसके बाद एजेंसी ने उपकरण व मशीनों को मंगाकर उसे इंस्टॉलेशन व चालू कराना शुरू कर दिया। नियम ये था कि एजेंसी को सभी 94 उपकरण व मशीन लगाने के बाद हॉस्पिटल के नोडल प्रभारी से एनओसी लेना था।
नोडल प्रभारी ने बताया है कि सभी मशीनें हैं: अधीक्षक
अधीक्षक डॉ. अविलेश कुमार ने बताया कि नोडल प्रभारी डॉ. महेश कुमार ने बताया कि जो 22 मशीनें नहीं लगी हैं, वे हॉस्पिटल में हैं। इस पर उन्हें कहा गया कि उन मशीनों व उपकरणों को पहले स्टोर में रखवाकर उसका सत्यापन कराएं। वहीं नोडल प्रभारी डॉ. महेश कुमार ने बताया कि केन्द्रांश का रुपया सीधे एजेंसी को दिया गया जबकि राज्यांश का रुपया मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के स्तर से दिया गया। एजेंसी को 22 मशीनें अभी लगानी हैं, इसके बाद ही एनओसी दिया जाएगा।