Madhubani s Weavers Colony Faces Water Crisis and Employment Challenges बुनकर कॉलोनी में सड़क, बिजली व शिक्षा की व्यवस्था हो तो सुधरे हालात, Madhubani Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsMadhubani NewsMadhubani s Weavers Colony Faces Water Crisis and Employment Challenges

बुनकर कॉलोनी में सड़क, बिजली व शिक्षा की व्यवस्था हो तो सुधरे हालात

बुनकर कॉलोनी, मधुबनी नगर निगम में जलजमाव, बदहाल सड़कों और रोजगार की कमी से लोग परेशान हैं। यहां केवल एक पानी की टंकी है, जो जल्दी खाली हो जाती है। महिलाएं रोजगार के बिना हैं और कई सरकारी योजनाओं से...

Newswrap हिन्दुस्तान, मधुबनीTue, 3 June 2025 01:52 AM
share Share
Follow Us on
बुनकर कॉलोनी में सड़क, बिजली व शिक्षा की व्यवस्था हो तो सुधरे हालात

बुनकर कॉलोनी, वार्ड 37, मधुबनी नगर निगम-यह नाम सुनते ही बदहाल सड़कें, जलजमाव, गंदगी, अंधेरा और परेशान जनता की तस्वीर सामने आ जाती है। पहले भक्षी पंचायत का हिस्सा रही यह बस्ती नगर निगम में तो आ गई, लेकिन सुविधाएं नदारद हैं। बस्ती के भीतर की सड़कें खासकर मो. ताहिर से जमालो हन्नान के घर तक और प्राथमिक विद्यालय के पास की सड़कें इतनी जर्जर हैं कि सामान्य बारिश के बाद एक से डेढ़ फीट पानी भर जाता है। स्कूल के एचएम मो. नजाम ने बताया कि जलजमाव से बच्चों का आना-जाना मुश्किल हो जाता है। यहां न तो नियमित सफाई होती है, न कचरे का उठाव, और न ही नाले का निर्माण हुआ है।

जलनिकासी के अभाव में गलियों में पानी महीनों जमा रहता है, जिससे मच्छरों का आतंक बढ़ता जा रहा है। स्थानीय निवासी रौशन खातून, मो. मंजूर आलम, शाहिदा खातून समेत कई लोगों ने बताया कि बस्ती में केवल एक पानी टंकी है जो सिर्फ 15 से 30 मिनट में खाली हो जाती है। एक और टंकी टूट चुकी है और टंकी चलाने वाला मजदूरी करता है, जिससे कभी-कभी दिनभर पानी नहीं मिल पाता। बिजली की बात करें तो अधिकांश गलियों में स्ट्रीट लाइट तक नहीं है। रात होते ही पूरा मोहल्ला अंधेरे में डूब जाता है और जलजमाव के साथ यह स्थिति और डरावनी हो जाती है। रोजगार की स्थिति और भी चिंताजनक है। महिलाओं को जीविका समूह या किसी भी सरकारी योजना से नहीं जोड़ा गया है। पंचायत में मनरेगा का लाभ मिलता था, पर अब वह भी नहीं। आंगनबाड़ी केंद्र न होने से छोटे बच्चे शिक्षा से वंचित हैं। स्थानीय लोगों ने नालों के निर्माण, जलनिकासी, दूसरी पानी टंकी की व्यवस्था, आंगनबाड़ी केंद्र की स्थापना और महिलाओं के लिए आजीविका मिशन जैसी योजनाएं चलाने की मांग की है। बुनकर कॉलोनी के अध्यक्ष मज्जू अंसारी ने कहा कि कई बार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को बताया गया लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। कॉलोनी में पानी की समस्या से जुझ रहे लोग: बुनकर कॉलोनी की सबसे बड़ी समस्या पीने के पानी की है। यहां करीब 500 परिवार रहते हैं लेकिन पीने के लिए केवल एक ही पानी टंकी काम कर रही है। दूसरी टंकी टूट चुकी है और अब तक उसकी मरम्मत नहीं हुई। एक टंकी का पानी बमुश्किल 15 से 30 मिनट में खत्म हो जाता है। इससे लोग पूरे दिन पानी के लिए परेशान रहते हैं। पानी टंकी चलाने वाला व्यक्ति मजदूरी करता है और उसके न रहने पर लोगों को दिनभर इंतजार करना पड़ता है। स्थानीय निवासी मो. बशीर, सबिया खातून, मो. जुबैर और शाहिदा खातून ने बताया कि कई बार बोर्डिंग नहीं चलने से पानी नहीं मिल पाता और पीने के लिए पानी खरीदना पड़ता है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि तत्काल प्रभाव से एक और पानी टंकी लगाई जाए और नियमित आपूर्ति के लिए स्थायी व्यवस्था हो। रोजगार सबसे बड़ी चुनौती: बुनकर कॉलोनी की महिलाओं और युवाओं के लिए रोजगार सबसे बड़ी चुनौती है। पहले पंचायत में रहने पर मनरेगा से कभी-कभी काम मिल जाता था, लेकिन नगर निगम में शामिल होने के बाद स्थिति और भी खराब हो गई है। यहां न तो शहरी आजीविका मिशन की योजनाएं संचालित हो रही हैं, और न ही कोई जीविका समूह बनाया गया है। महिलाओं को न सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण मिला है, न ही कोई स्वयं सहायता समूह सक्रिय है। अधिकतर महिलाएं घरों में बेकार बैठी हैं और महाजनों पर निर्भर हो गई हैं। स्थानीय निवासी रसीउल्लाह, फिरदौस, कौसर खातून और अरशद अंजुम ने बताया कि यहां युवाओं को दैनिक मजदूरी का काम भी मुश्किल से मिलता है। महिलाओं ने मांग की है कि सरकार यहां महिला स्वावलंबन से जुड़ी योजनाएं शुरू करे ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और परिवार को आर्थिक संबल दे सकें।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।