मोदी सरकार के मंत्री राजभूषण चौधरी ने कोर्ट में किया सरेंडर, जमानमत मिली; क्या है मामला, जानें
एफआईआर में तत्कालीन आरोप है कि डॉ. राजभूषण चौधरी ने छह मई 2019 को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर बैलेट यूनिट व वीवीपैट की तस्वीर पोस्ट की थी। इसमें ईवीएम का बटन दबाते दिखाया गया था।

नरेंद्र मोदी सरकार में जलशक्ति राज्य मंत्री डॉ. और मुजफ्फरपुर के सांसद राजभूषण निषाद उर्फ राजभूषण चौधरी ने एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट में सरेंडर किया। कोर्ट ने उन्हें दस हजार के दो बंध पत्रों के साथ जमानतदारों को पेश करने पर जमानत दे दी। केंद्रीय मंत्री पर मतदान की गोपनीयता भंग करने का आरोप है। मामला लोकसभा चुनाव-2019 के मतदान के दिन का है। कांग्रेस के अजय निषाद(पूर्व सांसद) अजय निषाद को हराकर वे 2024 में पहली बार लोकसभा पहुंचे। इस मामले में चार्जशीट दायर हो चुकी है।
राजभूषण निषाद पर नगर थाना के सिकंदरपुर स्थित यांत्रिक ऑफिस मतदान केंद्र पर मतदान की गोपनीयता भंग करने का आरोप है। चुनाव में वे मुजफ्फरपुर लोकसभा क्षेत्र से वीआईपी के उम्मीदवार थे। सहायक निर्वाचक निबंधक सह मुशहरी के तत्कालीन सीओ नागेंद्र कुमार ने आठ मई 2019 को उनके खिलाफ नगर थाने में एफआईआर कराई थी। कोर्ट में सुनवाई चल रही थी।
सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी मतदान की तस्वीर
एफआईआर में तत्कालीन सीओ ने आरोप लगाया है कि डॉ. राजभूषण चौधरी ने छह मई 2019 को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर बैलेट यूनिट व वीवीपैट की तस्वीर पोस्ट की थी। इसमें ईवीएम का बटन दबाते दिखाया गया था। तब निषाद ने वीआपी की टिकट पर मुजफ्फरपुर से चुनाव लड़ा था। उन्हें बीजेपी के अजय निषाद ने हरा दिया था। बाद में वे भाजपा में आ गए। कहा जाता है कि जिस अजय निषाद ने मुकेश सहनी को कमजोर(बोचहां उपचुनाव में ) करने के लिए राजभूषण चौधरी को भाजपा में शामिल कराया उसी ने अजय निषाद का पत्ता साफ कर दिया। टिकट नहीं मिलने पर अजय निषाद बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में चले गए।
मामले में जांच के बाद पुलिस ने 27 मई 2020 को विशेष कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। कोर्ट ने बीते 30 अप्रैल को चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए डॉ. राजभूषण को उपस्थित होने के लिए समन भेजा। इसपर बुधवार को डॉ. राजभूषण ने विशेष कोर्ट के समक्ष सरेंडर कर दिया। उनकी ओर से दाखिल जमानत की अर्जी पर सुनवाई के बाद विशेष कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी। मामले की अगली सुनवाई दो जुलाई को होगी।