स्केटिंग के खिलाड़ियों को चाहिए स्थाई जगह, संसाधन व प्रोत्साहन
जिले के युवाओं में स्केटिंग के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है, लेकिन स्थाई ट्रैक और खेल सामग्री की कमी है। खिलाड़ियों ने खुद से संगठनों का गठन कर जूनियर खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है। यदि उचित...
जिले के युवाओं में स्केटिंग के प्रति हाल के दिनों में आकर्षण बढ़ा है। साल 2021 से स्केटिंग की प्रतियोगिता में तेजी आयी है। इसके बावजूद शहर में खिलाड़ियों के लिए स्थाई जगह तथा बढ़िया ट्रैक नहीं है। छात्र-छात्राओं की रुचि को देखते हुए जिले के कई युवकों ने खुद से अपना संगठन बना रखा है। साहिल चौधरी, आनंद ठाकुर, रिषु कुमार, सुमित कुमार, अवनिश कुमार, अमन कुमार, विशाल कुमार, दीपक कुमार आदि ने बताया कि जिले के खिलाड़ी ही प्रशिक्षक की भूमिका निभाते हैं। सभी अपने-अपने इलाके में खाली जगह देखकर जूनियर खिलाड़ियों को प्रशिक्षण मुहैया कराते हैं। इससे खिलाड़ियों का प्रदर्शन सुधरा है।
कई खिलाड़ी जिले से बाहर खेलने गए हैं और उन्होंने उपलब्धियां भी हासिल की हैं। अमृत कुमार, आयुष रंजन सिंह, अनमोल राज, मन्नू कुमार, अमन कुमार, आदर्श कुमार, आयुष कुमार, उज्जवल कुमार ने बताया कि स्थाई जगह, ट्रैक, खेल सामग्री, उपकरण, संसाधन व प्रोत्साहन के अभाव में खिलाड़ी अच्छे से अभ्यास नहीं कर पा रहे। उनका प्रदर्शन प्रभावित हो रहा है। संगठन व निजी प्रशिक्षकों के प्रयास से स्केटिंग को दिशा तो मिली है, मगर जिला से बाहर के ट्रैक पर खिलाड़ी पिछड़ रहे हैं। अगर, खिलाड़ियों को समुचित संसाधन व प्रोत्साहन मिले तो स्केटिंग में जिले का प्रदर्शन सुधरेगा व खिलाड़ी पदक हासिल कर जिले का मान बढ़ाएंगे। स्केटिंग प्रतियोगिता से शहर के दर्जनों छात्र-छात्राएं जुड़े हैं। बावजूद इसके शहर में खिलाड़ियों के अभ्यास व प्रशिक्षण लिए स्थाई जगह तक नहीं है। छात्र-छात्राओं की रुचि को देखते हुए बिहार स्केटिंग संघ से जुड़े खिलाड़ियों ने ही जिले के बच्चों को सीखाना शुरू कर दिया है। संघ के पदाधिकारी अपने स्तर से खिलाड़ियों का प्रदर्शन सुधारने में लगे हैं। मगर, जिला प्रशासन से कोई मदद व प्रोत्साहन नहीं मिल पा रहा है। स्केटिंग के लिए अलग व स्थाई ट्रैक, खेल सामग्री, उपकरण, संसाधन व प्रोत्साहन के अभाव में खिलाड़ी बेहतर तरीके से अभ्यास तक नहीं कर पा रहे हैं।
शहर की व्यस्तम सड़कों पर स्केटिंग करते खिलाड़ी
खिलाड़ियों ने बताया कि शहर में स्केटिंग का ट्रैक नहीं होने से खिलाड़ियों को बहुत दिक्कत होती है। पहले जब चैलाहा रोड होकर एएच चालू नहीं हुआ था तो खिलाड़ी चैलाहा से सिंघिया गुमटी तक की सड़क पर अभ्यास करते थे। मगर, अब ओवरब्रिज चालू हो जाने से सड़क पर बड़े वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है। ऐसे में खिलाड़ी अब इस सड़क पर अभ्यास नहीं कर पाते हैं। मजबूरन खिलाड़ियों को शहर की व्यस्तम सड़कों या फिर शहर से गांव की ओर जानेवाली सड़कों पर अभ्यास के लिए स्केटिंग करना पड़ता है।
खिलाड़ियों को चाहिए स्थाई जगह
स्केटिंग से जुड़े खिलाड़ियों के अभ्यास के लिए शहर में स्थाई जगह आवश्यक है। शहर में ट्रैक नहीं होने से खिलाड़ियों को अभ्यास के लिए गांव की ओर जाना पड़ता है। शहर में स्थाई जगह मिलने से खिलाड़ी अपनी सुविधा व समय के अनुसार निर्धारित ट्रैक पर अभ्यास कर सकेंगे।
कोच नहीं होने से खिलाड़ियों को असुविधा
खिलाड़ियों ने कहा कि हम अपने स्तर से स्केटिंग में बढ़िया प्रदर्शन कर रहे हैं। जिला स्तर पर कोच की व्यवस्था नहीं रहने से अभ्यास में परेशानी होती है। स्केटिंग से संबंधित खेल के लिए कोच की नियुक्ति जरूरी है। स्केटिंग के खिलाड़ी को खेल सामग्री व उपकरण का अभाव : खिलाड़ी अमन कुमार, उज्जवल कुमार, आनंद ठाकुर ने बताया कि स्केटिंग के खिलाड़ियों के लिए शहर में खेल सामग्री व उपकरण का अभाव है। इससे उनका अभ्यास सही से नहीं हो पाता है। खिलाड़ियों ने बताया कि स्केटिंग में अभ्यास का बहुत महत्व है। नियमित अभ्यास के लिए शहर में स्थाई जगह व ट्रैक नहीं है। जिला प्रशासन को स्केटिंग के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन के लिए खेल सामग्री व जरूरी उपकरण उपलब्ध कराना चाहिए। स्केटिंग के खिलाड़ियों को सरकारी प्रोत्साहन व आर्थिक मदद भी नहीं दिया जाता है। सामग्री महंगा होने से खिलाड़ियों पर आर्थिक बोझ बढ़ता है।
शिकायतें
1. शहर में स्केटिंग के अभ्यास के लिए ट्रैक तक नहीं है। खिलाड़ियों को अभ्यास के लिए व्यस्ततम सड़कों पर चलना पड़ता है।
2. व्यस्त सड़कों पर अभ्यास में दिक्कत होती है। हमेशा दुर्घटना की आशंका रहती है। खिलाड़ियों की सुरक्षा का ख्याल रखा जाए।
3. सरकार मेडल जीतने पर खिलाड़ियों को नौकरी देती है। जिला मुख्यालय स्थित खेल भवन में फ्री इंट्री नहीं दी जाती है।
4. खेल सामग्री, उपकरण, संसाधन व प्रोत्साहन का अभाव है। इससे खिलाड़ियों को बहुत दिक्कत होती है।
5. स्केटिंग के खिलाड़ियों को खुद से खेल सामग्री खरीदनी पड़ती है। जिला प्रशासन इसकी व्यवस्था करे। जूता महंगा होता है।
सुझाव
1. जिला मुख्यालय में स्केटिंग के खिलाड़ियों के लिए स्थाई जगह व ट्रैक जरूरी है। इससे खिलाड़ियों को अभ्यास में सुविधा होगी।
2. जिला प्रशासन की ओर से खिलाड़ियों की सुरक्षा का ख्याल रखा जाए। व्यस्त सड़कों पर अभ्यास में बहुत दिक्कत होती है।
3. जिला से बाहर खेल में बेहतर प्रदर्शन करनेवाले खिलाड़ियों को जिला मुख्यालय स्थित खेल भवन में फ्री इंट्री दिया जाए।
4. जिला प्रशासन की ओर से खिलाड़ियों को खेल सामग्री, उपकरण, संसाधन व प्रोत्साहन दिया जाए। इससे अभ्यास सुधरेगा।
5. जिला प्रशासन खिलाड़ियों के लिए स्थाई जगह व ट्रैक की व्यवस्था करे। इससे खिलाड़ियों को बहुत सुविधा होगी।
बोले जिम्मेदार
स्केटिंग की प्रतियोगिता को बढ़ावा देने के लिए सरकार व जिला प्रशासन प्रयासरत है। स्केटिंग के प्रशिक्षकों व खिलाड़ियों को यदि जगह की परेशानी है तो इसे दूर करने की कोशिश की जाएगी। जिले के स्केटिंग खिलाड़ी कार्यालय में आकर मिल सकते हैं। उन्हें जिला मुख्यालय में उनकीे जरूरत के हिसाब से जगह उपलब्ध कराने की कोशिश की जाएगी। सुबह के शिफ्ट में समाहरणालय के आसपास की जगह का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे शहर के खिलाड़ियों को सुविधा होगी। शुभम कुमार, प्रभारी जिला खेल पदाधिकारी, पूर्वी चंपारण
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