मृत्युंजय झा संस्कृत बोर्ड के अध्यक्ष, विधायकों को भी मौका; बिहार में दनादन नियुक्तियां
बिहार में विधानसभा चुनाव में बोर्ड और आयोगों में एक के बाद एक नियुक्तियां हो रही हैं। नीतीश सरकार ने संस्कृत शिक्षा बोर्ड का पुनर्गठन करते हुए मृत्युंजय झा को इसका चेयरमैन बनाया है। इसमें बीजेपी और जेडीयू के विधायकों को भी सदस्य बनाया गया है।
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले बोर्ड और आयोगों में दनादन नियुक्तियां की जा रही हैं। गठन किया जा रहा है। इसी क्रम में नीतीश सरकार ने गुरुवार को संस्कृत शिक्षा बोर्ड का पुनर्गठन किया। मृत्युंजय कुमार झा को इसका अध्यक्ष बनाया गया है। वे अगले 3 सालों तक अपने पद पर रहेंगे। इसके अलावा, जेडीयू और बीजेपी के एक-एक विधायकों को भी इस बोर्ड में जगह दी गई है। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने गुरुवार को सूचना जारी कर दी।
अधिसूचना के अनुसार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक रामप्रीत पासवान और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के विधायक विनय कुमार चौधरी इसके सदस्य होंगे। बीजेपी की एमएलसी निवेदिता सिंह को भी इसका सदस्य बनाया गया है। वहीं, चंद्रकिशोर कुमार, अरुण कुमार झा, धनेश्वर प्रसाद कुशवाहा, दुर्गेश कुमार राय और अनुरंजन कुमार झा संस्कृत शिक्षा बोर्ड के मेंबर होंगे।
इनके अलावा, संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति या उनके द्वारा नामित और शिक्षा विभाग के निदेशक या विशेष सचिव संस्कृत शिक्षा बोर्ड के पदेन सदस्य होंगे। पिछले सप्ताह ही नीतीश सरकार ने मदरसा शिक्षा बोर्ड का भी पुनर्गठन किया था। जेडीयू नेता सलीम परवेज को इसका अध्यक्ष बनाया गया था।
चुनावी साल में सरकार कई आयोगों और बोर्ड का पुनर्गठन कर चुकी है। खाद्य आयोग, अति पिछड़ा वर्ग आयोग, पिछड़ा वर्ग आयोग, सवर्ण आयोग, महादलित आयोग, आदिवासी आयोग समेत अन्य में नियुक्तियां की गई हैं।