लीड- रेलवे की जमीन पर अवैध जुग्गी-झोपड़ी व शेड पर चला रेलवे का बुलडोजर
लय को ध्वस्त करते कर्मी फोटो जेएमपी: 6: अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान भारी सुरक्ष जवानों की तैनाती फोटो जेएमपी: 7: पटरी किनारे रेलवे की जमीन मापी करव

जमालपुर। निज प्रतिनिधि जमालपुर किऊल रेलखंड के बीच पटरी किनारे रेलवे की जमीन पर अवैध रूप से जुग्गी-झोपड़ी और शेड निर्माण स्थलों को जमालपुर यार्ड आरपीएफ, जमालपुर आईओडब्लू और पीडब्लूआई विभाग के पदाधिकारियों व कर्मचारियों ने ढाह दिया है। हालांकि कई ऐसे मकान भी रेलवे की जमीन के दायरे हैं, उसे भी भविष्य में विशेष आदेश प्राप्त होने पर ढाहने की प्रकिया पूरी की जाएगी। फिलहाल दो दिवसीय अतिक्रमण हटाओ अभियान के पहले दिन जमालपुर कारखाना गेट संख्या छह से फुलका गांव तक पटरी किनारे से अतिक्रमित स्थलों का सफाया किया है। इससे दिनभर जमालपुर से फुलका के बीच गृह स्वामियों व अतिक्रमणकारियों के बीच हड़कंप मचा रहा है।
अभियान का नेतृत्व जमालपुर आईओडब्लू अभिषेक कुमार, पीडब्लूआई के ब्रज गोपाल, आरपीएफ इंस्पेक्टर सुजीत कुमार, आरपीएफ सब इंस्पेक्टर जेआर मीणा ने सामूहिक रूप से किया। सुबह 9 बजते ही करीब 100 आरपीएफ जवानों, पीडब्लूआई के कर्मचारियों के साथ पदाधिकारी कारखाना गेट संख्या बुलडोजर लेकर पहुंचे और पटरी से रेलवे की जमीन की मापदंड के अनुसार अवैध स्थलों पर बनाए गए शेड, जुग्गी-झोपड़ी, शौचालय आदि को ढाहना शुरू कर दिया है। इससे अतिक्रमणकारियों के बीच खलबली मच गयी। पुलिस की भारी सुरक्षा व्यवस्था देखकर लोगों ने अपने अपने सामानों को रेलवे की जमीन से हटाने का भरकस प्रयास किया। लेकिन इसबीच कई सामानों को बुलडोजर ने क्षतिगस्त कर दिया है। आईओडब्लू अभिषेक कुमार ने बताया कि जमालपुर किऊल रेलखंड के बीच कई जगहों की रेल पटरी किनारे अवैध रूप से मकान, दुकान, जुग्गी-झोपड़ी और शेड बनाकर उपयोग किया जा रहा है। रेलवे की जमीन से अतिक्रमित स्थलों का सफाया के लिए दो दिनों को अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज फुलका से सारोबाग तक पटरी किनारे अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाएगा। मौके पर आईओडब्लू ललन सिंह, आरपीएफ के दीपक कुमार, अनुज यादव, सुंदरम कुमार, पूजा कुमारी सहित अन्य मौजूद थे। 7 दिन पूर्व दिया गया था नोटिस, नहीं हटाया अतिक्रमण आईओडब्लू अभिषेक कुमार ने बताया कि करीब एक सौ लोगों को सात दिन पूर्व यानि 3 जून को ही नोटिस दिया गया था। जो नोटिस का तामिला नहीं किया, वहां नोटिस चिपका दिया गया। सात दिनों का अल्टीमेटम के बावजूद भी अतिक्रमण नहीं हटाया गया। उन्होंने कहा कि जमालपुर किऊल रेलखंड की पटरी से करीब 300 मीटर की दूरी तक रेलवे की जमीन है। कई गृह स्वामियों ने इस रेलवे की जमीन पर अपना मकान, दुकान सहित स्थाई और अस्थाई तरीके से कब्जा जमा लिया है। हालांकि पहले चरण में अस्थाई कब्जा को हटाया जा रहा है। इसके बाद स्थाई कब्जा स्थलों का भी सफाया किया जाएगा। इसमें कईयों के मकान भी चपेट में आएंगे। अचानक अतिक्रमण हटाओ अभियान चलने गृह स्वामियों में भारी आक्रोश मंगलवार को अचानक पुलिस-पदाधिकार बुलडोजर लेकर अतिक्रमण स्थल पर पहुंचे थे, तथा गृह स्वामियों को सामान हटाने का भी मौका नहीं दिया। इससे लोग काफी आक्रोशित हो उठे। हालांकि आरपीएफ इंस्पेक्टर सुजीत कुमार यादव और सब इंस्पेक्टर जेआर मीणा के समझाने-बुझाने के बाद मामला शांत हुआ। आक्रोशित लोगों में पप्पू साव, बबलू, रोहित सहित अन्य का कहना था कि उन्हें कोई नोटिस रेलवे द्वारा नहीं मिला है। अगर मिलता तो हम अपना सामान को अतिक्रमण स्थल से हटा लेते। ऐसा न कर रेलवे ने कई लोगों का सामानों का क्षति पहुंचाने का कामा किया।
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