9वीं-12वीं के बच्चों को नियमित भेजें स्कूल, नहीं तो नामांकन हो सकता रद्द
मुजफ्फरपुर में निजी स्कूलों की बैठक में निर्णय लिया गया कि 9वीं से 12वीं तक के बच्चों को नियमित रूप से स्कूल भेजना अनिवार्य होगा। नामांकन रद्द होने की स्थिति में स्कूल प्रबंधन जिम्मेदार नहीं होगा। सभी...

मुजफ्फरपुर। प्रमुख संवाददाता 9वीं-12वीं के बच्चों को नियमित रूप से स्कूल भेजना होगा। नामांकन रद्द होने पर स्कूल जिम्मेदार नहीं होगा। सीबीएसई की नॉन अटेंडिंग पर सख्ती को लेकर निजी स्कूलों ने रविवार को बैठक करते हुए यह निर्णय लिया।
सहोदय के नेतृत्व में 40 से अधिक विद्यालयों के निदेशक-प्राचार्य इसमें शामिल हुए। इसमें निर्णय लिया गया कि कोचिंग एक्ट को सख्ती से लागू कराने के लिए स्कूलों के प्रतिनिधि डीएम से मिलेंगे। सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों की बैठक प्रिस्टाइन स्कूल में हुई। इसमें सभी सदस्यों ने एक स्वर में अभिभावकों से अपील की कि वे नौवीं से बारहवीं तक के बच्चों को नियमित रूप से स्कूल भेजें। अन्यथा नामांकन और पंजीकरण सीबीएसई के द्वारा रद्द होने पर विद्यालय प्रबंधन जिम्मेदार नहीं होगा।
सहोदय के प्रतिनिधि स्कूल रजिस्टर की करेंगे जांच :
बैठक में नॉर्दर्न सहोदय और मुजफ्फरपुर सहोदय के प्रतिनिधियों को विद्यालय का क्लास रजिस्टर जांच करने तथा सीबीएसई को रिपोर्ट करने के लिए अधिकृत किया गया। सभी स्कूल संचालकों ने स्पष्ट रूप से कहा कि सीबीएसई सर्कुलर के अलोक में 75% उपस्थिति अनिवार्य है। इसे पूरी तरह से लागू किया जायगा। बैठक में नॉन अटेंडिंग जैसे शब्दों को पूरी तरह से खारिज किया गया तथा अभिभावकों से भी इसकी गंभीरता को समझने की अपील की गई। वहीं, कोचिंग ऐक्ट को सख्ती लागू करने के लिए सतीश कुमार झा और प्रमोद कुमार को अधिकृत किया गया। मौके पर अरुण कुमार, प्रमोद कुमार, दीपक पाहुजा, रणधीर कुमार, मोनालीसा, शरत लहौरी सहित 40 से अधिक स्कूलों के प्रतिनिधि थे।
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