इस मामले में बिहार देश भर में अव्वल, महाराष्ट्रा, यूपी और दिल्ली को भी पीछे छोड़ा
जेलों में मुलाकातियों का डिजिटल ब्योरा रखने में बिहार देश में अव्वल है। वीडियो कांफ्रेंसिंग से कैदियों से मुलाकात के मामले में भी बिहार, महाराष्ट्र और दिल्ली के बाद तीसरे नंबर पर रहा।

जेलों में मुलाकातियों का डिजिटल ब्योरा रखने में बिहार देश में अव्वल है। 2024-25 के दौरान बिहार की 59 जेलों में बंद कैदियों से 7.21 लाख लोगों ने मुलाकात की, जिनमें 99.99 फीसदी मुलाकातियों की पूर्व से ऑनलाइन एंट्री के बाद ही जेल परिसर में प्रवेश दिया गया। इस दौरान सबसे अधिक 22.15 लाख मुलाकाती वाले उत्तर प्रदेश की जेलों में पहुंचे 98 फीसदी से अधिक मुलाकातियों की मैनुअल एंट्री हुई। दो फीसदी भी मुलाकातियों की डिजिटल एंट्री नहीं की गयी।
वीडियो कांफ्रेंसिंग से कैदियों से मुलाकात के मामले में भी बिहार, महाराष्ट्र और दिल्ली के बाद तीसरे नंबर पर रहा। इस अवधि में महाराष्ट्र में 1,55,135, दिल्ली में 59,341 और बिहार में 42412 कैदियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मुलाकात कराई गई। मालूम हो कि जेलों में बंद कैदियों की उनके परिजनों से मुलाकात की व्यवस्था को पारदर्शी और सुगम बनाने को लेकर देशभर की जेलों में ई-मुलाकात की व्यवस्था की गई है।
बेऊर के बाद मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल पहुंचे अधिक मुलाकाती
भारत सरकार के नेशनल प्रिजन पोर्टल के मुताबिक एक अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 की अवधि में बिहार के आदर्श केंद्रीय कारा बेऊर में सबसे अधिक 39134 मुलाकाती आये। इसके बाद मुजफ्फरपुर के शहीद खुदीराम बोस सेंट्रल जेल में 37938, सेंट्रल जेल गया में 27272, जिला जेल सीतामढ़ी में 26983, सेंट्रल जेल पूर्णिया में 26477, जिला जेल अररिया में 25833, जिला जेल हाजीपुर में 23590, जिला जेल आरा में 23166, जिला जेल बिहारशरीफ में 22668, जिला जेल छपरा में 20895 और जिला जेल समस्तीपुर में 20618 मुलाकाती आये।
मुलाकातियों पर निगरानी आसान, अव्यवस्था हुई दूर
ई-मुलाकात की व्यवस्था लागू होने से जेलों में कैदियों से मुलाकात को लेकर होने वाली अव्यवस्था दूर हुई है। अब कैदियों से मुलाकात को लेकर जेलों के आसपास परिजनों की भीड़ नहीं दिखती। ई-प्रिजन पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन के बाद परिजनों को मुलाकात का स्लॉट निर्धारित होता है। ई-मुलाकात की व्यवस्था लागू होने से कैदियों से मिलने वाले लोगों की निगरानी भी आसान हो गई है।
ई-मुलाकात के फायदे
● कैदियों और उनके परिजनों के बीच सुरक्षित और सुविधाजनक संपर्क
● जेल प्रशासन की ओर से कैदियों से मुलाकातियों की निगरानी में मदद
● ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन से कैदियों व उनके परिजनों को समय की बचत,
● जेल प्रशासन को मुलाकातियों की संख्या को नियंत्रित करने और जेल में भीड़ कम करने में मदद
● कैदियों के अधिकार की रक्षा करते हुए उन्हें अपने परिजनों से संपर्क करने का अवसर देना
ऑनलाइन मुलाकातियों की एंट्री वाले पांच प्रमुख राज्य
राज्य ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऑफलाइन कुल मुलाकाती
बिहार 678246 42412 235 720893
यूपी 39847 00000 2175914 2215761
महाराष्ट्र 19448 155135 463879 638462
दिल्ली 00001 59341 391274 450616
गुजरात 00001 40600 140419 181020