भारत की रही है समृद्ध वैज्ञानिक परंपरा : प्राचार्य
मुजफ्फरपुर में एमडीडीएम कॉलेज के इतिहास विभाग द्वारा 'दो विश्वयुद्धों के बीच भारत में विज्ञान और राष्ट्रवाद का विकास' विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया। प्राचार्य प्रो. कनुप्रिया ने वैज्ञानिक परंपरा...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। एमडीडीएम कॉलेज के इतिहास विभाग की ओर से शनिवार को दो विश्वयुद्धों के बीच भारत में विज्ञान और राष्ट्रवाद का विकास विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। प्राचार्य प्रो. कनुप्रिया ने भारत की समृद्ध वैज्ञानिक परंपरा की चर्चा करते हुए अंतर्विषयी शोध की भूमिका पर प्रकाश डाला और इतिहास एवं विज्ञान के अंतःसंबंधों को रेखांकित किया। मुख्य वक्ता दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहासकार प्रो. जे.एन. सिन्हा ने दो विश्वयुद्धों के मध्य स्थापित स्वदेशी संस्थाओं, शैक्षणिक केंद्रों, राष्ट्रीय योजना समिति के जरिये राष्ट्रीय विज्ञान को बढ़ावा देने वाले वैज्ञानिकों के योगदान का जिक्र किया। उन्होंने शोध प्राविधि, लेखन और प्रकाशन जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम के दौरान विषय प्रवेश विभागाध्यक्ष डॉ. प्रांजलि ने कराया। मंच संचालन डॉ. आशा सिंह यादव और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. विपिन कुमार ने किया। इस अवसर पर प्रो. किरण झा, प्रो. कुमारी सरोज, डॉ. राकेश रंजन समेत विद्यार्थी और शोधार्थी शामिल हुए।
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