अप्रशिक्षित हाथों में है टेंपो और ई-रिक्शा का सफर
मुजफ्फरपुर में छह हजार से अधिक टेंपो और 15 सौ से अधिक ई-रिक्शा चल रहे हैं। इनमें से 95% महिला और 75% पुरुष चालक बिना लाइसेंस के हैं। डीटीओ कुमार सत्येंद्र ने कहा कि चालक को थ्री व्हीलर लाइसेंस के लिए...

मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता। शहर की सड़कों पर छह हजार से अधिक टेंपो और 15 सौ से अधिक ई-रिक्शा दौड़ रहे हैं। इनमें से अधिकांश चालक बगैर प्रशिक्षण के ही टेंपो और ई-रिक्शा चला रहे हैं। इस कारण सड़कों पर जाम की स्थिति से लेकर हादसे का डर बना रहता है। परिवहन विभाग के आधिकारिक पोर्टल के आंकड़े के मुताबिक मुजफ्फरपुर में टेंपो व ई-रिक्शा चलाने वाली 95% महिला और 75 पुरुष चालकों के पास थ्री व्हीलर चलाने का लाइसेंस नहीं है। ये चालक बिना प्रशिक्षण के ही सड़कों पर तिपहिया वाहन दौड़ा रहे हैं। डीटीओ कुमार सत्येंद्र ने कहा कि इसकी समीक्षा की जाएगी।
चालकों को थ्री व्हीलर लाइसेंस के लिए प्रेरित किया जाएगा। जिले में 39,919 टेंपो निबंधित : मुजफ्फरपुर डीटीओ कार्यालय से जिले में 39 हजार 919 टेंपो निबंधित है। इनका परिचालन विभिन्न रूटों पर होता है। इनमें से सात हजार से टेंपो शहरी क्षेत्र में चल रहे है। वहीं, 11 हजार से अधिक निबंधित ई-रिक्शा में से दो हजार का परिचालन शहर और सटे इलाके में हो रहा है। इसमें से 40 से अधिक महिलाएं भी ई-रिक्शा और टेंपो चलाती हैं। 95 फीसदी के पास थ्री व्हीलर लाइसेंस उपलब्ध नहीं है। वहीं, पुरुष टेंपो चालकों में भी 70-75 प्रतिशत के पास थ्री व्हीलर लाइसेंस नहीं है। छह से अधिक तरह का बनता है लाइसेंस : रिटायर डीएसपी चंद्र शेखर प्रसाद सिंह ने बताया कि वाहनों के परिचालन के लिए कई तरह के लाइसेंस परिवहन विभाग की ओर से निर्गत किए जाते हैं। वाहनों की श्रेणी के आधार पर चालकों को प्रशिक्षण और अनुभव के आधार पर लाइसेंस दिए जाते हैं। प्रचार-प्रसार के अभाव में चालक सिर्फ हेवी मोटर और लाइट मोटर व्हीकल का लाइसेंस जानते हैं। परिवहन विभाग कॉमर्शियल वाहनों के अलग से लाइसेंस देता है। वैसे ही थ्री व्हीलर के लिए भी विशेष लाइसेंस का प्रावधान है। बाइक व कार के लिए अलग-अलग लाइसेंस जारी किए जाते हैं। कुल मिलाकर छह से अधिक श्रेणियों में लाइसेंस निर्गत होता है। लाइसेंस नहीं होने से कई तरह के नुकसान : रिटायर डीएसपी ने बताया कि लाइसेंस नहीं होने से चालक और वाहन मालिकों को कई तरह का नुकसान हो सकता है। बीमा राशि लेने में परेशानी होती है। इसके अलावा सरकारी मुआवजा भी दुर्घटना की स्थिति में चालक को नहीं मिल सकता है। उन्होने बताया कि प्रशिक्षित नहीं होने से ट्रैफिक नियम और साइनेज की भी जानकारी नहीं होती है। ऐसी स्थिति नियम के उल्लंघन में जुर्माना लगता है।
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