अब हमर बनायेल खाना के खतई हो भगवान...
गौरव की मौत ने गांव को मर्माहत कर दिया है। उसकी मां रंभा देवी ने कहा कि अब खाना बनाने का कोई मतलब नहीं। गौरव दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करता था और शुक्रवार को मुजफ्फरपुर से दिल्ली जाने के लिए निकला था।...

मीनापुर, हिन्दुस्तान संवाददाता अब हमर बनायेल खाना के खतई हो भगवान, हमर सहारा चल गईल हो देवा। गौरव की बुजुर्ग मां रंभा देवी इतना कहते ही वह बदहवास हो जा रही थीं। घर के इकलौते चिराग की मौत से वे आहत हैं। दरवाजे पर आने-जाने वाले लोगों को पथराई आंखों से एकटक देखती रहती हैं। उनकी बेटी अंशु और दामाद उन्हें संभाल रहे थे। पति की पहले ही मौत हो चुकी है। गौरव के कंधे पर परिवार का बोझ था। शनिवार की शाम गौरव को उसके फुफेरा भाई मुकेश कुमार ने मुखाग्नि दी। जवान बेटे की अर्थी देखकर रंभा देवी का कलेजा फट रहा था।
गौरव के चचेरे भाई सुनील पांडेय ने बताया कि पूरा गांव घटना से मर्माहत है। 36 घंटे बाद भी किसी को यह मालूम नहीं है कि दुर्घटना है या कोई साजिश। वह शुक्रवार की शाम दिल्ली जाने के लिए टिकट लेने के लिए मुजफ्फरपुर शहर गया था। देर शाम उसने फोन कर मां को खाना बनाकर रखने के लिए कहा था, लेकिन लौट कर घर नहीं आया। देर रात उसका मोबाइल बंद हो गया था। गौरव दिल्ली में रहकर प्राइवेट जॉब करता था। सुनील ने बताया कि वह घर से रुपये और मोबाइल लेकर निकला था। गौरतलब है कि शनिवार को घर से महज चार किलोमीटर दूर मुस्तफागंज के समीप शिवहर सड़क किनारे गौरव जख्मी अवस्था में मिला था। उसके सिर में गंभीर चोट के निशान थे। पुलिस ने मीनापुर अस्पताल में प्राथमिक उपचार कराने के बाद एसकेएमसीएच में भर्ती कराया, जहां उसकी मौत हो गई। थानाध्यक्ष कुमार संतोष रजक ने बताया कि एसकेएमसीएच से बयान आने के बाद आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी, वैसे पुलिस सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है।
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