हरे चारे की कमी से घटा दूध का उत्पादन
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में तपिश भरी गर्मी का असर बेजुबानों के निवाले

संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में तपिश भरी गर्मी का असर बेजुबानों के निवाले पर भी पड़ रहा है। मौसम की बेरुखी से हरे चारे के उत्पादन में काफी कमी आ गई। जिसका असर दूध उत्पादन में भारी गिरावट के रूप में देखने को मिल रहा है। दूध की किल्लत से इससे बनने वाले सामानों की शुद्धता प्रभावित होने के साथ कीमत में तेजी देखने को मिल रही है। इससे लोगों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लगन का सीजन व गर्मी के मौसम में अन्य खाद्य पदार्थों के साथ दूध की भी मांग काफी बढ़ गई है।
मगर मौसम की बेरुखी से क्षेत्र में हरे चारे का संकट बढ़ गया है। जिसकी वजह से पशुपालकों को जानवरों को खुराक देने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसका सीधा असर दूध उत्पादन में कमी के रूप में देखने को मिल रहा है। गर्मी में पेय पदार्थो लस्सी, शेक के लिए जहां दूध का उपयोग हो रहा है वही मांगलिक सीजन की वजह से पनीर, खोया, छेना आदि में भी इसका धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है। पर्याप्त दूध न मिलने से बाजारों में इसका असर देखने को मिल रहा है। परेशान नागरिकों को पाउच, डिब्बे के दूध का सहारा लेना पड़ रहा है। पशुओं को खिलाने के लिए हरे चारे में बरसीन, चरी आदि बहुत काम आती है, मगर इनको हरा रखने के लिए पानी की जरूरत जल्दी-जल्दी पड़ती है। पानी कम मिलने की वजह से खेत में मौजूद हरे चारे एक दिन में ही सूख जा रहे है। महंगी सिंचाई से परेशान पशुपालकों को समझा में नहीं आ रहा है कि करें तो क्या करें। दूध की कमी की वजह से पनीर, खोया, छेना, लस्सी, मठ्ठा, कुल्फी आदि की कीमतों में भी बढ़त दर्ज हुई है।
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