मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास को राहत, सजा के खिलाफ अपील मंजूर, कल होगी सुनवाई
अधिकारियों को धमकी देने के मामले में मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को बड़ी राहत मिली गई है। सजा के खिलाफ की गई अपील सेशन कोर्ट में मंजूर हो गई है।

मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को सोमवार को हेट स्पीच मामले में मिली दो साल की सजा के मामले में बड़ी राहत मिल गई है। सेशन कोर्ट में सजा के खिलाफ की गई अपील मंजूर हो गई है। मंगलवार को अदालत मामले पर सुनवाई करेगी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 31 मई को अब्बास अंसारी को हेट स्पीच के मामले में दो साल की सजा सुनाई थी। इसके अगले ही दिन अब्बास की विधानसभा सदस्यता भी चली गई थी। 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान अब्बास अंसारी पर हेट स्पीच का आरोप है।अब्बास ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि चुनाव बाद सरकार बनने पर अधिकारियों की तबादला तब तक नहीं होगा, जब तक हिसाब पूरा नहीं हो जाता है। इस बयान को अधिकारियों को धमकी माना गया और अब्बास अंसारी के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
सीजेएम (एमपी/एमएलए) कोर्ट से मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को नफरती भाषण मामले में दो साल की सजा के बाद रविवार को यूपी विधानसभा सचिवालय ने अधिसूचना जारी कर अब्बास अंसारी की सदस्यता खत्म कर दी थी। सचिवालय ने निर्वाचन आयोग से चुनाव कराने की सिफारिश की है। सदस्यता खत्म होने के बाद सदर विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है।
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में घोसी से अब्बास अंसारी ने राजनीति में कदम रखा था लेकिन सफलता नहीं मिली। पूर्व राज्यपाल फागू चौहान से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद वर्ष 2022 के चुनाव में अपने पिता मुख्तार अंसारी की सीट मऊ सदर से सुभासपा के टिकट पर मैदान में उतरे। अब्बास अंसारी भाजपा प्रत्याशी अशोक सिंह को हराकर पहली बार विधायक चुने गए। चुनाव के प्रचार के दौरान हेट स्पीच का मामला प्रकाश में आया और मुकदमा दर्ज किया गया। इस प्रकरण में शनिवार को अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाई गई।
रिप्रेजेंटेटिव्स ऑफ द पीपल एक्ट, 1951 के सेक्शन 8 (3) के तहत किसी जनप्रतिनिधि के किसी मामले में दोषी करार होने और कम से कम दो साल की सजा मिलने पर उसकी विधानसभा अथवा संसद की सदस्यता अपने आप खत्म हो जाती है। अब्बास मामले में कोर्ट का फैसला आने के 24 घंटे के भीतर मऊ से लखनऊ फाइल पहुंची। रविवार को विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे की ओर से अब्बास की सदस्यता समाप्त कर सीट को रिक्त घोषित करने का आदेश जारी हुआ। साथ ही मुख्य निर्वाचन अधिकारी को उपचुनाव कराने का प्रस्ताव भी भेज दिया गया।
इन मामलों में मिली सजा
- आईपीसी की धारा 120 (बी): छह महीने की साधारण कारावास और एक हजार रुपये जुर्माना।
- आईपीसी की धारा 153 (ए): दो साल की साधारण कारावास और तीन हजार रुपये जुर्माना।
- आईपीसी की धारा 171: (एफ) छह महीने की साधारण कारावास और दो हजार रुपये जुर्माना।
- आईपीसी की धारा 189: दो साल की साधारण कारावास और तीन हजार रुपये जुर्माना।
- आईपीसी की धारा 506: एक साल की साधारण कारावास और दो हजार रुपये जुर्माना।