अधिकारियों को धमकी देने के मामले में मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को बड़ी राहत मिली गई है। सजा के खिलाफ की गई अपील सेशन कोर्ट में मंजूर हो गई है।
यह खुलासा लखनऊ पुलिस द्वारा एसपी चित्रकूट को भेजी गई आख्या में हुआ।अब्बास के खिलाफ महानगर कोतवाली में शस्त्र अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज है। एसीजेएम तृतीय कोर्ट लखनऊ में चल रहे इस मामले में वह 5 पेशियों में उपस्थित नहीं हुए। अब्बास के खिलाफ हजरतगंज में भी धोखाधड़ी, साजिश की धाराओं में मुकदमा दर्ज है।
मुख्तार के शूटर अनुज का दाहिना हाथ बने ‘विधायक’ ने यूपी में खूब वसूली की। उसका वसूली का साम्राज्य आजमगढ़, गाजीपुर, मऊ समेत कई जिलों में चला। इन जिलों में उसका आतंक था।
मुख्तार के शार्प शूटर अनुज एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया है। मुख्तार गिरोह पूर्वांचल से लेकर आसपास जिनके दम पर दबंगई करता था। बीते नौ साल में मुख्तार के खास शूटर एक-एक कर खत्म होते में गए। एनकाउंटर मारे गये या फिर जेल में हैं।
झारखंड में मारा गया मुख्तार अंसारी का शूटर अनुज कनौजिया गैंग के लिए बड़ी जिम्मेदारी निभा रहा था। वह झारखंड से नए युवाओं को मुख्तार गैंग में भर्ती करवाता था। शनिवार रात उसकी जुर्म की दुनिया का खौफनाक अंत हो गया।
iपुलिस एनकाउंटर में ढेर मुख्तार के शूटर अनुज कनौजिया की गैंगस्टर पत्नी भी गैंगस्टर है। शादी के बाद रीना पति अनुज के अवैध धंधों को संभालती है। पत्नी रीना भी जेल जा चुकी है। इनकी शादी की कहानी भी फिल्मों जैसी है।
मुख्तार अंसारी के शूटर अनुज कन्नौजिया को पुलिस एनकाउंटर ढेर कर दिया गया है। अनुज कनौजिया की विशेषता थी कि वह दोनों हाथों में पिस्टल लेकर एक साथ फायर कर सकता था।हत्या, लूट, रंगदारी और गैंगस्टर समेत 23 मुकदमे दर्ज थे।
मुख्तार अंसारी का शार्प शूटर अनुज कन्नौजिया यूपी एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में ढेर हो गया है। यूपी से ही पीछे पड़ी एसटीएफ का अनुज के साथ झारखंड के जमशेदपुर में एनकाउंटर हो गया। एनकाउंटर में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।
बांदा जेल में मुख्तार अंसारी की बैरक एक साल बाद फिर खुलेगी। लोअर कोर्ट ने मुख्तार अंसारी की सील बैरक को खोलने के लिए लोअर कोर्ट ने आदेश दिए हैं। जेल प्रशासन को आदेश दिया गया है कि मुख्तार की बैरक में रखे सामान को उनके परिजनों को सौंप दिया जाए।
मुख्तार अंसारी गैंग के शार्प शूटर अनुज कन्नौजिया पर इनाम की राशि ढाई गुना बढ़ाते हुए एक लाख से सीधे ढाई लाख कर दी गई है। पांच साल से फरार अनुज के पीछे पुलिस की कई टीमें लगी हैं। गिरफ्तारी नहीं होने के कारण ही डीजीपी कार्यालय ने इनाम की राशि बढ़ाने की घोषणा की है।