मुख्तार के शूटर अनुज का दाहिना हाथ बने ‘विधायक’ ने यूपी में खूब की वसूली, कई जिलों में था आतंक
- मुख्तार के शूटर अनुज का दाहिना हाथ बने ‘विधायक’ ने यूपी में खूब वसूली की। उसका वसूली का साम्राज्य आजमगढ़, गाजीपुर, मऊ समेत कई जिलों में चला। इन जिलों में उसका आतंक था।

मुख्तार अंसारी गिरोह का मुख्य शूटर नुज कनौजिया पुलिस एनकाउंटर में मार जा चुका है। अनुज कनौजिया के गैंग में कई दबंग शामिल थे। इनमें ही एक सदस्य ‘विधायक’ नाम से जाना जाता था। अनुज के बेहद विश्वासपात्र इस शख्स ने यूपी में कई बड़ों से खूब वसूली की। उसका वसूली का साम्राज्य आजमगढ़, गाजीपुर, मऊ समेत कई जिलों में चला। कई जिलों में आतंक था। 29 मार्च को जमशेदपुर में एक मुठभेड़ में मारे गए अनुज कनौजिया के साथियों की तलाश में मुखबिरों से ये खुलासे हुए हैं।
अनुज कनौजिया मऊ के चिरैयाकोट के भटौली नवापुरा का रहने वाला था। वर्ष 1993 में उसके बड़े भाई मनोज ने जब नवापुरा निवासी प्रमोद सिंह की हत्या कर दी थी, अब उसकी तूती बोलने लगी थी। तब मनोज कनौजिया मुख्तार अंसारी गिरोह से जुड़ा था। वर्ष 1999 में मऊ नगर में मनोज को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था। इसके बाद ही अनुज अपराध के दलदल में समाता चला गया था। एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि अनुज बेहद शातिर था। उसके पास बरामद पिस्टल पुलिस से लूटी हुई थी। यह पता किया जा रहा है कि किस पुलिसकर्मी की उसने पिस्टल कहां लूटी थी?
मुख्तार की मौत के बाद अलग गिरोह बनाया
वर्ष 2024 में 28 मार्च को मुख्तार अंसारी की मौत होने के बाद उसके गिरोह में खलबली मच गई थी। अनुज इस मौके को चूकना नहीं चाहता था। उसने अपना गिरोह बनाना शुरू कर दिया। इसी दौरान एक युवक उसके गिराहे में शामिल हुआ। कुछ समय बाद ही यह युवक अनुज गिरोह का खास हो गया। इस युवक को लोग विधायक नाम से पुकारने लगे थे।
फरार साथियों की तलाश
एसटीएफ के डिप्टी एसपी डीके शाही की टीम ने इस गिरोह के फरार साथियों की तलाश में कई जगह दबिश दी पर कोई हाथ नहीं आया। डीके शाही गोली लगने से घायल हो गए थे। वह मंगलवार को अस्पताल से घर लौटे है। उनकी टीम फरार साथियों की तलाश कर रही है।