लाइन जीवनगढ़ में पेयजल की किल्लत झेल रहे लोग
भले ही हर घर में 24 घंटे पेयजल सुविधा मुहैया कराए जाने के दावे किए जा रहे हों, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि सरकार की ओर से करोड़ों रुपए खर्च करने के बा

लाइन जीवनगढ़ में लोग पिछले तीन दिन से पेयजल किल्लत झेल रहे हैं। पेयजल सप्लाई ठप होने से करीब दो हजार लोग परेशान हैं। लोगों को इस भयंकर गर्मी में इधर-उधर से पेयजल की व्यवस्था करनी पड़ रही है। कई लोग को सिंचाई गूल से ही अपनी प्यास बुझा रहे हैं। इससे उनका अन्य कामकाज प्रभावित हो रहा है। भले ही सरकार की ओर से हर घर में 24 घंटे पेयजल सुविधा मुहैया कराए जाने के दावे किए जा रहे हों, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि सरकार की ओर से करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी लोगों को पीने का पानी मुहैया नहीं हो पा रहा है।
विकासनगर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में हर साल गर्मियों में पीने के पानी संकट गहरा जाता है। इस बार हर घर नल हर घर जल योजना का कार्य पूरा होने और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 64 करोड़ से अधिक लागत से पेरी अर्बन योजना के तहत नलकूप लगाए जाने से लोगों को गर्मियों में पीने का पर्याप्त पानी मिलने की उम्मीद जगी थी। लेकिन इन सभी योजनाओं के दावे गर्मी शुरू होते ही धरे के धरे ही रह गए हैं। अप्रैल माह की शुरुआत से ही नगर समेत आसपास के क्षेत्रों में पेयजल संकट गहराने लगा था। हैरानी की बात है कि जीवनगढ़ पंचायत पेरी अर्बन योजना के तहत लाभान्वित है और यह योजना एक साल पहले ही पूरी हो चुकी है। बावजूद इसके ग्रामीणों को पीने का पानी नहीं मिल पा रहा है। लाइन जीवनगढ़ निवासी संजय चौधरी, विनोद चंदेल, प्रवीण, राजेश, शमशाद, आसिफ ने बताया कि करीब दो हजार की आबादी को सिंचाई गूल और इधर-उधर से पीने के पानी की व्यवस्था करनी पड़ रही है।
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