खुलासा : सस्ते दर पर लोन का झांसा मामले में गिरोह के छह गिरफ्तार
नवादा, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि।नवादा पुलिस का साइबर अपराधियों के विरुद्ध लगातार कार्रवाई जारी है। इसी क्रम में वारिसलीगंज पुलिस की एसआईटी ने एक फायनेंस कम्पनी से सस्ते दर पर लोन दिलाने का झांसा देकर...

नवादा, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। नवादा पुलिस का साइबर अपराधियों के विरुद्ध लगातार कार्रवाई जारी है। इसी क्रम में वारिसलीगंज पुलिस की एसआईटी ने एक फायनेंस कम्पनी से सस्ते दर पर लोन दिलाने का झांसा देकर विभिन्न राज्यों के उपभोक्ताओं से लाखों की ऑनलाइन ठगी करने वाले एक गिरोह का खुलासा किया है। एसआईटी ने तकनीकी सर्विलांस व मानवीय इंटेलिजेंस की मदद से बुधवार को वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के झौर गांव स्थित बगीचे में छापेमारी कर गिरोह के छह साइबर अपराधियों को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को दो दर्जन के करीब अपराधियों द्वारा बगीचे में ठगी किये जाने की सूचना मिली थी।
सूचना पर टीम का गठन छापेमारी की गयी। छह आरोपितों को गिरफ्तार किया गया। जबकि शेष भाग निकले। मौके से 07 एंड्रॉयड मोबाइल व 01 की-पैड मोबाइल तथा 04 पेज कस्टमर डेटाशीट बरामद किये गये। इन्हें किया गया गिरफ्तार गिरफ्तार किये गये आरोपितों में मोकामी प्रसाद का बेटा जीतेन्द्र कुमार उर्फ जीतू (36), राजकुमार महतो का बेटा पंकज कुमार महतो उर्फ पिंटल (34), नकुल प्रसाद का बेटा मंटू कुमार उर्फ बुल्लू (27), महेश राउत का बेटा कुश कुमार (18), अरविन्द प्रसाद का बेटा हरेन्द्र कुमार (23) व रामप्रवेश प्रसाद का बेटा राकेश कुमार (23) शामिल हैं। बगीचे में ठगी करने की मिली सूचना पकरीबरावां एसडीपीओ महेश चौधरी ने नवादा पुलिस ऑफिस में गुरुवार की दोपहर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में पूरे मामले का विस्तारपूर्वक खुलासा किया। वारिसलीगंज एसएचओ रूपेश कुमार सिन्हा की मौजूदगी में एसडीपीओ ने बताया कि पुलिस को झौर गांव के बगीचे में साइबर अपराधियों के एक संगठित गिरोह द्वारा एक नामी फायनेंस कम्पनी के नाम पर सस्ते दर पर लोन दिलाने का झांसा देकर ठगी किये जाने की सूचना मिली थी। सूचना पर एसडीपीओ के नेतृत्व में वारिसलीगंज एसएचओ व अन्य पुलिस पदाधिकारियों की गठित एसआईटी ने छापेमारी किया। बैंक स्टॉफ बनकर करते थे ठगी आरोपितों ने पूछताछ के क्रम में पुलिस को बताया कि वे लोग बैंक मैनेजर व अन्य बैंक स्टॉफ बनकर लोगों को कस्टमर डेटा से नंबर निकालकर फोन करते थे। जाल में फंस जाने के बाद उपभोक्ताओं से उनका आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासबुक डिटेल, ईमेल आईडी व पासपोर्ट साइज फोटो लेते थे। इसके बाद उन्हें फर्जी लोन अप्रूवल लेटर भेजकर उनसे प्रोसेसिंग फी व अन्य मदों के नाम पर ठगी की जाती थी। विभिन्न अकाउंटों में रुपये ट्रांसफर कराये जाते थे और बाद में आरोपित इन्हें आपस में बांट लेते थे। आंध्रा व एमपी का मिला सिम आरोपितों के पास से बरामद सिम फर्जी पाये गये हैं। आरंभिक जांच में इनके पास से मिले सिम में कई एमपी व आंध्रा के उपभोक्ताओं के नाम व पते पर दर्ज पाये गये हैं। पुलिस इनसे फर्जी सिम के श्रोतों का पता लगा रही है। 19 के विरुद्ध दर्ज की गयी प्राथमिकी प्राथमिकी में 19 आरोपितों को नामजद किया गया है। इनमें गिरफ्तार किये गये छह आरोपित भी शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार किये गये आरोपितों की निशानदेही पर मौके से भाग निकले आरोपितों को भी मामले में नामजद किया गया है। इस मामले में वारिसलीगंज थाने में कांड संख्या- 297/25 दर्ज किया गया है। मामले में संगठित रूप से बीएनएस की धाराओं के तहत धोखाधड़ी करने व आईटी एक्ट के तहत आरोप लगाये गये हैं। वर्जन गुप्त सूचना पर लोन के नाम पर ठगी के आरोप में वारिसलीगंज थाने के झौर बगीचे से छह आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। आठ मोबाइल व चार पेज कस्टमर डेटाशीट बरामद किये गये हैं। इनके कई साथी मौके से भाग निकले। जिनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। गिरफ्तार आरोपितों को न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है। --------- महेश चौधरी, पकरीबरावां एसडीपीओ।
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