41 डिग्री पहुंचा पारा, हीट वेव की चपेट में रहा नवादा
नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता।नवादा सोमवार को हीट वेव की चपेट में रहा। ऐसा मौसम पूर्वानुमान था, जो सही साबित हुआ। सुबह से ही तीखी धूप निकल आयी थी।

नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। नवादा सोमवार को हीट वेव की चपेट में रहा। ऐसा मौसम पूर्वानुमान था, जो सही साबित हुआ। सुबह से ही तीखी धूप निकल आयी थी। दोपहर होते-होते लोग घरों में दुबक गए। रास्ते सूनसान हो गए। देर शाम को ही लोग फिर सड़कों और बाजारों में दिख सके। सोमवार को नवादा का अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस बना रहा लेकिन रियल फील 43 डिग्री सेल्सियस वाली बनी रही। न्यूनतम तापमान भी 29 डिग्री सेल्सियस बना रहा। मंगलवार को सोमवार की तरह ही मौसम बना रहेगा और गर्मी बेतरह सताती रहेगी, जबकि बुधवार से एक बार फिर से मौसम में बदलाव होगा।
बुधवार से अधिकतम और न्यूनतम तापमान में औसतन दो डिग्री सेल्सियस तक गिरावट दर्ज की जाएगी। अभी तक के मौसम पूर्वानुमान में कहा गया है कि बुधवार से अगले पांच दिनों तक जिले के एक या दो स्थानों पर छिटपुट बूंदाबांदी और हल्की बारिश हो सकती है। इस बीच, राहत वाली खबर यह है कि मानसून की रफ्तार अब तक सामान्य बनी हुई है। आगामी 16 जून तक नवादा जिले में इसके प्रवेश की संभावना बन रही है। नवादा जिले में मानसून के प्रवेश का लगभग यही निर्धारित समय है। एक डिग्री सेल्सियस तक रही तापमान में वृद्धि रविवार की तुलना में सोमवार को एक डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान में वृद्धि रही। इसी के सापेक्ष न्यूनतम तापमान में भी एक डिग्री सेल्सियस की वृद्धि रही। विभिन्न मौसमीय विश्लेषण समेत उपग्रहीय तस्वीरों के आकलन के आधार पर कृषि मौसम वैज्ञानिक रौशन कुमार ने बताया कि सोमवार को राज्य के अधिकांश स्थानों के अधिकतम तापमान मे 1-3°डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि राज्य के अधिकांश स्थानों के न्यूनतम तापमान मे में 2-4°डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्ज की गई। पछुआ हवा का बहाव लगभग 08 से 10 किमी प्रति घंटा वाली बनी रही, जिससे गर्मी की अधिकता रही। मानसून की गति सामान्य, समय पर पहुंचेगा नवादा मानसून की दशा की जानकारी देते हुए रौशन कुमार ने बताया कि मानसून उत्तरी सीमा से बढ़ते हुए मुंबई, अहिल्यानगर, आदिलाबाद, भवानीपटना, पुरी, सैंडहेड द्वीप, बालुरघाट से होकर गुजर रही है। उत्तर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उसके आसपास के क्षेत्रों में ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर तक बना हुआ है। यह द्रोणिका अब उत्तर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उसके आसपास के क्षेत्रों से होकर चक्रवाती परिसंचरण के ऊपर से मध्य प्रदेश और विदर्भ होते हुए तेलंगाना तक समुद्र तल से 0.9 किमी ऊपर तक फैली हुई है। पश्चिमी विक्षोभ मध्य क्षोभमंडलीय पश्चिमी हवाओं में एक गर्त के रूप में बना हुआ है, जिसकी धुरी समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर है तथा यह अक्षांश 25°के उत्तर में देशांतर 58°पूर्व के साथ-साथ स्थित है। एक ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उससे सटे उत्तर तटीय ओड़िशा और दक्षिण गंगीय पश्चिम बंगाल के ऊपर समुद्र तल से 1.5 और 5.8 किमी ऊपर स्थित है। दक्षिण-पूर्व और समीपवर्ती पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी पर ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है तथा यह औसत समुद्र तल से 5.8 से 7.6 किमी ऊपर देखा जा रहा है।
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