Navada Faces Severe Waterlogging Issues as Monsoon Approaches आधा-अधूरा इंतजाम, शहर में फिर होगा जलभराव , Nawada Hindi News - Hindustan
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आधा-अधूरा इंतजाम, शहर में फिर होगा जलभराव

नवादा शहर में जलजमाव की समस्या सालों से बनी हुई है। बारिश के मौसम में नगर परिषद की तैयारी अधूरी है, जिससे नागरिकों को चिंतित होना पड़ रहा है। 430 नालों में से कई पुराने और संकरे हो चुके हैं, जिससे जल...

Newswrap हिन्दुस्तान, नवादाFri, 6 June 2025 12:07 PM
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आधा-अधूरा इंतजाम, शहर में फिर होगा जलभराव

नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। शहर में नालों का हाल बुरा है। इस कारण जलजमाव से भारी परेशानी है। यह नवादा शहर के लिए सालों भर बनी रहने वाली समस्या बन कर रह चुकी है। अब बारिश के दिन शुरू हो चुके हैं। लेकिन नगर परिषद की तैयारियां अब तक आधा-अधूरा है। ऐसे में आम नागरिकों को इस बात की चिंता सता रही है कि इस वर्ष भी शहर में जलभराव होगा और आम आदमी की फजीहत तय है। निराशाजनक तो यह है कि शहर में कोई ड्रेनेज सिस्टम है ही नहीं, जिस कारण जलजमाव का संकट भारी पड़ना आम बात है। इस संकट से शहर की घनी आबादी वाले क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं।

नगर का विकास बेतरतीब तरीके से जारी रहने के कारण शहर के लगभग हर मोहल्ले में नाले का निकास सटीक तरीके से नहीं हो सका है और इस कारण बड़ी आबादी बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। कहीं एक सप्ताह में उतरता है पानी तो कहीं सालों भर रहता है जलजमाव शहर में नाले की निकासी व्यवस्था इतनी बुरी है कि एक बार पानी जम जाए तो कई मोहल्लों में यह सालों भर जमा रहता है जबकि जो सबसे बेहतर मोहल्लों में शामिल हैं, वहां भी कम से कम एक सप्ताह तो जलभराव के उतरने में लग ही जाता है। शहर वीआईपी कॉलोनी, नवीननगर, पटेल नगर आदि जैसे पॉश इलाकों में भी जलजमाव की समस्या मौजूद है जबकि ग्रामीण क्षेत्र से कट कर नगरीय क्षेत्र में शामिल भदौनी प्रक्षेत्र वर्तमान में काफी बुरा हाल भुगत रहा है। अभी की ही बारिश में यह हाल है, ऐसा नहीं है वरन सालों भर यही बुरा हाल बना रहता है। शहर के अन्य कई मोहल्ले समेत पुराने मोहल्ले भी जलजमाव का संकट झेलने को बाध्य हैं। अभी 2022 में ग्रामीण क्षेत्रों से शहर में शामिल तथा शहरी क्षेत्र के ही नए बसे मोहल्लों में जलजमाव की समस्या सबसे गंभीर है। इसका कोई समाधान दूर-दूर तक दिखाई नहीं पड़ता। मानसून आने में अब सिर्फ 10 दिन शेष, लेकिन नगर परिषद की व्यवस्था नाकाफी मानसून आने में अब सिर्फ 10 दिन ही शेष रह गए हैं लेकिन नगर परिषद की व्यवस्था नाकाफी ही कही जाएगी। अभी तक नालों की पूरी तरह से सफाई पूरी नहीं हो सकही है। जिला मुख्यालय स्थित शहर में बरसात के पानी की निकासी की मुकम्मल व्यवस्था इस वर्ष भी नगर परिषद नहीं कर पाई है। परिषद ने सभी 44 वार्डों में छोटी-छोटी नालियों का निर्माण तो कराया गया है, लेकिन, बड़े आउटफॉल और नाले की व्यवस्था अब तक नहीं करायी जा सकी है। छोटे नालों की जल निकासी को लेकर योजनाएं तो बनाईं गई और इन पर कुछ कार्य हुए लेकिन इसे नाकाफी ही कहा जाएगा। मुश्किल तो यह है कि पुराने नालों की उड़ाही का काम भी अभी अधूरा है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए यदि इस बार भी भारी बारिश हुई तो शहर में जलजमाव तय है। शहर में 20 बड़े नाले, 410 नाले हैं छोटे शहर में कुल 430 नाले हैं, जिनमें 20 बड़े और 410 छोटे हैं। नगर परिषद द्वारा इनकी उड़ाही कराई जा रही है। लेकिन, हर साल की तरह इस बार भी कोई ठोस स्थायी समाधान नहीं निकाला गया। बीते दो वर्षों में नगर परिषद ने करीब 25 छोटे नाले का निर्माण कराया है, जिससे कुछ मोहल्लों में जलजमाव की समस्या में कमी तो आई है लेकिन स्थायी समाधान नहीं निकल सका है। नए बड़े नाले के निर्माण की राह अब तक साजगार नहीं हो सकी है क्योंकि यह सभी नाले राज्य मद से बनाया जाना संभव होगा। इसके अभाव में बात नहीं बन पा रही है। जिले में स्थित सबसे बड़े नाले के रूप में इस्तेमाल हो रहे बरहगैनिया पइन का निर्माण लगभग 75 साल पुराना है जबकि कुछ नाले अब भी 25-30 वर्ष पुराने है लेकिन अधिकांश छोटे नाले भी 10-15 साल पुराने ही हैं। पुराने नाले अत्यंत संकरे हो चुके हैं और उनमें गाद भर जाने के कारण जल प्रवाह अवरुद्ध रहता है। 40 मिमी से अधिक बारिश लगातार होने पर शहर की 60 प्रतिशत आबादी जलजमाव से प्रभावित होती है। सामान्यत: दो लाख की आबादी वाले नवादा शहर के लगभग 1.20 लाख लोग हर हाल में इस संकट को झेलने को बाध्य रहते हैं। नए बसावट वाले मोहल्ले अकौना, केन्दुआ, कृष्णा नगर, रामनगर-अतौआ पथ पर स्थित इलाके, वीआईपी कॉलोनी नए रेलवे स्टेशन का इलाका, कन्हाई नगर के आगे का इलाका, नेहालुचक, कोनियापर, मस्तानगंज, फरहा, पुलिस लाइन के समीप स्थित शांति नगर, सिद्धार्थ नगर आदि इलाकों का हाल सबसे बुरा है। --------------- बुजुर्गों ने कहा- जैसा कल था, वैसा आज भी समस्याग्रस्त है नवादा नवादा। शहर के बुजुर्गों ने कहा कि आबादी बढ़ी लेकिन इसकी तुलना में सुविधाओं का विस्तार बिल्कुल नहीं हो सका। गोला रोड निवासी सरयू प्रसाद, न्यू एरिया के राजेन्द्र प्रसाद, न्यू एरिया के ही अर्जुन प्रसाद, गोला रोड के बिनोद प्रसाद, स्टेशन रोड के रघुनंदन साव आदि बुजुर्ग अपनी व्यथा बयां करते हैं कि जैसा कल था, वैसा ही आज भी नवादा समस्याग्रस्त बना पड़ा है। बल्कि हाल इतनी निराशाजनक हो कर रह गयी है कि जैसे-जैसे आबादी बढ़ती जा रही है, समस्याएं भी विकराल होती जा रही हैं। ----------------------- वर्ष भर जलजमाव का संकट झेलने वाले शहर के मोहल्ले: -वार्ड संख्या एक लोहानीबिगहा, प्राणबिगहा, केन्दुआ और देदौर इलाके में रहता है मोहल्लों में पूरे वर्ष जलभराव -वार्ड संख्या दो के अकौना देवी स्थान के पीछे सालों भर रहता है जलजमाव, एनएच निर्माण से उत्पन्न हुई है बाधा -वार्ड संख्या तीन स्थित गोनावां मौजा स्थित वीआईपी कॉलोनी के पीछे वाले भाग में वर्ष भर रहता है जलभराव -वार्ड संख्या चार स्थित जलमंदिर रोड में सालों भर रहता है जलजमाव, समाधान की नहीं हो पा रही कोई पहल -वार्ड संख्या सात स्थित वीआईपी कॉलोनी के यादव चौक पर वर्ष भर जमा रहता है नाले का पानी, निकासी नदारद -वार्ड संख्या 33 में भदौनी अल्पसंख्य बाहुल्य मोहल्ले में जलनिकासी नहीं रहने से सालों भर रहता है जलजमाव -वार्ड संख्या 28 के पार नवादा स्थित डोभरा पर पावर ग्रिड के समीप एनएच निर्माण के कारण आठ-दस महीने रहता है जलजमाव ---------------------- वर्जन: शहर के सभी 44 वार्डों में पर्याप्त संख्या में छोटे नाले हैं। जबकि 20 बड़े नाले हैं, जिन्हें कारगर बनाए रखने पर नगर परिषद का हमेशा ही ध्यान रहता है। राज्य मद से कुछ और नालों का निर्माण कराया जाना चिह्नित किया जा चुका है। मानूसन के पूर्व शहर के सभी नालों की उड़ाही करा ली जाएगी। बारिश के दिनों में नगर परिषद का पूरा जोर है कि जलजमाव की समस्या विकराल न हो। -नागमणि सिंह, सिटी मैनेजर, नवादा नगर परिषद।

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