Patliputra University VC threaten registrar complaint in police matter reached Raj Bhavan पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी के वीसी ने रजिस्ट्रार को धमकाया, थाने में शिकायत; राजभवन पहुंचा मामला, Bihar Hindi News - Hindustan
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पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी के वीसी ने रजिस्ट्रार को धमकाया, थाने में शिकायत; राजभवन पहुंचा मामला

पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने कार्यवाहक वीसी पर जबरन साइन कराने का दबाव बनाते हुए धमकाने का आरोप लगाया है। यह मामला थाने के साथ ही राजभवन और शिक्षा विभाग के पास भी पहुंचा है।

Jayesh Jetawat हिन्दुस्तान टाइम्स, पटनाWed, 2 April 2025 04:01 PM
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पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी के वीसी ने रजिस्ट्रार को धमकाया, थाने में शिकायत; राजभवन पहुंचा मामला

बिहार की राजधानी पटना स्थित पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी में कार्यवाहक कुलपति और रजिस्ट्रार के बीच विवाद गहरा गया है। रजिस्ट्रार एनके झा ने कार्यवाहक वीसी शरद यादव के खिलाफ बहादुरपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने आरोप लगाया कि वीसी के एस्कॉर्ट गाड़ी में चार लोग सवार होकर आधी रात को उनके घर आए और जबरन फाइलों पर साइन करवाने के लिए उन्हें धमकाया। रजिस्ट्रार ने राजभवन और शिक्षा विभाग को भी इस बारे में अवगत कराया है।

पटना विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एवं रजिस्ट्रार एनके झा ने कहा कि यह वाकया 29 और 30 मार्च की मध्य रात्रि का है। झा के अनुसार वह उस समय घर पर नहीं थे। अगर घर में होते तो उनके लिए स्थिति खतरनाक हो सकती थी। उन्होंने पुलिस शिकायत में कहा, “विश्वविद्यालय के दो सुरक्षा गार्ड और दो अधिकारी, रात 11.40 बजे कुलपति के एस्कॉर्ट वाहन में मेरे घर पहुंचे। सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि वे नशे में थे। वे मुझसे एक फाइल पर हस्ताक्षर करवाना चाहते थे। अगर मैं घर में होता, तो वे कुछ भी कर सकते थे।”

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बहादुर थाने के एसएचओ ने इस कहा कि उन्हें लिखित में शिकायत मिली है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि चारों लोगों से पूछताछ की जाएगी। दूसरी ओर, कुलपति ने मीडियाकर्मियों को बताया कि अधिकारी 29 मार्च को आयोजित सिंडिकेट मीटिंग की कार्यवाही पर हस्ताक्षर करवाने के लिए रजिस्ट्रार के घर गए थे। रजिस्ट्रार मीटिंग के तुरंत बाद घर चले गए थे। उनका फोन बंद था, इसलिए अधिकारी वहां चले गए।

रजिस्ट्रार बोले- घर पर नहीं तो जान बच गई

रजिस्ट्रार एनके झा ने कहा कि कुलपति के बयान का खंडन करते हुए कहा कि सिंडिकेट की बैठक शाम में 6.30 बजे खत्म हो गई थी। इसके बाद वह एक घंटे तक अपने कार्यालय में ही थे। तब तक वीसी को कोई जल्दी नहीं थी। रात में 10 बजे कुलपति का फोन आया और 5 मिनट में दफ्तर आने को कहा। झा ने एक बीमार रिश्तेदार को देखने आने का हवाला देते हुए उन्हें मना कर दिया। रजिस्ट्रार ने दावा किया कि उस रात को वे घर पर नहीं थे, इसलिए उनकी जान बच गई। नहीं तो उनके साथ कुछ भी बुरा हो सकता था।