बिहार में टीचरों और कर्मचारियों को वेतन के लिए अभी करना होगा इंतजार, विभाग ने बताई वजह
इस संबंध में विभाग का कहना है कि विश्वविद्यालयों की ओर से पे-रोल मैनेजमेंट पोर्टल पर कार्यरत और सेवानिवृत्त शिक्षकों-कर्मियों का सही-सही ब्योरा समय पर उपलब्ध नहीं कराने के कारण ही वेतन-पेंशन के भुगतान में देरी होती रही है।

बिहार के विश्वविद्यालयों और अंगीभूत कॉलेजों के शिक्षकों और कर्मियों को वेतन-पेंशन के लिए और कुछ दिन इंतजार करना होगा। आलम यह है कि अप्रैल का महीना समाप्त होने वाला है, पर अब तक मार्च की वेतन राशि भी विश्वविद्यालयों को नहीं भेजी गई है। इससे शिक्षकों और कर्मचारियों को परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है। फरवरी महीने तक की वेतन-पेंशन की राशि पूर्व में जारी हो चुकी है।
शिक्षा विभाग के द्वारा तीन महीने के वेंतन और पेंशन की राशि निकासी करने और इसे जारी करने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसके तहत एक हजार करोड़ की राशि जारी करने की स्वीकृति ली जा रही है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जल्द ही वित्त विभाग को इसका प्रस्ताव भेजा जाएगा। वित्त विभाग से सहमति मिलते ही राशि जारी की जाएगी।
विभाग की तैयारी है कि एक साथ दो महीने मार्च और अप्रैल की वेतन और पेंशन की राशि विश्वविद्यालयों को जारी की जाएगी। मई की वेतन राशि बाद में जारी होगी। वहीं, अगले चरण में विभाग वित्तीय वर्ष के शेष नौ महीने की राशि निकासी की स्वीकृति लेगा, ताकि आगे शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन-पेंशन भुगतान में विलंब नहीं हो।
वेतन-पेंशन की राशि का भुगतान चुनौती बनी
विश्वविद्यालयों के शिक्षकों-कर्मियों को समय पर वेतन-पेंशन की राशि का भुगतान चुनौती बनी हुई है। इसके पहले फरवरी की वेतन-पेंशन राशि भी मार्च के अंतिम सप्ताह में जारी हुई थी। इसके पूर्व के महीनों की कमोवेश यही स्थिति रही है। इस संबंध में विभाग का कहना है कि विश्वविद्यालयों की ओर से पे-रोल मैनेजमेंट पोर्टल पर कार्यरत और सेवानिवृत्त शिक्षकों-कर्मियों का सही-सही ब्योरा समय पर उपलब्ध नहीं कराने के कारण ही वेतन-पेंशन के भुगतान में देरी होती रही है।
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