ग्राम पंचायतों को न तो 15वीं वित्त की राशि मिली न ही छठी राज्य वित्त की
वित्तीय वर्ष 2025-26 के दो माह बाद भी राज्य की पंचायती राज संस्थाओं को 15वीं वित्त आयोग की पहली किस्त की राशि नहीं मिली है। इससे ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों के विकास कार्य प्रभावित...

वित्तीय वर्ष 2025-26 के दो माह बाद भी राज्य की पंचायती राज संस्थाओं के लिए केंद्र से 15वीं वित्त आयोग की प्रथम किस्त की राशि नहीं मिली है। इतना ही नहीं राज्य से छठी वित्त आयोग से मिलने वाली रााशि भी जारी नहीं हो सकी है। इस कारण ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों में विकास कार्य प्रभावित होना तय है। चालू वित्तीय वर्ष में ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों में 9 हजार करोड़ से अधिक राशि मिलनी है। इसमें 15वीं वित्त आयोग से 4 हजार 12 करोड़ की राशि मिलनी है। जबकि छठे राज्य वित्त आयोग से 5 हजार 82 करोड़ 31 लाख रुपए की राशि मिलनी है।
दोनों आयोग के माध्यम से प्रथम किस्त में पंचायती राज संस्थाओं को लगभग साढ़े चार हजार करोड़ की राशि भेजी जानी है। इस राशि से त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं में नाली, गली और सड़क सहित विकास कार्य पूरा किया जाना है। हालांकि, पंचायती राज विभाग की ओर से त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं ने आगामी इस वित्तीय वर्ष के लिए विकास की कार्ययोजना बना कर ई ग्राम स्वराज पोर्टल पर पहले ही अपलोड कर दिया था। प्रावधान है कि जो ग्राम पंचायत या जिला परिषद की ओर से विकास की कार्ययोजना पोर्टल पर अपलोड नहीं करेगा, उसे 15वें वित्त आयोग और छठे राज्य वित्त आयोग द्वारा प्रावधान की गई राशि नहीं मिलेगी। ग्राम पंचायतों को मिलने वाली कुल राशि में बेसिक अनुदान 40 प्रतिशत राशि का उपयोग सोलर स्ट्रीट लाइट, खेल के मैदान, उद्यानों में खुला जिम की व्यवस्था, आंगनबाड़ी केंद्रों में सुविधाओं का विकास, शवदाहगृह या विद्युत शवदाहगृह, बस स्टैंड या ऑटो बस स्टैंड या यात्री शेड का निर्माण, सामुदायिक भवन का निर्माण पर खर्च का प्रावधान है। पंचायत सरकार भवन, पंचायत भवन की चहारदिवारी, पंचायत में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय की चहारदिवारी का निर्माण कराया जा सकता है। ग्राम पंचायत भवन या सामुदायिक भवन में पुस्तकालय निर्माण (वाईफाई सुविधा के साथ) और ग्राम पंचायत में प्रवेश द्वार भी बनाए जा सकते हैं। 15वीं वित्त आयोग की राशि मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना के अनुरक्षण और रख-रखाव के लिए, सार्वजनिक कुंओं का जीर्णोद्धार, छठ घाट का निर्माण, छूटे हुए टोलों के लिए ग्रामीण पेय जलापूर्ति योजना, हर खेत को पानी देने के लिए पक्की सिंचाई नालियों का सीएडीए से समन्वय कर निर्माण, जलापूर्ति अनुरक्षकों का प्रशिक्षण पर खर्च की जा सकती है। ------- कोट अप्रैल में ही राशि मिल जानी चाहिए थी, लेकिन दो माह बाद भी न तो केंद्र और न ही राज्य से पंचायतों के विकास के लिए राशि मिल सकी है। इससे विकास कार्य बाधित होंगे। सरकार जल्द ही पंचायती राज संस्थाओं को प्रथम किस्त की राशि जारी करे। मिथिलेश कुमार राय, प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश मुखिया महासंघ
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