छात्र एक साथ ले सकते हैं दो डिग्रियां, बचेगा समय
छात्र अब एक साथ दो पूर्णकालिक शैक्षणिक कार्यक्रम (डिग्री या डिप्लोमा) कर सकते हैं, चाहे वो ऑनलाइन या ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (ओडीएल) में हो। यह यूजीसी की नई गाइडलाइन के तहत संभव हुआ है। हालांकि,...

अब छात्र दो पूर्णकालिक शैक्षणिक कार्यक्रम (डिग्री या डिप्लोमा) एकसाथ कर सकते हैं। चाहे यह ऑनलाइन या फिर ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (ओडीएल) मोड में हो। दो डिग्री एक ही विश्वविद्यालय या अलग-अलग विश्वविद्यालयों से ले सकते हैं। 2022 से एक साथ ली गई दो डिग्री मान्य होंगी। इस संबंध में यूजीसी ने गुरुवार को नया संशोधित गाइडलाइन जारी किया है। हालांकि, यूजीसी के गाइडलाइन के अनुसार बिहार में दोहरी डिग्री एक साथ लागू करने के लिए नए सिरे से नियमावली बनानी होगी। नियमावली राजभवन के माध्यम से सभी विश्वविद्यालयों को जारी की जाएगी, इसके बाद यहां यह प्रावधान लागू होगा।
गौरतलब है कि तीन साल पहले भी दो डिग्री एक साथ दिए जाने के संबंध में यूजीसी ने गाइडलाइन जारी किया था। तब गाइडलाइन जारी होने की तिथि के बाद एक साथ ली गई दो डिग्री मान्य हो सकती थी, लेकिन अब संशोधित गाइडलाइन के बाद छात्र 2022 के दिशा निर्देशों से पहले दो डिग्री एक साथ ले चुके हैं, उन्हें भी मान्यता दी जा सकती है, बशर्ते वे उस समय के नियमों के अनुसार हों। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत शिक्षा को अधिक समग्र, अंत: विषय और शिक्षार्थी केंद्रित बनाने के लिए बनाई गई है। छात्र विभिन्न क्षेत्रों जैसे बीए इतिहास और बीएससी गणित में एक साथ डिग्री ले सकते हैं। इससे बहु-विषयक शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। दो डिग्री एक साथ लेने में एक कार्यक्रम की कक्षा का समय दूसरे के साथ ओवरलैप न करे। पीएचडी पर लागू नहीं : यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार पीएचडी कार्यक्रमों पर यह प्रावधान लागू नहीं होंगे, क्योंकि पीएचडी के लिए पूर्णकालिक शोध पर ध्यान देना आवश्यक है। छात्रों के लिए लाभ : छात्र अपनी रुचि के अनुसार दो अलग-अलग क्षेत्रों में डिग्री हासिल कर सकते हैं, जिससे उनकी रोजगार क्षमता बढ़ेगी। समय और संसाधनों की बचत होगी। दो डिग्री एक साथ लेने से समय की बचत होगी, क्योंकि पहले छात्रों को एक डिग्री पूरी करने के बाद दूसरी शुरू करनी पड़ती थी। यह नीति छात्रों को विज्ञान, कला, वाणिज्य जैसे विविध क्षेत्रों में कौशल विकसित करने में मददगार होंगे। शैक्षणिक संस्थानों के लिए जरूरी होगा : विवि को अपने वैधानिक निकायों के माध्यम से दो डिग्री कार्यक्रमों को लागू करने के लिए तंत्र विकसित करना होगा। समय सारणी समायोजन और पाठ्यक्रम प्रबंधन सही तरीके से करना जरूरी होगा। अमेरिका, फ्रांस और डेनमार्क जैसे देशों में दोहरी डिग्री एक साथ लेने का प्रचलन है।
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