करोड़ों रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग में फंसे संजीव हंस और गुलाब पर स्पेशल कोर्ट ने लिया संज्ञान, 30 अप्रैल को सुनवाई
करोड़ों रुपए के धनशोधन मामले में ईडी ने दो अलग-अलग मामले दर्ज किए है। ईडी ने अपने जांच में पाया था कि आरोपी आईएएस संजीव हंस जब उर्जा विभाग के प्रधान सचिव और मेसर्स बीएसपीएचसीएल के सीएमडी थे, तभी अपने पद का जमकर दुरुपयोग किया।

पीएमएलए की विशेष अदालत ने बुधवार को करोड़ो रुपए के धनशोधन मामले में आरोपी निलंबित आईएएस संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव समेत 33 आरोपियों और कंपनियों पर धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत संज्ञान लिया है। इसमें दस कंपनियां भी शामिल हैं। अदालत द्वारा ईडी की चार्जशीट पर लिए गए संज्ञान के बाद अब जल्द ही इस मामले की सुनवाई शुरू होगी। इस मामले की अगली सुनवाई 30 अप्रैल को विशेष अदालत में होगी।
करोड़ों रुपए के धनशोधन मामले में ईडी ने आईएएस संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव समेत 23 आरोपी और दस कंपनियों के खिलाफ विशेष अदालत में चार्जशीट दायर किया था। दोनों मामले में ईडी ने संजीव हंस, पूर्व विधायक गुलाब यादव, विपुल बंसल, प्रवीण कुमार, उत्तम कुमार डागा, शदाब खान, प्रदीप कुमार, कमलाकांत गुप्ता समेत समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत संज्ञान लिया है। इसके अलावे विशेष अदालत ने इस मामले में शामिल दस कंपनियों पर संज्ञान लिया है।
ईडी ने दो मामले दर्ज किए हैं
करोड़ों रुपए के धनशोधन मामले में ईडी ने दो अलग-अलग मामले दर्ज किए है। ईडी ने अपने जांच में पाया था कि आरोपी आईएएस संजीव हंस जब उर्जा विभाग के प्रधान सचिव और मेसर्स बीएसपीएचसीएल के सीएमडी थे, तभी अपने पद का जमकर दुरुपयोग किया। आरोप है कि इस दौरान ठेकेदार और कंपनी के माध्यम से करोड़ो रुपए आय से अधिक अर्जित की गई। वर्ष 2022 -2023 में 997 करोड़ और 2850 करोड़ का राज्य में उपभोक्ताओं के लिए 33 लाख स्मार्ट मीटर धूत इंफ्रास्टक्चर कंपनी को ठेका दिया था। इसके अलावा उर्जा विभाग से कई कंपनियों को करोड़ो रुपए का काम दिया गया था। जिसके एवज में कंपनियों से निजी लाभ लिया गया।
हंस की पत्नी की कंपनी के नाम सीएनजी स्टेशन
ईडी की जांच में यह भी बात आयी कि आईएएस संजीव हंस की पत्नी मोना हंस एक कंपनी की मालिक हैं। इसी कंपनी के नाम पर सीएनजी स्टेशन चलता है। इस कंपनी के खाता में पूर्व विधायक गुलाब यादव ने लाखों रुपए जमा किए थे। संजीव हंस की पत्नी और गुलाब यादव संयुक्त संयुक्त रूप से इस कंपनी का संचालन करते हैं। ईडी ने दिल्ली, पुणा, कोलकाता, पटना समेत कई ठिकानो पर छापामारी की थी। जिसमें करोड़ रुपए की चल-अलच संपत्ति के दस्तावेज मिले थे।
ईडी धनशोधन एक्ट के तहत मुकदमा संख्या इसीआइ 04 / 2024 दर्ज कर जांच कर रही है। वहीं, अदालत में यह मामला पीएमएलए वाद संख्या 10/2024 और विशेष वाद संख्या 5 /2025 के रूप में दर्ज है।