कुष्ठ के दो दर्जन से अधिक रोगी की पहचान
-जिले में 300 सौ से अधिक का उपचार पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। जिले में स्वास्थ्य विभाग अर्न्तगत संचालित कुष्ठ विभाग की ओर से कुष्ठ उन्मूलन की दिश

पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। जिले में स्वास्थ्य विभाग अर्न्तगत संचालित कुष्ठ विभाग की ओर से कुष्ठ उन्मूलन की दिशा में लगातार रोगी खोज और उपचार का अभियान चलाया जाता है। इस अभियान के अर्न्तगत रोगी की खोज कार्यक्रम में रोग के पहचान होने पर उनके रोग के अनुरूप उपचार किया जाता है। पिछले मई माह के रोगी खोज अभियान में 32 नए कुष्ठ के रोगी मिले हैं। इन रोगी में 8 पीबी और 24 एमबी रोगी हैं। पीबी रोगी में सभी अडल्ट हैं। जबकि एमबी रोगी में 23 एडल्ट और 1 चाईल्ड रोगी शामिल हैं। एमबी रोगी को एक वर्ष दवा चलती है।
जबकि पीबी का छह माह तक दवा चलती है। जिले में अभी पहले से तीन सौ से अधिक रोगी का उपचार चल रहा है। -कुष्ठ रोग के क्या हैं लक्षण : -कुष्ठ रोगी के लक्षण में सुन्न दाग, जिसमें दर्द या खुजली का ना होना, मोटा लाल रंग का दाग, मोटा दर्द युक्त तंत्रिका , हाथों पैरों में झनझनाहट होना, हाथ और पैर के तलवे में सुखापन होना यानी पसीना न आना, हाथ और पैर के तलवे में दर्द रहित घाव या जख्म का होना, आंखो के पलकों को पूर्ण रूप से बंद ना कर पाना, हाथ और पैर का कमजोर होना या उनके विकृति आना, त्वचा पर गांठे आना, कान का मोटा होना या कान पे गाठें होना आदि शामिल है। विभागीय जानकारी में इस रोग के दवा सेवन के दौरान रोगी को खान पान पर भी परहेज रखना चाहिए। खट्टा, ननभेज आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। -कीटाणु संक्रमण से होता है कुष्ठ रोग: -कुष्ठ रोग माईक्रो बैक्ट्रीयम लेप्री कीटाणु के संक्रमण के कारण होता है। इस बैक्ट्रीरिया के संपर्क में रहने के कारण रोग फैलता है। इस रोग में बड़े से लेकर बच्चे तक शिकार हो जाते हैं। इस रोग को कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए। रोग के किसी भी तरह के लक्षण होने की स्थिति में उपचार के प्रति हमेशा गंभीर रहें। ताकि समय रहते रोग का पता चल सके और सही समय पर जांच कराकर उपचार शुरु कर सकें। कुष्ठ विभाग में कार्यरत फिजियोथेरेपिस्ट पिंटु कुमार बताते हैं कि कुष्ठ रोग कीटाणु के कारण ड्रोपलेस के माध्यम से फैलता है। यह रोग किसी दूसरे के छूने या फिर लगने से नहीं होता है। इसलिए रोगी से घबराने की जरूरत नहीं है। -कुष्ठ रोग होने पर करें उचित देखभाल: -कुष्ठ रोगी रोग होने की स्थिति में जिन भागों में रोग हो उन भागों का प्रतिदिन देखभाल करें। हाथों त्वचा को नम एवं मुलायम रखें। इसी तरह से प्रतिदिन अपने पैरों के भाग को भी देखें। इनमें पैरों के त्वचा को साफ और मुलायम रखें। पैरों की सुरक्षा एवं देखभाल करें। अधिक समय तक खड़े न रहें, कुर्सी पर बैठे। -बोले अधिकारी: -कुष्ठ विभाग के नोडल पदाधिकारी डॉ के एम दास बताते हैं कि जिले के सभी प्रखंडों में जांच और उपचार की सुविधा है। रोगी मिलने के बाद उनके रोग के अनुसार उपचार की सुविधा प्रदान की जाती है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।