कुपोषित बच्चों एवं 60 प्लस के लोगों की अब नियमित टीबी स्क्रीनिंग
-अच्छी खबर : पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। जिले में टीबी उन्मूलन की दिशा में निरंतर कई कार्यक्रम संचालित हो रहे हैं। टीबी के खात्मे के लिए जहां अधि

पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। जिले में टीबी उन्मूलन की दिशा में निरंतर कई कार्यक्रम संचालित हो रहे हैं। टीबी के खात्मे के लिए जहां अधिक से अधिक जांच के लिए जिले में जांच केन्द्र बढ़ाए गए हैं, वहीं सरकारी संस्थान के साथ- साथ निजी चिकित्सा संस्थानों से भी टीबी की जानकारी के लिए अब नोटिफिकेशन हो रहा है ताकि ऐसे रोगी को भी सरकार की ओर से दी जानी वाली लाभुकों को सहायता का लाभ मिल सके। इसी दिशा में अब सरकार की ओर से नए निर्देश में कुपोषित बच्चों एवं 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के बीच टीबी स्क्रीनिंग पर जोर दिया जा रहा है।
ताकि टीबी मुक्त भारत की दिशा में काम को तेजी से अंजाम दिया जा सके। यक्ष्मा विभाग के डीपीएस राजेश शर्मा बताते हैं कि सरकार की ओर से अभी नए निर्देश मिले हैं। इस निर्देश के आलोक में सभी प्रखंड क्षेत्र के चिकित्सा संस्थान को वरीय अधिकारियों की ओर से जानकारी देते हुए कार्य को आगे बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। पोर्टेबल एक्सरे मशीन से जांच : टीबी ग्रसित मरीज के अलग अलग लक्षण होते हैं। इन लक्षणों में मुख्य रुप से दो सप्ताह से अधिक समय तक लगातार खांसी का होना, बुखार आना, भूख नहीं लगना, वजन घटना, रात में पसीना आना, खांसी के दौरान बलगम के साथ खून का आना संबंधित व्यक्ति के टीबी ग्रसित होने के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे सम्भावित टीबी ग्रसित मरीजों की पहचान के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला एवं विभिन्न प्रखंड के स्वास्थ्य केंद्रों में लगातार जांच कैम्प का आयोजन किया जाता है। इस दौरान टीबी ग्रसित होने के लक्षण दिखाई देने वाले मरीजों की पोर्टेबल एक्सरे मशीन द्वारा जांच आयोजित किया जाता है। पोर्टेबल एक्सरे मशीन द्वारा संभावित मरीज के फेफड़ों की स्क्रीनिंग करने पर व्यक्ति के टीबी ग्रसित होने की जानकारी ली जाती है। जांच में टीबी ग्रसित पाए जाने वाले मरीजों को तत्काल विशेष टीबी जांच और आवश्यक उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। समय पर जांच और नियमित उपचार कराने से संबंधित व्यक्ति बहुत जल्द टीबी बीमारी से सुरक्षित होकर सामान्य जीवन का लाभ उठा सकते हैं। जिला संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ कृष्ण मोहन दास बताते हैं की टीबी उन्मूलन के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। सी-वाई स्किन टेस्ट से टीबी होने की संभावना का पता चल जाता : टीबी रोग के जानकार बताते हैं की टीबी ग्रसित मरीजों के संपर्क में रहने वाले परिजनों और आसपास के सहयोगियों को भी टीबी ग्रसित होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए टीबी ग्रसित मरीजों द्वारा उनके परिजनों के शरीर में भी टीबी के कीटाणु पहुंच जाते हैं। जिसकी पहचान संबंधित व्यक्ति को बहुत देर बाद होती है। इससे उन्हें भी टीबी ग्रसित होने की संभावना रहती है। अगर समय पर जांच और इलाज नहीं कराया गया तो संबंधित व्यक्ति की परेशानी बढ़ जाती है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीबी संभावित व्यक्ति के हाथ में इंजेक्शन लगाना सुनिश्चित किया जाता है। इंजेक्शन लगाने पर संभावित व्यक्ति के हाथ के इंजेक्शन लगाने वाले क्षेत्र में 24 घंटे में सूजन होने लगता है। जिससे संबंधित व्यक्ति के टीबी ग्रसित होने की पहचान हो सकती है। ऐसा लक्षण दिखाई देने पर संबंधित व्यक्ति को विशेष टीबी जांच के लिए बलगम जांच करते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीबी संक्रमण से सुरक्षा के लिए आवश्यक उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। समय पर जांच और उपचार करने से संबंधित व्यक्ति बहुत जल्द टीबी संक्रमण से सुरक्षित होकर सामान्य जीवन का लाभ उठा सकते हैं। बोले अधिकारी: सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने बताया कि टीबी उन्मूलन की दिशा में कई कार्यक्रम चल रहे हैं ताकि छुपे हुए रोगी सामने आ सके और समय पर उपचार के साथ उसका टीबी रोग दूर हो।
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