नीतीश के 2 बड़े अधिकारियों पर RJD सांसद ने लगाए घपले के आरोप, राज्यपाल और सीएम को सौंपा ज्ञापन
आरजेडी सांसद सुधाकर सिंह ने सलाहकारों की नियुक्ति के जरिए सरकारी विभागों में वित्तीय अनियमितताओं और सीएम के प्रधान सचिव दीपक कुमार पर अपने रिश्तेदारों के संगठनों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। इस मामले में राज्यपाल और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ज्ञापन भी सौंपे हैं।

बक्सर से लोकसभा सांसद और राजद नेता सुधाकर सिंह ने रविवार को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की। इस दौरान सलाहकारों की नियुक्ति के जरिए सरकारी विभागों में गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों से जुड़ा एक ज्ञापन सौंपा। जिसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। राजद सांसद ने मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार पर अपने रिश्तेदारों द्वारा संचालित संगठनों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने इससे पहले लोकसभा में शून्यकाल के दौरान इस मामले को उठाया और पीएम कार्यालय, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) और लोकपाल को पत्र लिख चुके हैं।
मुख्यमंत्री और राज्यपाल दोनों को दिए गए अपने ज्ञापन में सुधाकर सिंह ने वित्त विभाग में कथित वित्तीय अनियमितताओं और सरकारी विभागों के जरिए वरिष्ठ अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं द्वारा अपने रिश्तेदारों द्वारा बनाई गई कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए पद का दुरुपयोग करने और सरकारी खजाने से सैकड़ों करोड़ रुपये निकलने के आरोप लगाए। ज्ञापन में उन्होने लिखा कि मैं आपसे आग्रह करता हूं, कि विभागों में बिना किसी प्रतिस्पर्धी बोली के सलाहकारों या परामर्शदाताओं की नियुक्ति की पूरी तरह से जांच कराएं और इस उद्देश्य से शामिल कंपनियों और गैर-सरकारी संगठनों की भूमिका और उपयोगिता की समीक्षा करें।
इससे पहले उन्होंने पूर्व वित्त सचिव लोकेश कुमार सिंह के 31 अगस्त 2024 को नियुक्ति के महज तीन दिन बाद तबादले का मुद्दा भी उठाया है और विभागीय बैठकों में निजी कंपनियों के प्रतिनिधियों की कथित संलिप्तता के कारण वर्तमान पदस्थ आनंद किशोर की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। राज्यपाल से उन्होंने राज्य में जन लोकपाल के रिक्त पद की ओर भी ध्यान खींचा। और इसके गठन के लिए राज्य सरकार को निर्देश देने की मांग की है।
बक्सर सांसद ने कहा जन लोकपाल के अभाव में ऐसे मामलों की ठीक से जांच नहीं हो पाती है। मैंने राज्यपाल और सीएम दोनों से मुलाकात की और उनके साथ विस्तृत बातचीत की। मुझे उम्मीद है कि वे बिहार जैसे आर्थिक रूप से गरीब राज्य के व्यापक हित में जो उचित समझेंगे, वो करेंगे। उन्होंने एचटी को बताया, "किसी लोक सेवक द्वारा किसी को दिए गए आर्थिक लाभ का संकेत भी अपराध के दायरे में आता है और इसलिए, मैंने इसे सीएम और राज्यपाल के संज्ञान में लाया।