Rohtas triple murder case 10 people sentenced to life imprisonment court verdict after 21 years रोहतास ट्रिपल मर्डर में 10 लोगों को आजीवन कारावास, 21 साल बाद आया कोर्ट का फैसला, Bihar Hindi News - Hindustan
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रोहतास ट्रिपल मर्डर में 10 लोगों को आजीवन कारावास, 21 साल बाद आया कोर्ट का फैसला

रोहतास में 21 साल पुराने ट्रिपल मर्डर केस में अदालत ने 10 आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सभी पर 1.12 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

Jayesh Jetawat हिन्दुस्तान, सासारामWed, 13 Nov 2024 06:56 PM
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रोहतास ट्रिपल मर्डर में 10 लोगों को आजीवन कारावास, 21 साल बाद आया कोर्ट का फैसला

बिहार के रोहतास जिले में ट्रिपल मर्डर के मामले में अदालत ने 21 साल बाद 10 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह घटना संझौली थाना इलाके के तिलई गांव में साल 2003 में हुई थी। जहां हथियारबंद लोगों ने खलिहान में बैठे तीन लोगों का अपहरण कर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सासाराम कोर्ट ने हर एक दोषी पर 1.12 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना नहीं देने पर उन्हें 6-6 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

तिलई गांव में अपहरण और तिहरे हत्याकांड के 21 साल पुराने मामले में जिला जज-एक शैलेंद्र कुमार पाण्डा की अदालत ने 10 आरोपियों की सजा के बिंदु पर बुधवार को सुनवाई की। तिलई निवासी शिवकुमार धोबी, शिव पारस धोबी, छेदी धोबी, जयेंद्र राम, नाखून धोबी, बेचन महतो, शालिक राम, मालिक राम, सुदामा पासवान और त्रिभुवन बैठा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।

यह घटना चार जनवरी 2003 की बताई जाती है। मामले की प्राथमिकी संझौली थाना क्षेत्र के तिलई निवासी बबन सिंह ने स्थानीय थाने में दर्ज कराई थी। एडिशनल पीपी अशोक कुमार ने बताया कि संझौली थाना क्षेत्र के तिलई गांव के तीन लोगों की अपहरण कर हत्या के मामले में 13 लोगों का नाम सामने आया था। दो लोगों की ट्रायल के दौरान मौत हो गई थी। वहीं एक आरोपी दिनारा थाना क्षेत्र के मनोहरपुर निवासी भोला राम उर्फ भोला पासवान को साक्ष्य के अभाव में अदालत ने बरी कर दिया।

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ट्रायल के दौरान अदालत में 13 गवाहों की गवाही कराई गई थी। अदालत ने सभी 10 आरोपियों को हत्या, अपहरण, घातक आयुध से सज्जित होकर उपद्रव करने और शस्त्र अधिनियम में दोषी पाया और सजा सुनाई।

क्या था मामला?

घटना चार जनवरी 2003 की शाम छह बजे संझौली थाना क्षेत्र के तिलई गांव में हुई थी। बताया जाता है कि राइफल, बंदूक और धारदार हथियार से लैस होकर अभियुक्तगण 30-35 अज्ञात लोगों के साथ आए थे। तब तिलई गांव के ही विजय कुमार सिंह, विंध्यवासिनी प्रताप सिंह उर्फ पिंटू सिंह और शिवजी सिंह अपने खलिहान में बैठे थे। अभियुक्तों ने खलिहान से तीनों लोगों को उठाकर गांव से पश्चिम आहर के पास लेकर गए थे। उनका हाथ-पैर बांध दिया था और तीनों की गोली मार हत्या कर दी थी। गोली की आवाज सुनकर ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचे, तब तक सभी आरोपी मौके से भाग निकले थे। घटना स्थल पर तीनों लोगों को मृत अवस्था में पाया गया था।