1 crore meters cloth 95 lakh children monitoring through software understand plan of Bihar government 1 करोड़ मीटर कपड़ा, 95 लाख बच्चे, सॉफ्टवेयर से निगरानी; बिहार सरकार का प्लान समझिए, Bihar Hindi News - Hindustan
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1 करोड़ मीटर कपड़ा, 95 लाख बच्चे, सॉफ्टवेयर से निगरानी; बिहार सरकार का प्लान समझिए

कई जिलों में जीविका दीदियों का सिलाई सेंटर जानकी स्टिचिंग प्रोड्यूसर कंपनी के नाम से चल रहा है। इस कंपनी में मुख्यत: सिलाई कढ़ाई का काम होता है। अब ये कंपनी आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों की पोशाक तैयार करेगी।

Sudhir Kumar हिन्दुस्तानMon, 9 June 2025 09:50 AM
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1 करोड़ मीटर कपड़ा, 95 लाख बच्चे, सॉफ्टवेयर से निगरानी; बिहार सरकार का प्लान समझिए

बिहार के 1.15 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों की पोशाक जीविका दीदियां बनाएंगी। लगभग 95 लाख बच्चों के लिए एक करोड़ मीटर कपड़ा लगेगा। कपड़े की आपूर्ति के लिए निविदा जारी कर दी गई। चयनित एजेंसी से कपड़ा मिलने के बाद जीविका दीदियां पोशाक तैयार करने में जुट जाएंगी। इसमें राज्य की 30 से 35 हजार जीविका दीदियों को लगाया जाएगा।

बता दें कि राज्य के कई जिलों में जीविका दीदियों का सिलाई सेंटर जानकी स्टिचिंग प्रोड्यूसर कंपनी के नाम से चल रहा है। इस कंपनी में मुख्यत: सिलाई कढ़ाई का काम होता है। अब ये कंपनी आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों की पोशाक तैयार करेगी। अबतक इस कंपनी से राज्यभर की 15 हजार जीविका दीदियां जुड़ी हैं।

जीविका दीदियों को मिलेगा सिलाई का प्रशिक्षण

बच्चों की पोशाक तैयार करने में किसी तरह की त्रुटि न हो, इसके लिए सभी जीविका दीदियों को जीविका द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसे प्रखंड स्तर पर एक लाख 15 हजार आंगनबाड़ी केंद्र से टैग किया जाएगा। इससे बच्चों को समय से यूनिफॉर्म उपलब्ध हो सकेगा। आंगनबाड़ी केंद्र पर नवजात से लेकर छह साल तक के बच्चे पंजीकृत होते हैं। लेकिन, यूनिफॉर्म तीन से छह साल तक के बच्चों को दिया जाएगा। तीन साइज की यूनिफॉर्म बनेगी। इसमें 22, 24 और 28 नंबर शामिल हैं। जीविका प्रशासन की मानें तो छह महीने में यूनिफॉर्म तैयार कर लिया जाएगा। नवंबर से सभी आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को यूनिफॉर्म भेजा जाएगा।

सॉफ्टवेयर से होगी ट्रैकिंग

स्टिचिंग प्रोड्यूसर कंपनी के माध्यम से कपड़े की सिलाई हो रही है या नहीं, एक दिन में कितने यूनिफॉर्म तैयार किये जा रहे हैं, इसकी निगरानी के लिए जीविका की ओर से नया सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है। यूनिफॉर्म को अच्छे से रखा जा रहा है या नहीं, बच्चों को समय पर यूनिफॉर्म भेजा जा रहा है या नहीं, इसकी भी सॉफ्टवेयर से ट्रैकिंग की जाएगी। इससे पूरी प्रक्रिया में किसी तरह की त्रुटि नही हो सकेगी।