Farmers Struggle with Non-Functional State Borewells in Samastipur District सिंचाई का खर्च तोड़ रही किसानों की कमर, चालू होना चाहिए स्टेट बोरिंग , Samastipur Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsSamastipur NewsFarmers Struggle with Non-Functional State Borewells in Samastipur District

सिंचाई का खर्च तोड़ रही किसानों की कमर, चालू होना चाहिए स्टेट बोरिंग

समस्तीपुर जिले में 409 स्टेट बोरिंग लगाई गई थी, लेकिन वर्तमान में 300 बोरिंग बंद या खराब हो गए हैं। किसानों को सिंचाई में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, और केवल 3-4 हजार किसानों को ही पिछले चार...

Newswrap हिन्दुस्तान, समस्तीपुरThu, 29 May 2025 12:10 PM
share Share
Follow Us on
सिंचाई का खर्च तोड़ रही किसानों की कमर, चालू होना चाहिए स्टेट बोरिंग

जिले में किसानों को अच्छी फसल उत्पादन के लिए सरकार ने चार से पांच दशक पहले 409 स्टेट बोरिंग लगवाया गया था। वर्तमान में 300 अधिक विभन्न पंचायतों में लगे बोरिंग बंद पड़े हैं, या खराब हो गए हैं। इनको चलाने के लिए आपरेटर का भी अभाव है। इससे किसानों को सिंचाई करने में बहुत अधिक परेशानियों का सामना पड़ रहा है। राज्य सरकार ने कृषि फीडर से राहत देने की कोशिश की, लेकिन तीन से चार सालों में मुश्किल से तीन से चार हजार किसानों के खेतों में बिजली कनेक्शन दिया गया है। वहां भी तीन से चार घंटा बिजली मिल रही है।

भीषण गर्मी में बिना सिंचाई के सब्जी और मकई फसल का अच्छा उत्पादन नहीं हाे सकता है। किसानों की सुविधा के लिए जिले में स्टेट बोरिंग तो लगाई गई, लेकिन सभी नकारा साबित हो रही है। जब यह बोरिंग लगाई गई थी, तब किसानों को बड़ी उम्मीद जगी थी कि अब उन्हें खेतों में फसलों की सिंचाई के लिए और असुविधा नहीं होगी। जबकि कुछ दिन बाद ही यह नकारा साबित होने लगी। जिस पर सरकार का ध्यान नहीं है। किसान अधिक कीमत पर फसलों को सिंचाई करते हैं। जिससे उनकी खेती काफी महंगी होती है। नतीजतन उन्हें खेती घाटे का सौदा बन रहा है। जिले में करीब 409 राजकीय नलकूप है। इसमें करीब 300 नलकूप विभिन्न कारण से खराब पड़े हुए है। इसका लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है। कई नलकूप का हाल तो इतना खास्ता है कि इसके चालू होने की अब कोई गुंजाइश ही नहीं है। फिलहाल किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने हर खेत में कनेक्शन योजना के तहत किसानों को बिजली का कनेक्शन देने का अभियान शुरू किया। इसके तहत किसानों को सिंचाई के लिए 55 पैसे प्रति यूनिट बिजली बिल देकर सिंचाई के लिए कृषि कनेक्शन दिया गया। कुछ हद तक इससे किसान लाभान्वित हो रहे हैं, परंतु इसकी सुस्त रफ्तार है। पिछले चार वर्षों में करीब तीन से चार हजार किसानों तक ही यह कनेक्शन पहुंच सका है। समस्तीपुर जिले को एक नजर देखें तो ज्यादातर स्टेट बोर्डिंग चालू स्थिति में नहीं दिखते हैं। गांव में किसानों के लिए लगाए गए स्टेट बोरिंग लोगों को मुंह चिढ़ाने का काम करते हैं। जिले के रोसड़ा के खैरा निवासी अविनाश कुमार पिंटू कहते हैं कि विश्वबैंक की सहायता से यहां पर स्टेट बोरिंग 1985 में लगाया गया था। उस वक्त खैरा चौर में भूमिगत प्लास्टिक पाइप बिछाई गई। किसानों को उम्मीद जगी कि चौर में खेतों की सिंचाई अब काफी आसान हो जाएगी, लेकिन आज तक न मोटर पंप लगा और ही बोरिंग चालू हो सकी। कुछ प्रखंडों में स्टेट बोरिंग चालू है, लेकिन नाले दुरुस्त नहीं रहे हैं, इसके कारण सीमित क्षेत्र में ही सिंचाई हो पाती है। सिंचाई का दायरा बढ़े तो किसानों को राहत मिले। स्टेट बोर्डिंग चालू करने के लिए कई बार किसानों ने संबंधित विभाग को आवेदन दिया। वहीं धरना प्रदर्शन भी किया। बावजूद विभाग के पदाधिकारी को कान में जू तक नहीं रेंग पाई। रामबाबू राउत बताते हैं कि पंचायत में तीन दशक पूर्व एक नहीं बल्कि तीन-तीन स्टेट बोर्डिंग लगाए गए थे। तब किसानों को उम्मीद जगी थी कि अब उन्हें भागदौड़ करना नहीं पड़ेगा। समस्तीपुर जिले के विभिन्न पंचायत में स्टेट बोर्डिंग लगे हैं लेकिन यह सिर्फ नाम के हैं। किसानों को अपने फसलों की सिंचाई करने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है, या तो उन्हें स्वयं पंप सेट लगाकर बोरिंग से पानी चलना पड़ता है या दूसरे से खरीद कर फसलों की सिंचाई करनी पड़ती है। समस्तीपुर जिला के किसान सरकारी उपेक्षा का शिकार झेल रहे हैं। वह कहते हैं कि यह कैसी विडंबना है कि उनके लिए सरकार बोरिंग की भी व्यवस्था की। जबकि वह नकारा साबित हुआ। समृद्ध किसान शंकर महतो, दिनेश साह, अशोक साह, मो. जावेद आलम आदि बताते हैं कि गांव में बंद पड़े स्टेट बोर्डिंग को जब भी देखता हूं तो विभाग पर गुस्सा आता है। बोले-जिम्मेदार सरकार की ओर किसानों की बेहतरी को लेकर कई योजनाओं का संचालन कर रखा गया है। इसको लेकर प्रचार प्रसार भी बेहतर तरीके से किया जा रहा है। खरीफ व रबी फसल के बेहतर सिंचाई को लेकर सभी सरकारी नलकूप को चालू कराया जाएगा। इसको लेकर डीएम से बात की जाएगी। वहीं इसमें जो भी दोष है उसे दूर किया जाएगा। ताकि किसानों को इसका लाभ मिल सके। इस मुद्दे को लेकर विभागीय मंत्री से भी बात की जाएगी। हर हाल में जिले में जो भी दोषपूर्ण सरकारी नलकूप है उसे दुरूस्त कराकर किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा। -तरुण कुमार चौधरी, एमएलसी

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।