रात में सड़कों पर छाया रहता अंधेरा जल निकासी की भी व्यवस्था नहीं
समस्तीपुर नगर निगम के वार्ड-6 में तीन हजार की आबादी बसी है। यहां सफाई, पेयजल और आवास की व्यवस्था नहीं है। लोग सड़कों पर अंधेरे में चलने को मजबूर हैं और आवास योजना का लाभ नहीं मिला है। वार्डवासियों ने...
समस्तीपुर नगर निगम के वार्ड-6 में करीब तीन हजार की आबादी बसती है। इस मोहल्ले में नियमित सफाई की व्यवस्था नहीं है। जगह-जगह कचरे का अंबार लगा हुआ है। लोगों को शुद्ध पेयजल भी नहीं मिल रहा है। नल-जल योजना की स्थिति भी ठीक नहीं है। पाइप लाइन जर्जर है। लोगों का आरोप है कि निगम के अधिकारी सिर्फ टैक्स वसूलने में लगे रहते हैं। सड़कों पर स्ट्रीट लाइट नहीं रहने के कारण लोगों को रात में निकलने में भी डर लगता है। धोबी टोला के लोगों को अब तक आवास योजना का लाभ नहीं दिया गया है। लोग झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं।
वार्डवासियों ने कहा कि हमारी समस्याएं दूर नहीं की गई तो आंदोलन करेंगे। समस्तीपुर नगर निगम का वार्ड संख्या 6 नया वार्ड है। समस्तीपुर के विधायक अख्तरूल इस्लाम शाहीन का घर इसी वार्ड में होने की वजह से वार्ड की महत्ता और बढ़ जाती है। लेकिन वार्ड के विकास की जब बात उठती है, तब लोग नगर निगम की व्यवस्था को कोसते हैं। लोग सवाल करते हैं कि नगर परिषद को नगर निगम में अपग्रेड कर वार्ड-6 तो बना दिया गया, लेकिन अभी तक इस वार्ड का विकास विधायक के रहते क्यों नहीं किया गया? लोगों का कहना है कि पहले जब उनका इलाका चकनूर पंचायत था, तब भी विकास की बयार नहीं बही, आज शहर में शामिल हो गया, तब भी विकास की रफ्तार में यह वार्ड पीछे ही है। लोग सवाल उठाते हैं कि आखिर ढाई साल बाद भी नगर निगम ने उनके वार्ड के साथ नाइंसाफी क्यों की? क्या मकसद था वार्ड-6 बनाने का। नगर निगम के जिम्मेदार लोगों को उनके सवालों का जवाब देना ही होगा। वार्ड-6 शहर के मध्य धरमपुर मोहल्ला से सटा है, जो कई टोलों को समेटे हुए है। धोबी टोल, सहनी टोल, पासी टोल, ग्वाला टोल, धोबी टोला चकनूर आदि हैं। समस्तीपुर पूसा मुख्य मार्ग से वार्ड-6 का सीधा जुड़ाव है। वार्ड-6 से उत्तर की तरफ गंडक नदी बांध तक जाकर वार्ड खत्म होता है। धोबी टोला के संजय रजक, रंजीत रजक, गौड़ी रजक आदि कहते हैं कि उनके मोहल्ला में सड़क तो है, लेकिन वह भी अब कमजोर होती जा रही है। जितेन्द्र राय ने बताया कि उनके मोहल्ला में पानी निकासी का साधन नहीं है। बरसात में काफी पानी लग जाता है। लोग एक तरह से तैर कर मुख्य सड़क तक पहुंचते हैं। संतोष राय व मोचन राय का कहना है कि नगर निगम उनके मोहल्ला में न सड़क को दुरुस्त कर रहा है और न नाला ही बनवा रहा है। कई बार हमलोगों ने इसकी मांग की है। कोई सुनता ही नहीं है। जबकि इसी वार्ड में विधायक भी रहते हैं। वे भी नगर निगम को कह सकते हैं। रीना देवी और रंजना देवी बताती हैं कि धोबी टोल में करीब 50 घरों में नल जल का पानी नहीं पहुंचता। नल जल योजना यहां बेमानी है। उन्होंने कहा कि चकनूर जब पंचायत थी, तभी नल जल योजना की पानी टंकी लगी थी। टंकी लगाने के बाद से उसकी अभी तक सफाई नहीं की गई है। इससे पानी काफी दूषित हो गया है। मवेशी भी इसे पीने को तैयार नहीं होता। इसके पानी से बदबू आती है। हमलोग कब से कह रहे हैं कि पानी टंकी की सफाई करवायी जाये ताकि पानी पीने के लायक बन सके, लेकिन नगर निगम ध्यान नहीं दे रहा है। धोबी टोला समेत अन्य टोलों में कई गरीब लोग अभी तक झोपड़ी में ही रह रहे हैं। उनको पक्का मकान अभी तक नसीब नहीं हुआ है। जबकि इन जरूरतमंदों ने नगर निगम में आवेदन भी कर रखा है। उनके आवेदनों पर अभी तक क्या प्रगति है, यह कोई बताने को तैयार नहीं है। लीला देवी, ओम प्रकाश रजक आदि ने कहा कि धोबी टोला, सहनी टोला, पासी टोल, ग्वाला टोल आदि में कहीं भी स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था नहीं की गई है। बिजली के कई पोलों पर बल्ब भी नहीं लगे हुए हैं। रात में लोगों को अंधेरे में आबाजाही करने में काफी दिक्कत होती है। बोले जिम्मेदार वार्ड 6 में सड़क व नाली की छह योजनाओं पर काम पूरा कराया गया है। दो योजनाओं पर कार्य प्रगति पर है। बाकी पांच योजनाएं टेंडर की प्रक्रिया में हैं। बाकी योजनाओं पर काम होना बाकी है। नल जल योजना में पानी टंकी की सफाई व संबंधित कार्य मेरे ध्यान में हैं। पीएचई ने अभी तक नल जल योजना बुडको को हैंडओवर नहीं किया है। इसके लिए फिर पत्र भेजा जाएगा। बड़ा नाला धर्मपुर मुख्य सड़क के साथ बनते आ रहा है। -अनिता राम, मेयर, नगर निगम
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