ध्यानार्थ: हथियारबंद अपराधियों ने दूध विक्रेता को अगवा कर तीन घंटे बाद किया मुक्त
(पेज तीन) धियों का दल उसे अगवा कर लिया। वे दूध विक्रेता को पहाड़ के दुर्गम रास्ता दिखाने के लिए कहकर खुखमा घाटी के रास्ते पहाड़ के

नौहट्टा, एक संवाददाता। चुटिया थाना क्षेत्र के पड़रिया छउर से बुधवार की सुबह घने जंगलों की ओर जा रहे एक दर्जन से अधिक हथियारबंद अपराधियों ने रास्ता दिखाने के लिए दूध विक्रेता का अगवा कर लिया। बताया जाता है कि पड़रिया छउर के समीप काजीपुर निवासी नागेंद्र यादव बाइक खड़ा कर शौच कर रहे थे। इस बीच गुजर रहे हथियारबंद सशस्त्र अपराधियों का दल उसे अगवा कर लिया। वे दूध विक्रेता को पहाड़ के दुर्गम रास्ता दिखाने के लिए कहकर खुखमा घाटी के रास्ते पहाड़ के शीर्ष पर ले गए। जहां तीन घंटे बाद उसे मुक्त कर दिया। अगवा किए जाने की घटना से क्षेत्र मे दहशत का माहौल कायम हो गया है।
जानकारी के अनुसार नागेंद्र यादव दूध का व्यवसाय करता है। परछा, पंडुका आदि गांव से दूध खरीदारी करके रोहतास, बंजारी के होटलों मे दूध बेचता है। बुधवार की अहले सुबह चार बजे दूध लाने तथा दूध के पैसा चालीस हजार रूपया भुगतान करने के लिए पंडुका की ओर बाइक से जा रहा था। इसी बीच पड़रिया छउर के पास बाइक रोककर शौच करने लगा। तभी सोन नदी की ओर से एक दर्जन से अधिक लोग पहुंच गये। चारो तरफ से नागेंद्र को घेरकर मोबाइल छीन लिया तथा पहाड़ की ओर ले जाने लगा। खुखमा घाटी के पास जंगल मे नागेंद्र ने अनुरोध किया कि कम से कम घर सूचना देने दीजिए ताकि सड़क से बाइक को परिवार ले जाएं। पॉकेट से दूध का चालीस हजार रूपया भी नागेंद्र ने सभी को देकर छोडने का अनुरोध किया। अपराधियों ने घर पर उसे सूचना देने की इजाजत दे दी। घर पर सूचना मिलते ही घरवालों ने सगे संबंधियों को सूचना दी। खबर जंगल की आग की तरह फैल गया। नौहट्टा के उत्तम यादव गाड़ी के साथ चुटिया थाना पहुंच गये। खुखमा घाटी जर्जर होने के कारण थाना की गाड़ी पहाड़ नही चढ़ पायी। थानाध्यक्ष बिट्टुलाल रंजन सशस्त्र बलों के साथ दूसरे गाड़ी से ही पहाड़ चढ़े। शिर्ष पर जब पहुंचे तो दूसरी ओर से नागेंद्र यादव पैदल आ रहा था। गाड़ी से उसे चुटिया थाना लाया गया। नागेंद्र ने पुलिस को बताया कि तेरह लोग थे। काला रंग के वर्दी में तथा पिट्ठू भी था। एक व्यक्ति करीब चालीस साल का था। अन्य बीस से पच्चीस वर्ष के युवक थे। कुछ लोगों के पास ही हथियार था। भाषा मे भी भिन्नता थी। सभी ने चेहरा को ढ़क रखा था। मारपीट या दुर्व्यवहार किसी ने नही किया। आशंका है कि जंगल मे पहुंचने से पहले सूचना ना फैले इसके लिए नागेंद्र को अपराधियों ने उसे अगवा कर लिया। थानाध्यक्ष ने बताया कि मामले को लेकर पीड़ित के भतीजा अज्ञात लोगो एफआईआर करने का आवेदन दिया है। एएसपी कोटा किरण कुमार ने बताया कि मामले को लेकर गहराई से छानबीन की जा रही है। विभिन्न बिंदुओं पर अनुसंधान की जा रही है।
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