अब शास्त्र के साथ ‘शस्त्र थामने को तैयार हैं सीतामढ़ी की बेटियां
सीतामढ़ी की बेटियां अब शस्त्र उठाने के लिए प्रशिक्षण ले रही हैं। वे अग्निवीर, पुलिस और डिफेंस सेवाओं में चयन के लिए तैयार हो रही हैं। एनसीसी के माध्यम से उन्हें अनुशासन और निर्णय लेने के कौशल सिखाए जा...

सीतामढ़ी। सीतामढ़ी की बेटियां अब सिर्फ ‘शास्त्र तक सीमित नहीं रहना चाहतीं, वे ‘शस्त्र भी थामना चाहती हैं। वर्दी पहनने का सपना और देश की सेवा का जुनून उन्हें खुले आसमान के नीचे धूप की परवाह किए बिना हर दिन प्रशिक्षण के मैदान तक खींच रही है। अलसुबह जिला मुख्यालय डुमरा के हवाई अड्डा मैदान व शहर के गोयनका कॉलेज का परिसर उनके साहस, संघर्ष और संकल्प का अखाड़ा बन जाता है। प्रत्येक सुबह सैकड़ों युवतियां दौड़, कूद, रस्सी कूद, गोला फेंक और अन्य फिटनेस अभ्यासों में जुट जाती हैं। उनका लक्ष्य स्पष्ट है अग्निवीर, बिहार पुलिस, होमगार्ड और डिफेंस सेवाओं में चयन पाना।
पढ़ाई के साथ देश की सुरक्षा को भी तैयार: ट्रेनर राजकपूर और अरविंद सिंह बताते हैं कि लड़कियों का आत्मबल हर दिन बढ़ रहा है। हाल ही में जब बारिश हो रही थी, तब भी लड़कियों ने ट्रेनिंग पूरी की। बेटियां न सिर्फ खुद को मजबूत बना रही हैं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का संदेश भी दे रही हैं। बेटियां सिर्फ पढ़ नहीं रही हैं, बल्कि देश की सुरक्षा के लिए तैयार हो रही हैं। सैकड़ों बेटियां ले रहीं एनसीसी प्रशिक्षण तैयारी सिर्फ शारीरिक या मानसिक स्तर तक सीमित नहीं है। जिले की कई छात्राएं राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के जरिए शस्त्र चलाने का भी प्रशिक्षण ले रही हैं। उन्हें रायफल चलाने, अनुशासन और आपात परिस्थितियों में निर्णय लेने जैसे जरूरी कौशल सिखाए जाते हैं। इससे उनका आत्मविश्वास और आत्मबल और अधिक मजबूत हो रहा है। वर्दी की चाहत बनाता है अनुशासित ट्रेनिंग में ज्योति, अनीशा व सोनी सिंह का कहना है कि वर्दी पहनने का सपना ही उन्हें इस अनुशासन और कठिन दिनचर्या में बांधे रखता है। वे मानती हैं कि समाज में महिलाओं की भागीदारी बढ़ने से मानसिकता बदलेगी और लड़कियों को लेकर सोच में भी बड़ा परिवर्तन आएगा। प्रतिदिन दौड़ने, कूदने और वजन उठाने के साथ अन्य व्यायाम अभ्यास करती दिखती है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।