कृषि को लाभकारी व्यवसाय के रूप में स्थापित करने की जरूरत
शिवहर में विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत पांच गांवों में कृषक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। किसानों को प्राकृतिक खेती, मृदा स्वास्थ्य, जैविक खाद और फसल विविधिकरण के विषय में जानकारी दी गई।...

शिवहर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। विकसित कृषि संकल्प अभियान के दूसरे दिन शुक्रवार को जिले के पांच गांवों में कृषक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिले के पिपराही प्रखंड के कुअमां,बकटपुर तथा बनवीर एवं पुरनहिया प्रखंड के हथसार, दोस्तियां एवं बराही जगदीश गांवों में आयोजित जागरूकता शिविर में किसानों को प्राकृतिक खेती के महत्व, मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन, रासायनिक उर्वरकों के संतुलित प्रयोग, जैविक खाद के लाभ एवं फसल विविधिकरण के विषय में विस्तार से जानकारी दी गई। ताकि उनकी आय में वृद्धि हो सके एवं कृषि को लाभकारी व्यवसाय के रूप में स्थापित किया जा सके। वही खरीफ-वर्षा आधारित फसलों की उन्नत प्रजातियों के विषय में जानकारी दी गई।
विशेष रूप से धान की नई प्रजातियां, सब्जियों की खेती, एवं मौसमी फल उत्पादन पर जोर दिया गया। किसानों को फसल बीमा योजना की उपयोगिता एवं पंजीकरण की प्रक्रिया के बारे में भी विस्तारपूर्वक बताया गया। इसके अलावा जल संरक्षण के उपाय एवं सूक्ष्म सिंचाई पद्धतियां और कृषि यंत्रों का उपयोग एवं कृषि यांत्रिकीकरण की विस्तृत जानकारी वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि अभियंत्रण डॉ संजय कुमार पटेल द्वारा दी गई। कृषक जागरूकता कार्यक्रम में नवीनतम तकनीक पर बल : पुरनहिया। कृषि विज्ञान केंद्र के तत्वाधान में विकसित कृषि संकल्प अभियान के अंतर्गत प्रखंड के हथिसार,दोस्तिया व बराही जगदीश में एक दिवसीय कृषक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अभियान का उद्देश्य किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों, नवीनतम कृषि यंत्रों, जैविक खेती,फसल विविधिकरण, मृदा स्वास्थ्य कार्ड,प्राकृतिक खेती, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं अन्य कृषि योजनाओं की जानकारी देकर उनकी आय में वृद्धि करना है।.अभियान का नेतृत्व वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. अनुराधा रंजन कुमारी एवं डॉ सौरभ शंकर पटेल ने किया।वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. कुमारी ने कहा कि वर्तमान समय में टिकाऊ कृषि के लिए जैविक एवं प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना आवश्यक है।ताकि उनकी फसलें अधिक स्वास्थ्यवर्धक एवं पर्यावरण के अनुकूल हों।उन्होंने किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि,कृषि यंत्र अनुदान योजना एवं आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत मिलने वाली सुविधाओं के बारे में भी जानकारी दी।कार्यक्रम के दौरान किसानों ने अपनी समस्याएं रखी जिसका निदान डॉ. कुमारी एवं उनकी टीम ने समाधान करते हुए वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कृषि करने के तरीक बताया।डॉ.अनुराधा रंजन कुमारी ने कहा कि किसानों को हमेशा कृषि विज्ञान केंद्र के साथ निरंतर संपर्क बनाए रखना चाहिए,जिससे अपनी खेती मे नवीनतम वैज्ञानिक तकनीकों का प्रयोग कर सकें।कृषि केवल परिश्रम ही नहीं बल्कि विज्ञान भी है।सही जानकारी एवं मार्गदर्शन से ही किसान अपनी आय मे दोगुना इजाफा कर सकते हैं।
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