दरौली: पंचमदिरा घाट पर राजकीय सम्मान के साथ जवान का अंतिम संस्कार
गुठनी के एकवारी गांव निवासी सीआरपीएफ जवान अरुण कुमार पाण्डेय (53) की ड्यूटी के दौरान दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। उनका शव शनिवार को गांव पहुंचा, जहां अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया...

गुठनी, एक संवाददाता। प्रखण्ड मुख्यालय के एकवारी गांव निवासी सीआरपीएफ जवान अरुण कुमार पाण्डेय (53) वर्ष की मौत ड्यूटी के दौरान दिल का दौरा पड़ने से हो गया। परिजनो की माने तो वह अरुणाचल प्रदेश के सीआरपीएफ के 36 वीं बटालियन में कार्यरत थे। जहां 6 जून को सुबह 8:10 बजे ड्यूटी के दौरान ही उसके सीने में दर्द की शिकायत हुई थी। शनिवार को पटना एयरपोर्ट से शव सड़क के रास्ते होते हुए उनके पैतृक गांव एकवारी पहुंचा। शव पूछते ही जहां परिजनों के करुण विलाप से माहौल गमगीन हो गया। वहीं जवान के घर मौजूद सामाजिक कार्यकर्ताओं, जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों के आंखों में भी आंसू आ गए।
सभी लोगों ने भारत माता की जय और जवान अमर रहे के गगन भेदी नारे लगाए। इस दौरान रविवार की सुबह दरौली प्रखंड मुख्यालय स्थित पांचमदिरा घाट पर उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। इस दौरान मौजूद जवानों ने उन्हें अंतिम सलामी दिया। जहां अंतिम सलामी के बाद उनके पुत्र द्वारा उन्हें मुखाग्नि देकर उनका अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार के दौरान पुलिस अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और परिवार जनों ने भी उनके शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित किया। जिसमें भाजपा नेता जया मांझी, मुखिया गजराज राम, थानाध्यक्ष विकास कुमार सिंह, एएसआई गणेश चौहान,भाजपा नेता कुंदन सिंह, मनोज राम, गिरीश मिश्रा, राजन मिश्रा, सुरेन्द्र पांडेय, कृष्णा पाण्डेय, रमेश मिश्रा, ब्यास पांडेय, बेचू पांडेय, संजय मिश्रा, संकट मोचन मिश्रा, रंट्टू राय, मुन्ना पांडेय मौजूद थे। परिजनों के शव से लिपटकर रोने से लोगों भी हुए भावुक मृतक सीआरपीएफ जवान अरुण कुमार पाण्डेय के मौत के बाद परिजनों का रो - रोकर बुरा हाल है। उसके परिवार में उसकी मां श्याम सुंदरी देवी, पुत्र शिवम् कुमार पाण्डेय, पुत्री कृति पांडेय, भाई धन्नू पांडेय, शंभु पांडेय, नन्हे पांडेय व धीरज पाण्डेय शामिल हैं। जब जवान का उनके पैतृक गांव पहुंचा तो उनकी मां यह कह कर रो रही थी कि अब आगे का सहारा कौन होगा बेटे और बेटी यह कह कर रो रहे थे की मां ने तो बहुत पहले ही साथ छोड़ दिया। आपको इतनी जल्दी क्या थी जाने की। जवान की मौत से जहां परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। वहीं उन्हें संभालने के लिए आसपास के सैकड़ो लोग लग हुए थे। सभी लोग मृत जवान के व्यवहार बातचीत और स्वभाव की चर्चा करते हुए नजर आए।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।