रिम्स में देर रात तक खुली रहती है लाइब्रेरी, एमजीएम में लगा है ताला
एमजीएम मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थी लाइब्रेरी से किताबें नहीं मिलने की समस्या का सामना कर रहे हैं। रिम्स रांची की लाइब्रेरी देर रात तक खुली रहती है और वहां छात्रों को कई किताबें पढ़ने को मिलती हैं।...

एमजीएम मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थी लाइब्रेरी से किताब नहीं मिलने की समस्या से जूझ रहे हैं। जबकि इसी राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स रांची में देर रात तक लाइब्रेरी खुली रहती है और एक बार में कई किताबें पढ़ने को मिल जाती हैं। राज्य का सबसे बड़ा अस्पताल होने के कारण वहां यूजी और पीजी में कुल छात्रों की संख्या एमजीएम से अधिक है। बावजूद इसके वहां लाइब्रेरी में एक बार में छात्रों को कई कई किताबें पढ़ने को मिल जाती हैं। इतना ही नहीं, रीडिंग हॉल काफी बड़ा है और एक बार में सैकड़ों छात्र बैठकर पढ़ाई कर सकते हैं।
जबकि एमजीएम अस्पताल राज्य का दूसरा सबसे बड़ा मेडिकल कॉलेज के रूप में जाना जाता है। यहां पीजी की पढ़ाई के लिए भी सीट अन्य चार सरकारी मेडिकल कॉलेजों से अधिक है। बावजूद यहां के छात्रों को पढ़ने के लिए कई किताबें तो दूर एक किताब भी डेढ़ साल से नहीं मिल पा रही है। किताबें हैं भी तो पढ़ने के लिए रीडिंग रूम नहीं है। जो रीडिंग रूम था, उसमें कार्यक्रम आयोजित होते हैं, क्योंकि छात्रों के लिए ऑडिटोरियम की सुविधा उपलब्ध नहीं है। छात्रों को पढ़ने के लिए एग्जामिनेशन हॉल को रीडिंग रूम बना दिया गया है, लेकिन जब परीक्षा होती है तो वहां से छात्रों को हटना पड़ता है। ऐसे में छात्रों को पढ़ाई के लिए अपने कमरे के अलावा और कोई जगह नहीं है। 24 घंटे खुले लाइब्रेरी छात्रों का कहना है कि लाइब्रेरी में काफी संख्या में छात्र एक साथ पढ़ते हैं, जिससे वहां पढ़ाई का माहौल बनता है और एक दूसरे से पूछताछ आराम से कर लेते हैं। दिनभर कॉलेज में रहते हैं, इसलिए रात में पढ़ाई के लिए 24 घंटे लाइब्रेरी खुलनी चाहिए। जब यहां लाइब्रेरी से किताबें मिलती थीं तब भी देर शाम को लाइब्रेरी बंद कर दी जाती थी। छात्रों को लाइब्रेरी की सुविधा जल्द तो दी ही जानी चाहिए। एक बार में कई किताबें भी जारी करनी चाहिए। इसके साथ ही लाइब्रेरी को 24 घंटे खोला जाए, ताकि देर रात तक भी छात्र-छात्राएं चाहें तो पढ़ाई कर सकें। डॉ. राघवेन्द्र, झारखंड सचिव, जेडीएन हमलोग लाइब्रेरी खुलवाने के लिए लगे हैं। रीडिंग रूम को भी जल्द ही तैयार कराएंगे, ताकि छात्र-छत्राओं को पढ़ने की सुविधा मिल सके। ऑडिटोरियम ठीक होगा तो छात्र वहां अपना कार्यक्रम कर सकेंगे। -डॉ. दिवाकर हांसदा
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