नीतीश कुमार नॉर्मल नहीं हैं, राबड़ी देवी को सदन में इशारा करते हैं; क्या बोले तेजस्वी यादव?
तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन के अंदर राबड़ी देवी को इशारा करते हुए पूछते हैं कि बिंदी क्यों लगाई, उनकी हरकतों और बोली से लगता है कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लालू परिवार हमलावर है। अब पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने उनपर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने दावा किया कि नीतीश कुमार का स्वास्थ्य ठीक नहीं हैं। वह सदन में इशारे और हरकतें करते रहते हैं, इससे लगता है कि वह नॉर्मल नहीं हैं। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि सीएम नीतीश उनकी मां एवं पूर्व सीएम राबड़ी देवी को सदन के अंदर इशारे करते हैं। वह राबड़ी से पूछते हैं कि उन्होंने बिंदी क्यों लगाई है। आरजेडी नेता ने इसके वीडियो भी सदन से निकलवाने की मांग की।
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बुधवार को कहा कि हमें अब नीतीश कुमार पर तरस और दया आती है। सीएम अब इस पड़ाव पर पहुंच गए हैं कि हमें भगवान से उनके स्वास्थ्य को ठीकर रखने की कामना करनी पड़ रही है। सदन के अंदर उनकी बोली और हरकतें साफ बताती हैं कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। नीतीश को खुद से ही इस्तीफा दे देना चाहिए।
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि पहले भी जब शीला मंडल मंत्री रहीं, तो नीतीश उनकी बिंदी पर लगातार टीका-टिप्पणी करते थे। तेजस्वी ने कहा, “नीतीश कहते हैं लालू यादव को (सीएम) बनाए थे, लेकिन लालू से उनका कोई कंपेरिजन ही नहीं है। नीतीश लगातार चुनाव हारे, लेकिन हमारे पिता (लालू) 1977 में ही सांसद बन गए। नीतीश 1977 और 1980 में दो बार हारे, जब जेपी की लहर थी तब हरनौत से विधानसभा का चुनाव हारे। नीतीश कुमार से पहले लालू सांसद बन चुके थे। लालू ने कितने ही प्रधानमंत्री बनाए। तेजस्वी ने दो बार नीतीश को मुख्यमंत्री बनाया।”
तेजस्वी ने नीतीश को डरपोक सीएम करार दिया। उन्होंने कहा कि जब भी बिहार में सरकार बदलती है तो नीतीश ही इस्तीफा देते हैं, वे किसी को हटाते नहीं हैं। फिर विधानसभा में कहते हैं कि इन्हें हटा दिए, जबकि सच ये है कि तेजस्वी इस्तीफा नहीं देता, बल्कि खुद नीतीश ही रिजाइन करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि नीतीश को विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी समर्थन देती है, तब जाकर वे सीएम बनते हैं। दो बाहर आरजेडी ने उनको समर्थन दिया था।
नेता प्रतिपक्ष ने दावा किया कि नीतीश कुमार के दिन लद गए हैं। उन्हें आश्रम जाकर प्रवचन करना चाहिए। अब वे बिहार चलाने के लायक नहीं रह गए हैं। मुख्यमंत्री का पद संवैधानिक है, इसकी गरिमा है, 14 करोड़ लोगों का भविष्य उनके हाथ में है। इसलिए उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।