hindustan editorial column 19 June 2025 कनाडा में दो-टूक, Editorial Hindi News - Hindustan
Hindi Newsओपिनियन ब्लॉगhindustan editorial column 19 June 2025

कनाडा में दो-टूक

पाकिस्तानी फौज के मुखिया आसिम मुनीर जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दावत में शरीक होने की तैयारी कर रहे थे, उसके कुछ ही समय पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप की पहल पर हुई बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-पाक संघर्ष व आतंकवाद के बारे में जो कुछ कहा…

Hindustan लाइव हिन्दुस्तानWed, 18 June 2025 10:06 PM
share Share
Follow Us on
कनाडा में दो-टूक

पाकिस्तानी फौज के मुखिया आसिम मुनीर जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दावत में शरीक होने की तैयारी कर रहे थे, उसके कुछ ही समय पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप की पहल पर हुई बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-पाक संघर्ष व आतंकवाद के बारे में जो कुछ कहा, उससे यकीनन पाकिस्तान और मुनीर के मनसूबों पर पानी फिर गया होगा। बल्कि वाशिंगटन को भी यह एहसास हो गया होगा कि राजनय में बड़बोलापन एक बुराई है और इससे बचा जाना चाहिए। गौरतलब है, राष्ट्रपति ट्रंप लगातार दावा कर रहे थे कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत-पाकिस्तान के संघर्ष को उन्होंने हस्तक्षेप करके रुकवाया। मगर प्रधानमंत्री मोदी ने दो-टूक शब्दों में राष्ट्रपति ट्रंप से कहा है कि भारत ने कभी किसी की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की और न ही करेगा। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने दोनों शासनाध्यक्षों की इस बातचीत का ब्योरा पेश करते हुए बताया है कि प्रधानमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान किसी स्तर पर अमेरिका से ट्रेड डील या मध्यस्थता को लेकर कोई बात नहीं हुई थी। इस विवाद के पटाक्षेप के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने बिल्कुल माकूल जगह और वक्त चुना है। उनके उत्तर से कनाडा में जुटे तमाम ताकतवर देशों के शासनाध्यक्षों पर भी भारत का रुख जाहिर हो गया है। साथ ही, घरेलू स्तर पर भी सीजफायर को लेकर उन्हें घेरने की विपक्ष की कोशिशें कमजोर होंगी।

जी-7 की बैठक में भाग लेने कनाडा के कनानास्किस पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा इसलिए भी याद किया जाएगा कि लंबे समय से भारत और कनाडा के द्विपक्षीय रिश्तों में जमी बर्फ के पिघलने का ठोस संकेत सामने आया है। दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने ओटावा और नई दिल्ली में उच्चायुक्तों की बहाली पर अपनी सहमति जताई है। दोनों ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से जंग में सहयोग पर भी एकमत जाहिर किया है। विडंबना यह है कि आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में ही दोनों के रिश्ते राजनयिकों को निष्कासित करने के कटु मोड़ तक पहुंच गए थे। बहरहाल, यह कोई ढकी-छिपी बात नहीं है कि कनाडा के प्रति राष्ट्रपति ट्रंप के तल्ख तेवर ने उसे अधिक व्यावहारिक रुख अपनाने को प्रेरित किया है। उसके नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने भारत के साथ एआई और ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग की इच्छा जताई है, तो भारत ने भी आपसी रिश्तों के महत्व को रेखांकित किया है। मगर ओटावा को भारत की चिंताओं को समझना होगा। खालिस्तानी आतंकियों को वहां से मिलने वाले खाद-पानी पर रोक में दोनों देशों के मधुर रिश्तों की चाबी है।

वैसे भी, विश्व राजनय में रिश्ते जरूरत के हिसाब से बदलते रहते हैं। आखिर पाकिस्तान की संप्रभुता को रौंदते हुए अमेरिका द्वारा एबटाबाद में की गई कार्रवाई को कितने साल बीते हैं? मगर एक बार फिर वाशिंगटन को इस्लामाबाद की मदद की दरकार आन पड़ी है, ताकि वह तेहरान को सबक सिखा सके। अमेरिका के इस दोहरेपन ने ही अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की धार कुंद की है। आसिम मुनीर को लंच पर बुलाकर राष्ट्रपति ट्रंप ने पाकिस्तान के राजनीतिक नेतृत्व को ही उसकी हैसियत का एहसास नहीं कराया है, बल्कि हमारे पड़ोस में लोकतंत्र की जड़ों में मट‌्ठा डालने का भी काम किया है। खैर, भारत ने एक बार फिर दुनिया के सामने साफ कर दिया है कि उसकी धरती पर यदि किसी ने दहशतगर्दी फैलाने की कोशिश की, तो उसे देश के खिलाफ युद्ध माना जाएगा।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।