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रामकृष्ण सिन्हा के नेतृत्व में शिक्षा के क्षेत्र में दिशा न्यूक्लियस गढ़ रहा नए आयाम

बिहार के ऐतिहासिक नगर भागलपुर की पावन धरती ने अनेक प्रतिभाओं को जन्म दिया है, और उन्हीं में से एक हैं रामकृष्ण सिन्हा, एक समर्पित शिक्षक, समाज सुधारक और शिक्षा को जन-जन तक पहुंचाने का सपना देखने वाले शख्स।

Brand PostThu, 29 May 2025 06:32 PM
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रामकृष्ण सिन्हा के नेतृत्व में शिक्षा के क्षेत्र में दिशा न्यूक्लियस गढ़ रहा नए आयाम

बिहार के ऐतिहासिक नगर भागलपुर की पावन धरती ने अनेक प्रतिभाओं को जन्म दिया है, और उन्हीं में से एक हैं रामकृष्ण सिन्हा, एक समर्पित शिक्षक, समाज सुधारक और शिक्षा को जन-जन तक पहुंचाने का सपना देखने वाले शख्स। उनका जीवन संघर्ष, समर्पण और शिक्षा के प्रति अटूट विश्वास का परिचायक है। और उनके इसी कर्मठता, लगन का परिणाम है दिशा न्यूक्लियस, जहां उच्च एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से बच्चों के भविष्य को रोशन किया जा रहा है।

रामकृष्ण सिन्हा की कहानी केवल एक व्यक्ति की सफलता नहीं, बल्कि उस सोच की जीत है जिसमें शिक्षा को समाज निर्माण का आधार माना गया है। उनका जीवन उन युवाओं के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों में भी बड़ा सपना देखना चाहते हैं।

एक शिक्षक, एक निर्माता, एक समाजसेवी रामकृष्ण सिन्हा शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रकाश स्तंभ बनकर उभरे हैं। भागलपुर और उसके आस-पास के सैकड़ों छात्र उनकी इस साधना से लाभान्वित हो रहे हैं और आगे भी होते रहेंगे।

प्रारंभिक जीवन और प्रेरणास्रोत

रामकृष्ण सिन्हा का जन्म भागलपुर में एक सामान्य परिवार में हुआ। उनके पिता अक्षय कुमार सिन्हा एक ड्राफ्ट्समैन थे, जो मकानों का नक्शा तैयार करते थे। यह तकनीकी कार्य तो उनका पेशा था, लेकिन शिक्षा से उनका लगाव इतना गहरा था कि वे ट्यूशन भी पढ़ाते थे। पिता के इसी समर्पण और संघर्ष की छाया में रामकृष्ण सिन्हा बड़े हुए। उनका मानना है कि शिक्षक बनना केवल एक पेशा नहीं, बल्कि सेवा है और यह उद्देश्य उन्हें विरासत में मिला।

उनकी माता जी की मां यानी उनकी नानी, श्रीमती आनु बाला, आज 96 वर्ष की उम्र में भी उनकी प्रेरणा स्रोत बनी हुई हैं। एक अनुशासित और पारिवारिक परिवेश में पले-बढ़े रामकृष्ण सिन्हा का विवाह रुचि कुमारी से हुआ। उनके दो संतान हैं पुत्र तेजस सिन्हा और पुत्री तनुश्री सिन्हा।

शैक्षणिक यात्रा

रामकृष्ण सिन्हा की प्रारंभिक शिक्षा भागलपुर के सीएमएस हाई स्कूल से हुई, जहां से उन्होंने 1996 में मैट्रिक परीक्षा पास की। इसके बाद उन्होंने इंटरमीडिएट की पढ़ाई मारवाड़ी कॉलेज, भागलपुर से 1998 में पूरी की। विज्ञान विषय में रुचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग में करियर बनाने का फैसला किया।

उन्होंने गाजियाबाद के प्रतिष्ठित कृष्णा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (KIET) से इलेक्ट्रिकल एण्ड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री प्राप्त की (1998-2002)। यह चार साल न केवल तकनीकी ज्ञान के निर्माण का समय था, बल्कि आत्मनिर्भरता की शुरुआत भी थी। दसवीं कक्षा से ही वे ट्यूशन पढ़ाने लगे थे, और उसी आय से अपने शैक्षणिक और व्यक्तिगत खर्चों को संभालते रहे।

दिशा न्यूक्लियस">दिशा न्यूक्लियस : ट्यूशन क्लासेस से विद्यालय का रूप लेने तक की यात्रा

2002 में जब उन्होंने बीटेक की पढ़ाई पूरी की, तब उन्होंने 'दिशा न्यूक्लियस' नामक ट्यूशन क्लासेस स्टार्ट की। यह एक सामान्य ट्यूशन सेंटर के रूप में शुरू हुआ, जहां वे केवल फिजिक्स पढ़ाते थे। लेकिन उनका पढ़ाने का अंदाज, विषय की गहराई और बच्चों के साथ संवाद ने जल्द ही दिशा को एक लोकप्रिय संस्थान बना दिया। 2005 तक यह ट्यूशन एक पूर्ण कोचिंग संस्थान में बदल चुका था, जहां फिजिक्स के साथ-साथ केमिस्ट्री और मैथ्स भी पढ़ाई जाने लगीं। 2010 में उन्होंने कॉमर्स विषय को भी जोड़ा, जिससे अधिक छात्रों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्राप्त हो सके।

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चंद्रकला सिन्हा ट्रस्ट के अंतर्गत हुई दिशा न्यूक्लियस स्कूल की स्थापना

21 जनवरी 2017 को उनकी माँ चंद्रकला सिन्हा का निधन हो गया अपनी माँ की स्मृति में तथा शिक्षा के क्षेत्र में स्थायित्व और व्यापकता के उद्देश्य से रामकृष्ण सिन्हा ने चन्द्रकला सिन्हा ज्ञानोदय ट्रस्ट की स्थापना की। इस ट्रस्ट के अंतर्गत उन्होंने 'दिशा न्यूक्लियस स्कूल' की नींव रखी, जो शुरुआत में कक्षा 8वीं तक के लिए संचालित था। स्कूल की आधारशिला रखते समय उनका उद्देश्य केवल शैक्षणिक ज्ञान देना नहीं था, बल्कि बच्चों के समग्र विकास को सुनिश्चित करना था।

2020 में उन्होंने स्कूल को कक्षा 12वीं तक विस्तारित कर दिया। यह स्कूल अब CBSE से मान्यता प्राप्त है और भागलपुर में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का पर्याय बन चुका है। कोविड-19 महामारी के समय जब अधिकांश संस्थान बंद थे या ऑनलाइन शुल्क वसूल रहे थे, तब रामकृष्ण सिन्हा ने 13 महीने तक निःशुल्क शिक्षा देकर समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाया।

आज दिशा न्यूक्लियस स्कूल 2.5 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है और वर्तमान में 1200 छात्र-छात्राएं यहां पढ़ रहे हैं। स्कूल में अनुभवी और समर्पित शिक्षक कार्यरत हैं। प्रत्येक विषय के लिए अलग-अलग विशेषज्ञ हैं और स्मार्ट क्लास रूम, एलजी बोर्ड, विज्ञान की प्रयोगशालाएं (फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स, बायोलॉजी), कंप्यूटर लैब, लाइब्रेरी तथा खेल के लिए विशाल मैदान जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं। प्राथमिक और सेकेंडरी विंग अलग-अलग हैं, जिससे बच्चों की उम्र और जरूरत के अनुसार शिक्षा पद्धति को लागू किया जा सके। स्कूल में अनुशासन को विशेष महत्व दिया जाता है. लेकिन इसके साथ-साथ कमजोर बच्चों पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है ताकि किसी भी छात्र को पीछे ना रहना पड़े।

शिक्षा के प्रति सोच और दर्शन

रामकृष्ण सिन्हा शिक्षा को केवल किताबों तक सीमित नहीं मानते। उनका मानना है कि बच्चों की सोच, व्यवहार और सामाजिक जिम्मेदारी का विकास भी शिक्षक की जिम्मेदारी है। वे शिक्षा को ऐसा माध्यम मानते हैं जो समाज में परिवर्तन ला सकता है। उनका खुद का जीवन इसी सोच का उदाहरण है जहां एक मध्यमवर्गीय परिवार से निकलकर एक शिक्षक न केवल अपना भविष्य गढ़ता है, बल्कि सैकड़ों बच्चों के जीवन को आकार देता है।

डॉ. विवेक के नेतृत्व में चल रहा कॉमर्स की पढ़ाई

डॉ. विवेक कुमार के नेतृत्व में 2010 में दिशा न्यूक्लियस में कॉमर्स विषय की पढ़ाई शुरू हुई। विवेक कुमार ने तिलकामांझी विश्वविद्यालय से कॉमर्स में मास्टर डिग्री प्राप्त की है। मास्टर डिग्री के बाद उन्होंने बीएड और पीएचडी भी की। विवेक कुमार की खासियत यह है कि वे सभी बच्चों के बेहद करीब रहते हैं, उनकी समस्याओं को सुनते हैं और उनका त्वरित समाधान करते हैं। दिशा न्यूक्लियस स्कूल में साइंस विषय की जिम्मेदारी राम कृष्ण सिंह के पास है, जबकि कॉमर्स विषय की जिम्मेदारी विवेक कुमार के पास है। अभिभावक और बच्चे उनसे सीधे फोन पर बात कर सकते हैं।

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भविष्य की दिशा

रामकृष्ण सिन्हा के नेतृत्व में दिशा न्यूक्लियस लगातार विस्तार की ओर अग्रसर है। उनका सपना है कि वे आने वाले वर्षों में इस संस्थान को विस्तारित करें, जहां विभिन्न क्षेत्रों के लिए विशेष कोर्स संचालित किए जाएं। वे चाहते हैं कि भागलपुर जैसे शहरों में भी मेट्रो सिटी की तरह शिक्षा की सुविधाएं हों, ताकि बच्चों को बाहर जाने की मजबूरी न हो।

संदेश....

हमारा स्कूल केवल किताबों तक सीमित नहीं, बल्कि बच्चों के भविष्य की नींव है। हम चाहते हैं कि हर बच्चा आत्मनिर्भर बने, सोचने की क्षमता विकसित करे और जीवन में सफलता पाए। अभिभावकों का सहयोग और विश्वास ही हमारी सबसे बड़ी प्रेरणा है। किसी भी छात्र के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पूरे 2 साल में उन्हे कौन से शिक्षक पढ़ाएगें। दिशा न्यूक्लियस आपको विश्वास दिलाता है कि हमारे सभी शिक्षक आपको पूरे 2 वर्षों तक पूरी ईमानदारी के साथ पढ़ाएगे।

ई. रामकृष्ण सिन्हा, सचिव दिशा न्यूक्लियस">दिशा न्यूक्लियस

पताः-

सैंडीस कंपाउंड इनडोर स्टेडियम के सामने, भागलपुर

सम्पर्क सूत्र - 0641-2434301, 957095992, 9931728466

ईमेल: info@dishanucleus.in

वेबसाईट: www.dishanucleus.in

(अस्वीकरण : इस लेख में किए गए दावों की सत्यता की पूरी जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति/ संस्थान की है)

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