डिफेंस सेक्टर की कंपनी ने की बड़ी डील, फिर भी 5% लुढ़क गया शेयर, आपका है दांव?
गार्डेन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) लिमिटेड के शेयरों में बुधवार को गिरावट दर्ज की गई। कंपनी के शेयर 5% तक गिरकर 3031 रुपये के इंट्रा डे लो पर आ गए थे।

Garden Reach Shipbuilders and Engineers shares: गार्डेन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) लिमिटेड के शेयरों में बुधवार को गिरावट दर्ज की गई। कंपनी के शेयर 5% तक गिरकर 3031 रुपये के इंट्रा डे लो पर आ गए थे। जबकि डिफेंस सेक्टर की इस पीएसयू ने दो कोस्टल रिसर्च पोतों (सीआरवी) के निर्माण के लिए जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। जीएसआई सरकार की एक जियोलॉजिकल एजेंसी है। बता दें कि कंपनी के शेयर पिछले एक महीने में ऑपरेशन सिंदूर के बाद 70.23 प्रतिशत तक चढ़ गए हैं।
क्या है डिटेल
जीआरएसई ने बीएसई फाइलिंग में कहा, ‘हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि कंपनी ने 11 जून, 2025 को GSI के लिए दो CRV के निर्माण के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर साइन किए हैं। ऑर्डर के वित्तीय निहितार्थ में कोई बदलाव नहीं हुआ है।’
कंपनी ने क्या कहा?
जीआरएसई ने कहा, इस ऑर्डर पर हस्ताक्षर अनुसंधान प्लेटफार्मों के क्षेत्र में जीआरएसई की विशेषज्ञता को उजागर करता है। शिपयार्ड वर्तमान में भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय ध्रुवीय और महासागर अनुसंधान केंद्र (एनसीपीओआर) के लिए एक महासागर अनुसंधान पोत (ओआरवी) और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के तहत एक प्रतिष्ठान नौसेना भौतिक और समुद्र विज्ञान प्रयोगशाला (एनपीओएल) के लिए एक ध्वनिक अनुसंधान जहाज (एआरएस) का निर्माण कर रहा है।" कंपनी ने कहा, "प्रत्येक सीआरवी की लंबाई 64 मीटर और चौड़ाई 12 मीटर होगी। प्रत्येक सीआरवी का डेडवेट टन भार लगभग 450 टन होगा। जहाजों की क्षमता 15 दिनों की होगी और इनकी अधिकतम गति 10 नॉट होगी। प्रत्येक जहाज में 35 कर्मियों के लिए सुविधाएं होंगी।" बता दें कि यह रक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक प्रमुख युद्धपोत निर्माण कंपनी है। मार्च 2025 तक, सरकार के पास राज्य के स्वामित्व वाली फर्म में 74.50 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।