Donald Trump Tarrif plan could affect stock market this week डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ ऐलान से तय होगी इस हफ्ते शेयर बाजार की दिशा, FIIs ने भी दिए नरमी के संकेत, Business Hindi News - Hindustan
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डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ ऐलान से तय होगी इस हफ्ते शेयर बाजार की दिशा, FIIs ने भी दिए नरमी के संकेत

  • ग्लोबल ट्रेड पर दो अप्रैल से लागू होने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जवाबी शुल्क (टैरिफ) के प्रभाव, विदेशी बाजारों के रुख और विदेशी निवेशकों की गतिविधियां इस सप्ताह स्थानीय शेयर बाजारों की दिशा तय करेंगी। ‘ईद-उल-फितर’ के मौके पर सोमवार को शेयर बाजार बंद रहेंगे।

Tarun Pratap Singh भाषाSun, 30 March 2025 01:14 PM
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डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ ऐलान से तय होगी इस हफ्ते शेयर बाजार की दिशा, FIIs ने भी दिए नरमी के संकेत

ग्लोबल ट्रेड पर दो अप्रैल से लागू होने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जवाबी शुल्क (टैरिफ) के प्रभाव, विदेशी बाजारों के रुख और विदेशी निवेशकों की गतिविधियां इस सप्ताह स्थानीय शेयर बाजारों की दिशा तय करेंगी। ‘ईद-उल-फितर’ के मौके पर सोमवार को शेयर बाजार बंद रहेंगे।

अमेरिका ने दो अप्रैल को भारत सहित अपने प्रमुख व्यापारिक भागीदार देशों पर दो अप्रैल से जवाबी शुल्क लगाने की घोषणा की है।

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क्या है एक्सपर्ट्स की राय

मेहता इक्विटीज लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा, “अब सभी की निगाहें ट्रंप की दो अप्रैल की शुल्क घोषणा पर टिकी हैं।” इस सप्ताह घोषित किए जाने वाले वृहद आर्थिक आंकड़ों में विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों के लिए पीएमआई (क्रय प्रबंधक सूचकांक) आंकड़ों पर भी निवेशकों की नजर रहेगी।

रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, “आगामी छुट्टियों के कारण कम कारोबारी सत्रों वाले सप्ताह में घरेलू मोर्चे पर संकेतकों के अभाव में बाजार भागीदारी की निगाह वैश्विक घटनाक्रमों पर रहेगी। दो अप्रैल से लागू होने वाले जवाबी शुल्क का वैश्विक व्यापार पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इसपर सभी की निगाह रहेगी।”

जियोजीत इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, “आगे चलकर विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का प्रवाह मुख्य रूप से ट्रंप के जवाबी शुल्क पर निर्भर करेगा। यदि शुल्क का प्रतिकूल प्रभाव बहुत अधिक नहीं रहता है, तो एफआईआई का प्रवाह जारी रह सकता है।” उन्होंने कहा कि एफआईआई की रणनीति बिकवाली से मामूली खरीद की हो गई है। 21 मार्च को समाप्त सप्ताह में यह दिखाई दिया था और 28 मार्च को समाप्त सप्ताह में भी यह रुख जारी रहा।

रुपये और डॉलर पर भी रहेगी निगाह

निवेशकों की निगाह रुपये-डॉलर के रुझान और वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतों पर भी रहेगी। जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लि. के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘इस सप्ताह शुल्क को लेकर चीजें अधिक साफ हो सकेंगी। इससे निवेशक वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव का आकलन कर सकेंगे। सप्ताह के दौरान अमेरिका के रोजगार और भारत के पीएमआई आंकड़े आने हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस बीच, निवेशकों का ध्यान कंपनियों के तिमाही नतीजों पर है, जिससे उनके प्रदर्शन को लेकर स्थिति अधिक स्पष्ट हो सकेगी।’’ पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 509.41 अंक या 0.66 प्रतिशत चढ़ा, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 168.95 अंक या 0.72 प्रतिशत के लाभ में रहा।

वित्त वर्ष 2024-25 में बीएसई सेंसेक्स 3,763.57 अंक या 5.10 प्रतिशत चढ़ा है, वहीं निफ्टी में 1,192.45 अंक या 5.34 प्रतिशत का उछाल आया है। इस दौरान बीएसई की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) 25,90,546.73 करोड़ रुपये बढ़कर 4,12,87,646.50 करोड़ रुपये (4,820 अरब अमेरिकी डॉलर) हो गया है।

(यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार जोखिमों के अधीन है। किसी भी निवेश से पहले सूझ-बूझ के साथ फैसला करें। यहां प्रस्तुत एक्सपर्ट्स के विचार निजी हैं। लाइव हिन्दुस्तान इस आधार पर शेयरों को बेचने और खरीदने की सलाह नहीं देता है।)

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