कमर्शियल बिल्डिंग का नक्शा बिना कारण रोका तो ऐक्शन, निवेश की बाधाओं को लेकर सरकार सतर्क
ओबीपीएएस सिस्टम पर 300 वर्ग मीटर से बड़े नक्शों के आए आवेदनों को रोकने के कारणों की समीक्षा की जिम्मेदारी मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक को देने का फैसला किया गया है। प्रमुख सचिव आवास पी गुरुप्रसाद की अध्यक्षता में बैठक हुई। ओबीपीएएस पोर्टल पर लटके मामलों की समीक्षा की गई थी।

उत्तर प्रदेश में होटल, उद्योग या फिर अन्य किसी भी तरह की व्यवसायिक (कर्मशियल) गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए नक्शा पास करने में आने वाली बाधाओं को दूर किया जाएगा। इतना ही नहीं बिना कारण बताए व्यवसायिक नक्शा रोकने वाले अफसरों पर कार्रवाई भी की जाएगी। उच्च स्तर पर इसको लेकर सहमति बन गई है। सरकार निवेश की राह की बाधाओं को दूर करने को लेकर सतर्क हो गई है।
उच्च स्तर पर ओबीपीएएस सिस्टम पर 300 वर्ग मीटर से बड़े नक्शों के आए आवेदनों को रोकने के कारणों की समीक्षा की जिम्मेदारी मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक को देने का फैसला किया गया है। प्रमुख सचिव आवास पी गुरुप्रसाद की अध्यक्षता में हुई बैठक में ओबीपीएएस पोर्टल पर लटके मामलों की समीक्षा की गई थी। इसमें विकास प्राधिकरणवार यह देखा गया कि नक्शा पास करने की क्या स्थिति है।
बैठक में पाया गया कि नक्शा जमा करने में पिछले वर्ष की अपेक्षा 10 फीसदी की वृद्धि हुई है, लेकिन इसे पास करने की स्थिति यथावत है। प्रदेश में निवेश बढ़ाने के लिए नक्शा पास करने की संख्या को बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया गया है। बैठक में पाया गया कि लखनऊ, अयोध्या, कानपुर, गोरखपुर, प्रयागराज, मेरठ, आगरा, मथुरा-वृंदावन, वाराणसी, आजमगढ़, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, सहारनपुर, फिरोजाबाद-शिकोहाबाद, रायबरेली, रामपुर, बरेली, हापुड़-पिलखुआ, झांसी, मिर्जापुर, उरई, बागपत-बड़ौत-खेड़का विकास प्राधिकरणों में पिछले वर्ष की अपेक्षा नक्शा पास करने की संख्या में कमी आई है।
इससे निवेशकों को प्रदेश में काम शुरू करने में परेशानियां हो रही हैं। प्रमुख सचिव आवास की ओर से निर्देश दिया गया है कि विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अपने स्तर से नक्शा अस्वीकृत होने के कारणों की समीक्षा करेंगे। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि नक्शों पर अनावश्यक आपत्तियां न लगाई जाएं। आवेदकों द्वारा जमा किए गए नक्शों पर सभी खामियों को एक बार में ही चिह्नित किया जाएगा। निवेश मित्र और ओबीपीएएस पोर्टल पर लंबित मामलों का निर्धारित समय में निस्तारण किया जाएगा। मानचित्र समाधान दिवस का हर गुरुवार को नियमित तौर पर आयोजन किया जाएगा, जिससे लोगों को राहत मिल सके।